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Budget 2023: बजट में अंतरिक्ष विभाग का हिस्सा 8 प्रतिशत घटा, इस साल मिले 12,544 करोड़ रुपये

बजट सत्र के दूसरे दिन पेश हुए बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिक्ष विभाग को करीब 12,544 करोड़ रुपये दिए हैं. इस बजट में इसरो को इस बार लगभग 8 प्रतिशत कम आवंटन किया है. वित्त वर्ष 2022-23 में 13,700 करोड़ रुपये दिया गया है.

The share of the Department of Space in the budget decreased by 8 percent
बजट में अंतरिक्ष विभाग का हिस्सा 8 प्रतिशत घटा
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Published : Feb 1, 2023, 10:51 PM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पेश किये गये केंद्रीय बजट में अंतरिक्ष विभाग को करीब 12,544 करोड़ रुपये आवंटित किए. उल्लेखनीय है कि भारत की योजना अगले साल ‘गगनयान’ के जरिये मानव को अंतरिक्ष में भेजने तथा चंद्रमा और पृथ्वी के आसपास के ग्रहों का अन्वेषण करने की है. यह आवंटन 2022-23 के 13,700 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से लगभग आठ प्रतिशत कम है, जिसे संशोधित अनुमान में घटाकर 10,530.04 करोड़ रुपये कर दिया गया था.

इस आवंटन का सबसे बड़ा हिस्सा-11,669.41 करोड़ रुपये का-केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं या परियोजनाओं, जैसे कि मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र और विभाग के विभिन्न संस्थानों में गया है जो प्रक्षेपण यान और उपग्रह परियोजनाओं से संबंधित है, जिसमें विकासात्मक और परिचालन पहल शामिल हैं. भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) को संशोधित अनुमान में आवंटित किये गये 21 करोड़ रुपये के मुकाबले 95 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.

आवंटन का एक बड़ा हिस्सा, 53 करोड़ रुपये, इन-स्पेस के पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किया गया है. अहमदाबाद स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला को पिछले वित्त वर्ष में 411.11 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान के मुकाबले 408.69 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ है. इसरो ने प्रक्षेपण यान मार्क-3 के जरिए जुलाई में भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण की योजना बनाई है.

पढ़ें: Union Budget 2023 : ....इसलिए पूरे बजट में 9 बार आया अमृत काल का जिक्र

गनयान के साथ ही इसरो की सूर्य, शुक्र और मंगल पर अभियान भेजने की भी योजना है. मूल रूप से गगनयान को दिसंबर 2021 में प्रक्षेपित करने की योजना थी. भारत की पहली मानव युक्त अंतरिक्ष अभियान-गगनयान-को अब 2024 की चौथी तिमाही तक के लिए टाल दिया गया है. हालांकि, इसरो की योजना इस साल परियोजना के लिए बिना चालक दल वाली उड़ान भेजने की है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पेश किये गये केंद्रीय बजट में अंतरिक्ष विभाग को करीब 12,544 करोड़ रुपये आवंटित किए. उल्लेखनीय है कि भारत की योजना अगले साल ‘गगनयान’ के जरिये मानव को अंतरिक्ष में भेजने तथा चंद्रमा और पृथ्वी के आसपास के ग्रहों का अन्वेषण करने की है. यह आवंटन 2022-23 के 13,700 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से लगभग आठ प्रतिशत कम है, जिसे संशोधित अनुमान में घटाकर 10,530.04 करोड़ रुपये कर दिया गया था.

इस आवंटन का सबसे बड़ा हिस्सा-11,669.41 करोड़ रुपये का-केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं या परियोजनाओं, जैसे कि मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र और विभाग के विभिन्न संस्थानों में गया है जो प्रक्षेपण यान और उपग्रह परियोजनाओं से संबंधित है, जिसमें विकासात्मक और परिचालन पहल शामिल हैं. भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) को संशोधित अनुमान में आवंटित किये गये 21 करोड़ रुपये के मुकाबले 95 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.

आवंटन का एक बड़ा हिस्सा, 53 करोड़ रुपये, इन-स्पेस के पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किया गया है. अहमदाबाद स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला को पिछले वित्त वर्ष में 411.11 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान के मुकाबले 408.69 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ है. इसरो ने प्रक्षेपण यान मार्क-3 के जरिए जुलाई में भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण की योजना बनाई है.

पढ़ें: Union Budget 2023 : ....इसलिए पूरे बजट में 9 बार आया अमृत काल का जिक्र

गनयान के साथ ही इसरो की सूर्य, शुक्र और मंगल पर अभियान भेजने की भी योजना है. मूल रूप से गगनयान को दिसंबर 2021 में प्रक्षेपित करने की योजना थी. भारत की पहली मानव युक्त अंतरिक्ष अभियान-गगनयान-को अब 2024 की चौथी तिमाही तक के लिए टाल दिया गया है. हालांकि, इसरो की योजना इस साल परियोजना के लिए बिना चालक दल वाली उड़ान भेजने की है.

(पीटीआई-भाषा)

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