मेरठ: राजधानी लखनऊ के पॉश इलाके हजरतगंज में अलाया अपार्टमेंट के ढहने की घटना के मामले में सपा विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर का नाम सामने आया है. उनके बेटे नवाजिश शाहिद इस अपार्टमेंट में पार्टनर हैं. पुलिस और एसओजी की टीम ने मंगलवार देर रात मेरठ के जली कोठी स्थित आवास से नवाजिश को हिरासत में ले लिया. पूछताछ के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में एसओजी की टीम लखनऊ लेकर गई. अपार्टमेंट को यजदान बिल्डर ने बनाया था. वहीं, चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में 14 लोगों को बचा लिया गया है.
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Lucknow building collapse | Uttar Pradesh: So far 14 people have been rescued after a residential building collapsed yesterday on Wazir Hasanganj Road in Lucknow.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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दरअसल, लखनऊ के बजीरहसन रोड स्थित पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट मंगलवार शाम को गिर गया था. सूचना के आधार पर यह बात सामने आई है कि अलाया अपार्टमेंट सपा विधायक शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश और भतीजे के नाम पर है. जबकि, इसका निर्माण याजदान बिल्डर ने कराया था. अपार्टमेंट का नाम नवाजिश शाहिद की बेटी अलाया के नाम पर ही है. इस हादसे के बाद से लगातार तमाम राहत एवं बचाव कार्य जारी है.
जांच में बिल्डिंग निर्माण में गड़बड़ी की आशंका के चलते पुलिस ने नवाजिश और बिल्डर की तलाश शुरू की. मेरठ समेत अन्य शहरों में अलग-अलग कई स्थानों पर छापेमारी की गई. सपा विधायक शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश शाहिद को पूछताछ के बाद कड़ी सुरक्षा में लखनऊ भेजा गया. काफी पूछताछ के बाद नवाजिश शाहिद को पुलिस की टीम रात करीब एक बजकर 35 मिनट पर लखनऊ लेकर रवाना हो गई थी.
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Lucknow building collapse | Uttar Pradesh: Rescue operation is going on for 12 hours, it can take 5-6 hours more. Those who have been taken to the hospital are safe. We are yet to arrest and file an FIR. Expert opinion needed to ascertain reason behind collapse:UP DGP
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पूर्व मंत्री व किठौर से सपा विधायक शाहिद मंजूर ने बताया है कि अलाया अपार्टमेंट की जमीन पर बिल्डिंग बनाई गई थी. वह उनके बेटे नवाजिश और भतीजे तारिक के नाम पर थी. बिल्डिंग को यजदान बिल्डर ने बनाया था. उन्होंने बताया कि 2003 में चार सौ गज जमीन नवाजिश और तारिक के नाम खरीदी थी. इसमें सौ गज में रास्ता और बाकी में अपार्टमेंट बनाया गया था. 2004-05 में ही पूरी बिल्डिंग बिक गई थी. इस समय मेंटेनेंस का काम चल रहा था और मंगलवार को यह हादसा हो गया. उन्होंने बताया कि उनके बेटे नवाजिश को पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया है. विधायक के परिवार को लिखित में नोटिस भी दिया है कि परिवार का कोई भी सदस्य बिना अनुमति फिलहाल जनपद के बाहर न जाए. पुलिस को जांच में सहयोग करे.
लखनऊ जाने से पूर्व पूछताछ के दौरान नवाजिश शाहिद ने भी यह बात स्वीकार की है कि उनके और उनके चचेरे भाई तारिक के नाम जमीन है. उन्होंने पूछताछ में यह भी जानकारी दी है कि यजदान बिल्डर से बिल्डर एग्रीमेंट किया हुआ था. फाहद यजदानी सेठु ने एग्रीमेंट के बाद 12 फ्लैट बनाए थे. जानकारी ये भी मिली है कि 2 फ्लैट शाहिद मंजूर परिवार को दिए गए थे. फ्लैट का बैनामा शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश और भतीजे तारिक ने किया था. सपा विधायक शाहिद मंजूर भी अलाया अपार्टमेंट में रहे थे. नवाजिश की बहन और बहनोई भी फ्लैट में रह रहे थे, जोकि अभी एक हफ्ते पहले ही आगरा चले गए थे. लेकिन, बीते दिन ही नवाजिश के बहनोई फ्लैट में आए थे.
मंगलवार शाम जब अपार्टमेंट के अचानक ढहने की घटना हुई तो कोई भी जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचा था. इसके बाद फ्लैट से निकाले गए लोगों द्वारा ही नवाजिश, याजदान बिल्डर और अन्य लोगों के बारे में जानकारी दी गई. राजस्व विभाग समेत अन्य माध्यमों से यह पता किया गया था कि अलाया अपार्टमेंट को किसने बनाया और किस-किस की इसमें हिस्सेदारी है. इसके बाद लखनऊ से प्राप्त इनपुट के आधार पर नवाजिश को मेरठ से हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद पुलिस लखनऊ ले गई.
लखनऊ के वजीर हसन रोड के अलाया अपार्टमेंट का निर्माण 2010 में हुआ था. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी और अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने इस बिल्डिंग के मलबे के आसपास निरीक्षण किया. लेकिन, मंगलवार देर रात तक उन्होंने इस मुद्दे पर कोई भी बयान जारी नहीं किया था. सूत्रों का कहना है कि यह स्पष्ट है कि बिल्डिंग अवैध निर्माण करके बनाई गई थी.
प्राथमिक जांच में यह सामने आ रहा है कि बिल्डिंग का निर्माण अवैध नक्शा पास कराकर नहीं किया गया था. एलडीए ने हमेशा की तरह कागजी नोटिस इस इमारत को भी जारी किए थे. लेकिन, कार्रवाई के नाम पर केवल दिखावा ही किया गया. नतीजा यह रहा कि पूरी इमारत बनकर तैयार भी हो गई और लोग इसमें रहने भी लगे. लेकिन, निर्माण गुणवत्ता इतनी खराब श्रेणी की थी कि मात्र 13 साल में ही यह बिल्डिंग जर्जर हो गई. चर्चित बिल्डर यजदान का ऑफिस कुछ साल पहले तक इसी बिल्डिंग में था. चर्चा यह है कि यजदान बिल्डर के साथ मिलकर यह बिल्डिंग बनाई गई थी.
अलाया अपार्टमेंट सिर्फ 9 इंच के पिलर पर खड़ा किया गया था. ये भी कहा जा रहा है कि कमजोर बुनियाद के बावजूद बेसमेंट में खुदाई चल रही थी. सेना ने रेस्क्यू की कमान संभाली हुई है. मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी एवं प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद मौके पर मौजूद हैं. बगल की बिल्डिंग के कुछ फ्लैट भी खाली कराए गए हैं. रात में सुचारू रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए आसपास बड़ी लाइटें लगाई गई थीं. राहत एवं बचाव कार्य जारी है. मलवा हटाया जा रहा है. रेस्क्यू पड़ोस की दीवार काटकर किया जा रहा है. हादसे के समय 8 परिवार बिल्डिंग में थे. निकाले गए लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
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