ETV Bharat / bharat

Budget Session 2023: देश भर के कारखानों में 3,165 लोगों को आई घातक चोटें - केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री

पिछले तीन सालों में देश भर के कारखानों में 3,165 घातक चोटें और 9,562 गैर-घातक चोटें दर्ज की गईं, जिसमें गुजरात घातक चोटों की सूची में शीर्ष स्थान पर रहा है. इस बात की जानकारी केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में दी है.

Labor and Employment Minister Bhupendra Yadav
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव
author img

By

Published : Mar 23, 2023, 3:32 PM IST

नई दिल्ली: सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि पिछले तीन सालों में देश में पंजीकृत कारखानों में घातक चोटों के 3,165 और गैर-घातक चोटों के 9,562 मामले सामने आए हैं. यह जानकारी केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव की लिखित प्रतिक्रिया के रूप में आई है. वह आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार गुप्ता के एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या सरकार के पास पिछले तीन वर्षों में श्रमिकों की मृत्यु और घातक चोटों की संख्या के बारे में कोई डेटा है.

केंद्रीय मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में देश में पंजीकृत कारखानों में कुल 3,165 घातक चोटें दर्ज की गईं हैं. इनमें 2019 में 1,127, 2020 में 1,050 और 2021 में 988 मामले दर्ज हुए. जानकारी के अनुसार, गुजरात ने पिछले तीन वर्षों में 663 ऐसी घटनाओं के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया, जिसमें 2019 में 216, 2020 में 212 और 2021 में 235 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद महाराष्ट्र में 479 के साथ 2019 में 145, 2020 में 154 और 2021 में 180, तमिलनाडु में 383 के साथ 2019 में 122, 2020 में 114, 2021 में 147 और अन्य शामिल हैं.

इसी तरह, इस अवधि में रिपोर्ट की गई गैर-घातक चोटों की बात करें तो, ऐसी चोटों की कुल संख्या 2019 में 3,927, 2020 में 2832 और 2021 में 2803 के साथ 9,562 थी. जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है, वह महाराष्ट्र है, जहां 2,660 ऐसे मामले हैं, जिनमें 2019 में 1089, 2020 में 778 और 2021 में 793 मामले शामिल हैं. इसके बाद गुजरात में कुल 1,897 मामले सामने आए, जिसमें 2019 में 718, 2020 में 560, 2021 में 621, मध्य प्रदेश में कुल 799 मामले, 2019 में 299, 2020 में 242, 2021 में 258 और अन्य हैं.

पढ़ें: संसद में गतिरोध के बीच राज्यसभा सभापति ने बुलाई बैठक, कांग्रेस बोली- जेपीसी की मांग पर कोई समझौता नहीं

उक्त अवधि के दौरान कारखाना अधिनियम, 1948 के तहत अपराधों के लिए कैद किए गए व्यक्तियों की संख्या पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने एक डेटा प्रस्तुत किया, जिसके अनुसार 22 लोगों को अधिनियम के तहत 2019 में 4, 2020 में 10 और 2021 में 8 लोगों को कैद किया गया है. जानकारी के अनुसार, 2020 में कर्नाटक में अधिनियम के तहत 8 और 2021 में 6, उसके बाद 2019 में केरल में एक, 2021 में 2, 2020 में पंजाब में 1, 2019 और 2020 में क्रमशः तमिलनाडु में 3 और 1 व्यक्ति को कैद किया गया था.

नई दिल्ली: सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि पिछले तीन सालों में देश में पंजीकृत कारखानों में घातक चोटों के 3,165 और गैर-घातक चोटों के 9,562 मामले सामने आए हैं. यह जानकारी केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव की लिखित प्रतिक्रिया के रूप में आई है. वह आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार गुप्ता के एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या सरकार के पास पिछले तीन वर्षों में श्रमिकों की मृत्यु और घातक चोटों की संख्या के बारे में कोई डेटा है.

केंद्रीय मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में देश में पंजीकृत कारखानों में कुल 3,165 घातक चोटें दर्ज की गईं हैं. इनमें 2019 में 1,127, 2020 में 1,050 और 2021 में 988 मामले दर्ज हुए. जानकारी के अनुसार, गुजरात ने पिछले तीन वर्षों में 663 ऐसी घटनाओं के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया, जिसमें 2019 में 216, 2020 में 212 और 2021 में 235 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद महाराष्ट्र में 479 के साथ 2019 में 145, 2020 में 154 और 2021 में 180, तमिलनाडु में 383 के साथ 2019 में 122, 2020 में 114, 2021 में 147 और अन्य शामिल हैं.

इसी तरह, इस अवधि में रिपोर्ट की गई गैर-घातक चोटों की बात करें तो, ऐसी चोटों की कुल संख्या 2019 में 3,927, 2020 में 2832 और 2021 में 2803 के साथ 9,562 थी. जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है, वह महाराष्ट्र है, जहां 2,660 ऐसे मामले हैं, जिनमें 2019 में 1089, 2020 में 778 और 2021 में 793 मामले शामिल हैं. इसके बाद गुजरात में कुल 1,897 मामले सामने आए, जिसमें 2019 में 718, 2020 में 560, 2021 में 621, मध्य प्रदेश में कुल 799 मामले, 2019 में 299, 2020 में 242, 2021 में 258 और अन्य हैं.

पढ़ें: संसद में गतिरोध के बीच राज्यसभा सभापति ने बुलाई बैठक, कांग्रेस बोली- जेपीसी की मांग पर कोई समझौता नहीं

उक्त अवधि के दौरान कारखाना अधिनियम, 1948 के तहत अपराधों के लिए कैद किए गए व्यक्तियों की संख्या पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने एक डेटा प्रस्तुत किया, जिसके अनुसार 22 लोगों को अधिनियम के तहत 2019 में 4, 2020 में 10 और 2021 में 8 लोगों को कैद किया गया है. जानकारी के अनुसार, 2020 में कर्नाटक में अधिनियम के तहत 8 और 2021 में 6, उसके बाद 2019 में केरल में एक, 2021 में 2, 2020 में पंजाब में 1, 2019 और 2020 में क्रमशः तमिलनाडु में 3 और 1 व्यक्ति को कैद किया गया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.