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रांची में गिरा कांची नदी पर बना पुल, तीन साल पहले हुआ था निर्माण

गुरुवार को कांची नदी पर बना बूढ़ाडीह पुल ध्वस्त हो गया. पुल का एक पाया अचानक टूट गया, जिससे इस पुल पर आवागमन बाधित हो गया है. बताया जा रहा है कि इस पुल पर बालू का अवैध परिचालन होता था, जिससे यह पुल कमजोर हो गया था.

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Published : May 27, 2021, 8:02 PM IST

रांची/खूंटी : रांची जिले के तमाड़ प्रखंड अंतर्गत कांची नदी पर बना हाराडीह बूढ़ाडीह पुल (Haradih Budhadih Bridge) गुरुवार को गिर गया. करोड़ों की लागत से बना यह पुल चक्रवाती तूफान यास के कारण हो रही बारिश में ध्वस्त हो गया. यह पुल तमाड़, बुंडू और सोनाहातू को जोड़ता है. तीन साल पहले ही करोड़ों की लागत से पुल का निर्माण हुआ था. अब तक कांची नदी पर बने सोनाहातू का हारीन पुल और तमाड़ का बामलाडीह पुल पहले ही ध्वस्त हो चुका है.

कांची नदी पर बना पुल बालू माफिया की तरफ से किए जा रहे अवैध बालू तस्करी की भेंट चढ़ा गया है. माफिया पुल पर लगातार बालू का अवैध परिवहन कर रहे थे जिसके कारण पुल धीरे-धीरे कमजोर होता चला गया.

गिरा कांची नदी पर बना पुल

समय रहते अगर प्रशासन कार्रवाई करता तो पुल बच सकता था. बता दें कि अब तक ध्वस्त हुए तीनों पुल के बने महज तीन से चार साल ही हुए थे. यहां तक कि हाराडीह पुल में अभी तक बड़े वाहनों का परिचालन शुरू भी नहीं किया गया था और ये भी गिर गया. ऐसे में निर्माण और रख रखाव पर सवाल उठ रहे हैं.

पढ़ेंः कृषि कानूनों के विरूद्ध प्रदर्शन पर केंद्र चुप्पी तोड़े : शिवसेना

रांची/खूंटी : रांची जिले के तमाड़ प्रखंड अंतर्गत कांची नदी पर बना हाराडीह बूढ़ाडीह पुल (Haradih Budhadih Bridge) गुरुवार को गिर गया. करोड़ों की लागत से बना यह पुल चक्रवाती तूफान यास के कारण हो रही बारिश में ध्वस्त हो गया. यह पुल तमाड़, बुंडू और सोनाहातू को जोड़ता है. तीन साल पहले ही करोड़ों की लागत से पुल का निर्माण हुआ था. अब तक कांची नदी पर बने सोनाहातू का हारीन पुल और तमाड़ का बामलाडीह पुल पहले ही ध्वस्त हो चुका है.

कांची नदी पर बना पुल बालू माफिया की तरफ से किए जा रहे अवैध बालू तस्करी की भेंट चढ़ा गया है. माफिया पुल पर लगातार बालू का अवैध परिवहन कर रहे थे जिसके कारण पुल धीरे-धीरे कमजोर होता चला गया.

गिरा कांची नदी पर बना पुल

समय रहते अगर प्रशासन कार्रवाई करता तो पुल बच सकता था. बता दें कि अब तक ध्वस्त हुए तीनों पुल के बने महज तीन से चार साल ही हुए थे. यहां तक कि हाराडीह पुल में अभी तक बड़े वाहनों का परिचालन शुरू भी नहीं किया गया था और ये भी गिर गया. ऐसे में निर्माण और रख रखाव पर सवाल उठ रहे हैं.

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