कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अतिरिक्त महानिदेशक (पूर्वी कमान) वाईबी खुराना ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर महिला तस्करों की बढ़ती संख्या के खतरे से निपटने के लिए, भारतीय सीमा चौकियों में विशेष महिला टीमें तैनात की गई हैं. उन्होंने कहा कि अर्धसैनिक बल के कुछ कर्मियों के खिलाफ गो तस्करी सहित सीमा पार से होने वाली अवैध गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए कार्रवाई की गई है.
बीएसएफ (एडीजी) खुरानिया ने कहा कि किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बल के पास एक आंतरिक तंत्र है. उन्होंने कहा, 'भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की वजह से ही हमने पिछले कुछ वर्षों में बेहतर हालात देखे हैं... सीमा पार से होने वाले अपराधों में कमी आई है. ऐसा इसलिए है क्योंकि हम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि (उपद्रवियों के साथ) मिलीभगत को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.'
खुरानिया पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर चल रहे एक मवेशी तस्करी रैकेट के साथ कथित संबंध के लिए सीबीआई द्वारा बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार की गिरफ्तारी पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा, 'बीएसएफ अधिनियम के तहत, कार्रवाई करने के प्रावधान हैं और कई मामलों में ऐसा ही किया गया है. कई कोर्ट-मार्शल कार्यवाही चल रही हैं ... कुछ मामलों में प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और कुछ अन्य में, जांच चल रही है.'
तृणमूल कांग्रेस के विधायक द्वारा बीएसएफ कर्मियों पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न के आरोप बिल्कुल भी सही नहीं हैं क्योंकि महिला संदिग्धों की तलाशी, केवल महिला कर्मियों द्वारा ही ली जाती है. खुराना ने कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर महिला टीमों की नियुक्ति के बाद उच्च गुणवत्ता वाली कांटेदार बाड़, सीसीटीवी कैमरे और प्रवेश द्वार पर बाड़ लगाई गई है.
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उन्होंने यह भी कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर मानव तस्करी को रोकने के लिए 15 नई इकाइयां स्थापित की गई हैं. इन इकाइयों का कार्य बीएसएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए अवैध अप्रवासियों की जांच करना और उनसे पूछताछ करना है. ये इकाइयां उनसे अवैध अप्रवास का उद्देश्य जानने का प्रयास करती हैं और जरूरत पड़ने पर उन्हें स्थानीय पुलिस थाने को सौंप दिया जाता है.