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Building Collapsed in Lucknow: 13 साल पहले बिल्डिंग को गिराने का आदेश देकर भूल गए थे अफसर - अलाया अपार्टमेंट का डिमोलेशन ऑर्डर

राजधानी में हजरतगंज के वजीर हसन रोड पर स्थित अलाया अपार्टमेंट मंगलवार शाम करीब 6:30 बजे अचानक ढह (Building Collapsed In Lucknow) गया था. इस हादसे में फिर जिम्मेदारों की लापरवाही मानी जा रही है. बताया जा रहा है कि कई वर्षों पहले अपार्टमेंट को ध्वस्त करने का आदेश दिया गया था.

Building Collapsed in Lucknow
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Published : Jan 25, 2023, 5:40 PM IST

लखनऊ : वजीर हसन रोड में अलाया अपार्टमेंट का डिमोलेशन आदेश करके लखनऊ विकास प्राधिकरण के अफसर 13 साल के लिए सो गए. शमन मानचित्र दाखिल करने की औपचारिकता करके बिल्डर ने आसानी से अवैध अपार्टमेंट बनाया. जिसका नतीजा यह हुआ कि अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है. अनेक लोगों के आशियानें उजड़ चुके हैं. अब लखनऊ विकास प्राधिकरण उन अफसरों की तलाश कर रहा है जो इस अपार्टमेंट के निर्माण के दौरान हजरतगंज क्षेत्र में तैनात रहे. फिलहाल अब तक अधिकारियों की पहचान नहीं हो सकी है. माना जा रहा है कि एक बार फिर जांच की औपचारिकता पूरी की जाएगी. पहले की तरह फिर से अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. बात अगर वजीर हसन रोड की की जाए तो इसी सड़क पर कम से कम 12 ऐसे अवैध निर्माण हैं जो इतने ही खतरनाक हैं, जितना अलाया अपार्टमेंट था. इन पर भी कोई कार्रवाई लखनऊ विकास प्राधिकरण ने नहीं की है. यह बात अलग है कि कागजों में नोटिस जरूर जारी किए गए हैं.

अलाया अपार्टमेंट के खिलाफ 2010 में तत्कालीन संयुक्त सचिव की ओर से डिमोलेशन का आदेश जारी किया गया था. इसके बाद में बिल्डर की ओर से समन मानचित्र दाखिल किया गया था. हलफनामा दिया गया था कि अवैध निर्माण को तोड़कर भविष्य में अवैध निर्माण सील किया जाएगा. माना जा रहा है कि इस कागज को जमा करने के बाद बिल्डर और अभियंताओं के बीच 'खेल' शुरू हुआ, जिसके बाद अगले 13 साल तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. नतीजा यह निकला कि आखिरकार पतले पिलर पर बना अलाया अपार्टमेंट ध्वस्त हो गया. इस मामले में जमीन के मालिक नवाजिश मंजूर को बीती रात मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसको लखनऊ लाया जा चुका है. अवैध निर्माण को लेकर विवादों में रहे यजदान का भी इसमें बिल्डर एग्रीमेंट था, फिलहाल यजदान बिल्डर के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई इस मामले में नहीं की गई है.

ऐसे ही एक दर्जन और अवैध निर्माण : बालू अड्डा से आगे बढ़कर वजीर हसन रोड पर ऐसे 12 और अवैध निर्माण नजर आ रहे हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण के दस्तावेजों के मुताबिक, सभी अवैध निर्माण के खिलाफ नोटिस जारी की जा चुकी है. इसके बावजूद बुलंद इमारतें खड़ी हैं. कितने सैकड़ों परिवार रह रहे हैं और सैकड़ों प्रतिष्ठान संचालित किए जा रहे हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण का बुलडोजर इस पर कब चलेगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है. बीती रात लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी मौके पर ही तैनात रहे, लेकिन लखनऊ विकास प्राधिकरण इस मामले में क्या कार्रवाई करेगा इसकी कोई जानकारी उनकी ओर से नहीं दी जा रही है. ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि आने वाले समय में इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?

यह भी पढ़ें : Building Collapsed in Lucknow : अपार्टमेंट हादसे में मृत परिजन का शव न देने पर प्रशासनिक अधिकारियों से नोकझोंक

लखनऊ : वजीर हसन रोड में अलाया अपार्टमेंट का डिमोलेशन आदेश करके लखनऊ विकास प्राधिकरण के अफसर 13 साल के लिए सो गए. शमन मानचित्र दाखिल करने की औपचारिकता करके बिल्डर ने आसानी से अवैध अपार्टमेंट बनाया. जिसका नतीजा यह हुआ कि अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है. अनेक लोगों के आशियानें उजड़ चुके हैं. अब लखनऊ विकास प्राधिकरण उन अफसरों की तलाश कर रहा है जो इस अपार्टमेंट के निर्माण के दौरान हजरतगंज क्षेत्र में तैनात रहे. फिलहाल अब तक अधिकारियों की पहचान नहीं हो सकी है. माना जा रहा है कि एक बार फिर जांच की औपचारिकता पूरी की जाएगी. पहले की तरह फिर से अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. बात अगर वजीर हसन रोड की की जाए तो इसी सड़क पर कम से कम 12 ऐसे अवैध निर्माण हैं जो इतने ही खतरनाक हैं, जितना अलाया अपार्टमेंट था. इन पर भी कोई कार्रवाई लखनऊ विकास प्राधिकरण ने नहीं की है. यह बात अलग है कि कागजों में नोटिस जरूर जारी किए गए हैं.

अलाया अपार्टमेंट के खिलाफ 2010 में तत्कालीन संयुक्त सचिव की ओर से डिमोलेशन का आदेश जारी किया गया था. इसके बाद में बिल्डर की ओर से समन मानचित्र दाखिल किया गया था. हलफनामा दिया गया था कि अवैध निर्माण को तोड़कर भविष्य में अवैध निर्माण सील किया जाएगा. माना जा रहा है कि इस कागज को जमा करने के बाद बिल्डर और अभियंताओं के बीच 'खेल' शुरू हुआ, जिसके बाद अगले 13 साल तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. नतीजा यह निकला कि आखिरकार पतले पिलर पर बना अलाया अपार्टमेंट ध्वस्त हो गया. इस मामले में जमीन के मालिक नवाजिश मंजूर को बीती रात मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसको लखनऊ लाया जा चुका है. अवैध निर्माण को लेकर विवादों में रहे यजदान का भी इसमें बिल्डर एग्रीमेंट था, फिलहाल यजदान बिल्डर के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई इस मामले में नहीं की गई है.

ऐसे ही एक दर्जन और अवैध निर्माण : बालू अड्डा से आगे बढ़कर वजीर हसन रोड पर ऐसे 12 और अवैध निर्माण नजर आ रहे हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण के दस्तावेजों के मुताबिक, सभी अवैध निर्माण के खिलाफ नोटिस जारी की जा चुकी है. इसके बावजूद बुलंद इमारतें खड़ी हैं. कितने सैकड़ों परिवार रह रहे हैं और सैकड़ों प्रतिष्ठान संचालित किए जा रहे हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण का बुलडोजर इस पर कब चलेगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है. बीती रात लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी मौके पर ही तैनात रहे, लेकिन लखनऊ विकास प्राधिकरण इस मामले में क्या कार्रवाई करेगा इसकी कोई जानकारी उनकी ओर से नहीं दी जा रही है. ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि आने वाले समय में इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?

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