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जानें क्यों ढह रही हैं बेंगलुरू में इमारतें, विशेषज्ञ ने बताई यह वजह

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कई इमारतें ढहने के मामले सामने आ रहे हैं. जिससे लोगों में दहशत फैल गई है. बेंगलुरु शहर ने पिछले 15 दिनों में तीसरी इमारत गिरने की सूचना मिली है.

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Published : Oct 9, 2021, 2:59 PM IST

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बेंगलुरू : बेंगलुरु शहर ने पिछले 15 दिनों में तीसरी इमारत गिरने की सूचना मिली है. बिल्डिंग डिजाइनर नरेश ने शहर में इमारतों के ढहने का कारण बताया है. वे कहते हैं कि बीबीपीएम नियमों का उल्लंघन करके बनाए गए भवन ही इसकी मुख्य वजह हैं.

कहा कि निर्माण से पहले और बाद में मालिकों को बीबीएमपी नियमों का पालन करना चाहिए. ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) और बैंगलोर विकास प्राधिकरण (बीडीए) को अनुमति देने से पहले सब कुछ सत्यापित करना चाहिए. लेकिन बीबीएमपी और बीडीए दोनों की लापरवाही इमारतों के ढहने का कारण बनती है. शहर में पिछले 15 वर्षों से नियम का उल्लंघन करने वाले कई भवन हैं.

नरेश सलाह देते हैं कि अगर बीबीएमपी इस तरह की तीन-चार इमारतों को गिरा देता है, तो यह दूसरों को नियमों के बारे में जागरूक होने का संदेश देगा. उनका कहना है कि मैप्स देने से पहले बीबीएमपी को सर्टिफिकेट ऑफ कंफर्मिटी, सर्टिफिकेट ऑफ इंजीनियर स्टेबिलिटी का सर्टिफिकेट देना चाहिए.

इसे क्षेत्र और उपयोग, भवन की ऊंचाई, भवन कवरेज, फ्लोर स्पेस इंडेक्स, घनत्व इत्यादि की समीक्षा करनी चाहिए. लेकिन आजकल बीबीएमपी बिना अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किए पानी और बिजली प्रदान कर रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि भवन मालिक बीबीएमपी अधिकारियों को रिश्वत दे रहे हैं.

कई इमारतें गिरने की घटनाएं

27 सितंबर को बेंगलुरु के लक्कासंद्रा में एक तीन मंजिला इमारत, जहां बेंगलुरु मेट्रो के निर्माण श्रमिक रह रहे थे, गिर गई. यह 70 साल पुरानी इमारत थी. इमारत के मालिक सुरेश को गिरफ्तार कर लिया गया है.

अगले ही दिन (28 सितंबर) को कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड (केएमएफ) में एक और तीन मंजिला इमारत (35 साल पहले बनी), जिसमें 15 से अधिक परिवार रहते थे, गिर गई. दोनों घटनाएं एक दूसरे से एक किलोमीटर के दायरे में दक्षिण बेंगलुरु में हुईं. सौभाग्य से दोनों घटनाओं में इमारत गिरने से पहले निवासी बाहर आ गए.

बीते 7 अक्टूबर को शहर के कस्तूरीनगर में डॉक्टर लेआउट में एक पांच मंजिला आवासीय परिसर ढह गया. इस घटना से निवासियों में दहशत फैल गई. सौभाग्य से कोई घायल नहीं हुआ. अपार्टमेंट में रहने वाले परिवार पहला संकेत मिलते ही भागने में सफल रहे. इमारत के मालिक फारूक बेग के खिलाफ राममूर्ति नगर थाने में मामला दर्ज किया गया है. फारूक बेग फरार हो गया है. यह महज 7 साल पुरानी इमारत है जिसे 2014 में बनाया गया था.

सूत्रों के अनुसार केवल दो मंजिला के लिए मंजूरी मिलने के बावजूद पांच मंजिला भवन का निर्माण कराया गया. दूसरे भवन में भारी भार को सहन करने की क्षमता नहीं है. इमारत की नींव कमजोर थी, जिससे ढह गई. इस प्रकार बिल्डर (बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी) के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है.

क्या कहता है बीबीएमपी सर्वे?

2019 नवंबर में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार 194 इमारतें ढहने/जीर्ण अवस्था में हैं. इनमें 77 भवनों के मालिकों को नोटिस जारी किया गया है. नोटिस देने के बाद भी बीबीएमपी ने कोई कार्रवाई नहीं की. इमारत गिरने के बाद ही कार्रवाई कर रही बीबीएमपी.

यह भी पढ़ें-फ्रेडरिक्सन के साथ वार्ता के बाद बोले पीएम मोदी, हमने द्विपक्षीय साझेदारी की समीक्षा की

बीबीएमपी आयुक्त गौरव गुप्ता ने कहा कि हमने भवन निर्माण नियमों का उल्लंघन करने वाले इंजीनियरों के साथ-साथ भवन मजबूती के प्रमाण पत्र प्राप्त करने में विफल रहने वाले मालिकों के खिलाफ बिना किसी झिझक के सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है.

बेंगलुरू : बेंगलुरु शहर ने पिछले 15 दिनों में तीसरी इमारत गिरने की सूचना मिली है. बिल्डिंग डिजाइनर नरेश ने शहर में इमारतों के ढहने का कारण बताया है. वे कहते हैं कि बीबीपीएम नियमों का उल्लंघन करके बनाए गए भवन ही इसकी मुख्य वजह हैं.

कहा कि निर्माण से पहले और बाद में मालिकों को बीबीएमपी नियमों का पालन करना चाहिए. ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) और बैंगलोर विकास प्राधिकरण (बीडीए) को अनुमति देने से पहले सब कुछ सत्यापित करना चाहिए. लेकिन बीबीएमपी और बीडीए दोनों की लापरवाही इमारतों के ढहने का कारण बनती है. शहर में पिछले 15 वर्षों से नियम का उल्लंघन करने वाले कई भवन हैं.

नरेश सलाह देते हैं कि अगर बीबीएमपी इस तरह की तीन-चार इमारतों को गिरा देता है, तो यह दूसरों को नियमों के बारे में जागरूक होने का संदेश देगा. उनका कहना है कि मैप्स देने से पहले बीबीएमपी को सर्टिफिकेट ऑफ कंफर्मिटी, सर्टिफिकेट ऑफ इंजीनियर स्टेबिलिटी का सर्टिफिकेट देना चाहिए.

इसे क्षेत्र और उपयोग, भवन की ऊंचाई, भवन कवरेज, फ्लोर स्पेस इंडेक्स, घनत्व इत्यादि की समीक्षा करनी चाहिए. लेकिन आजकल बीबीएमपी बिना अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किए पानी और बिजली प्रदान कर रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि भवन मालिक बीबीएमपी अधिकारियों को रिश्वत दे रहे हैं.

कई इमारतें गिरने की घटनाएं

27 सितंबर को बेंगलुरु के लक्कासंद्रा में एक तीन मंजिला इमारत, जहां बेंगलुरु मेट्रो के निर्माण श्रमिक रह रहे थे, गिर गई. यह 70 साल पुरानी इमारत थी. इमारत के मालिक सुरेश को गिरफ्तार कर लिया गया है.

अगले ही दिन (28 सितंबर) को कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड (केएमएफ) में एक और तीन मंजिला इमारत (35 साल पहले बनी), जिसमें 15 से अधिक परिवार रहते थे, गिर गई. दोनों घटनाएं एक दूसरे से एक किलोमीटर के दायरे में दक्षिण बेंगलुरु में हुईं. सौभाग्य से दोनों घटनाओं में इमारत गिरने से पहले निवासी बाहर आ गए.

बीते 7 अक्टूबर को शहर के कस्तूरीनगर में डॉक्टर लेआउट में एक पांच मंजिला आवासीय परिसर ढह गया. इस घटना से निवासियों में दहशत फैल गई. सौभाग्य से कोई घायल नहीं हुआ. अपार्टमेंट में रहने वाले परिवार पहला संकेत मिलते ही भागने में सफल रहे. इमारत के मालिक फारूक बेग के खिलाफ राममूर्ति नगर थाने में मामला दर्ज किया गया है. फारूक बेग फरार हो गया है. यह महज 7 साल पुरानी इमारत है जिसे 2014 में बनाया गया था.

सूत्रों के अनुसार केवल दो मंजिला के लिए मंजूरी मिलने के बावजूद पांच मंजिला भवन का निर्माण कराया गया. दूसरे भवन में भारी भार को सहन करने की क्षमता नहीं है. इमारत की नींव कमजोर थी, जिससे ढह गई. इस प्रकार बिल्डर (बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी) के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है.

क्या कहता है बीबीएमपी सर्वे?

2019 नवंबर में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार 194 इमारतें ढहने/जीर्ण अवस्था में हैं. इनमें 77 भवनों के मालिकों को नोटिस जारी किया गया है. नोटिस देने के बाद भी बीबीएमपी ने कोई कार्रवाई नहीं की. इमारत गिरने के बाद ही कार्रवाई कर रही बीबीएमपी.

यह भी पढ़ें-फ्रेडरिक्सन के साथ वार्ता के बाद बोले पीएम मोदी, हमने द्विपक्षीय साझेदारी की समीक्षा की

बीबीएमपी आयुक्त गौरव गुप्ता ने कहा कि हमने भवन निर्माण नियमों का उल्लंघन करने वाले इंजीनियरों के साथ-साथ भवन मजबूती के प्रमाण पत्र प्राप्त करने में विफल रहने वाले मालिकों के खिलाफ बिना किसी झिझक के सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है.

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