नई दिल्ली : सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation) ने पिछले पांच वर्षों में सीमावर्ती क्षेत्रों में 13525.417 किलोमीटर सड़कें बनाई हैं (BRO built over 13 thousand km road ), जिनमें सबसे अधिक लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में हैं. यह जानकारी सरकार ने लोकसभा में दी है.
जैसा कि चीनी खतरा देश पर मंडरा रहा है, मुख्य रूप से उत्तरी और पूर्वी कमान में. सीमावर्ती क्षेत्रों में कुल 13525.417 किलोमीटर सड़कें सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बनाई गई हैं. सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा, लद्दाख में (3140.535 किमी), अरुणाचल प्रदेश में (3097.15 किमी) और जम्मू और कश्मीर (2381.963 किमी) में सबसे ज्यादा सड़कें बनाई गई हैं.
यह जानकारी रक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री (एमओएस) अजय भट्ट (ajay bhatt) ने शुक्रवार को संसद के निचले सदन में 'बॉर्डर क्षेत्रों के विकास' पर कई सवालों के जवाब में साझा की. इससे पता चलता है कि मोदी सरकार चीन की सीमा से लगे क्षेत्रों में ढांचागत विकास को लेकर कितनी उत्सुक है.
MoS द्वारा साझा किए गए डेटा के अनुसार कुल 13525.417 किमी में से 5093.815 किमी सड़क केवल पूर्वोत्तर राज्यों में बनाई गई है. जिसमें अरुणाचल प्रदेश में 3097.15 किमी, मिजोरम में 589.63 किमी, मणिपुर में 492.25 किमी, नागालैंड में 251.25 किमी और सिक्किम में 663.535 किमी सड़क बनाई गई है.
भट्ट ने कहाइसके अलावा भारत सरकार 16 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 117 सीमावर्ती जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पहली बस्ती से 0-10 किलोमीटर के भीतर स्थित बस्तियों में राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों के माध्यम से सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) लागू कर रही है.
BADP का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) के पास स्थित दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की विशेष विकासात्मक आवश्यकताओं और कल्याण को पूरा करना है. उन्होंने कहा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 2,975.22 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.
भट्ट ने अपने जवाब में 28 अक्टूबर 2022 को लॉन्च किए गए सीमावर्ती क्षेत्रों में बनने वाली 75 नई ढांचागत परियोजनाओं का विवरण भी दिया, जिसमें जम्मू और कश्मीर में 20, लद्दाख में 17, अरुणाचल प्रदेश में 18 और अन्य शामिल हैं.
इस सवाल पर कि क्या बनाई जाने वाली परियोजनाओं में से एक 'कार्बन न्यूट्रल हैबिटेट' है? MoS ने 'हां' में जवाब दिया और कहा, 'परियोजना में से एक 'कार्बन न्यूट्रल हैबिटेट है, जो केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के हानले में है. इसमें निर्माणाधीन एरिया 9,528 वर्ग फुट का है. यह परिसर पूरी तरह से नवीकरणीय सौर और पवन ऊर्जा द्वारा संचालित होगा जो पावर पैक की चौबीसों घंटे चार्जिंग सुनिश्चित करेगा. निवास स्थान में अक्षय ऊर्जा द्वारा संचालित पानी की पाइपलाइनों के लिए उपयुक्त एंटी-फ्रीज उपाय भी शामिल हैं.
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