नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को एक बार फिर केंद्र सरकार की रणनीति पर सवाल उठाया है. पार्टी ने कहा है कि पूरा देश कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए संघर्ष कर रहा है और ऑक्सीजन, अस्पताल में बेड और यहां तक कि आवश्यक दवाओं की कमी का सामना कर रहा है.
कांग्रेस ने भारत को विदेशी देशों द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता और देश में इसका उपयोग कैसे किया जा रहा है, इसके बारे में उचित जानकारी मांगी.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हर भारतीय की ओर से हम सरकार से अनुरोध करते हैं और मांग करते हैं कि मदद कहां से आई है और कहां जा रही है, इसे हर दिन सार्वजनिक किया जाए.
उन्होंने आगे कहा कि कृपया पारदर्शी रहें. हम सभी इस महामारी से लड़ने के लिए एक साथ खड़े हैं. इस लड़ाई में सफल होने के लिए, पारदर्शिता और ईमानदारी की आवश्यकता है. हम पीएम मोदी से अनुरोध करते हैं कि वह बताएं की बाहर से आने वाली सहायता की आपूर्ति में पारदर्शिता रखी जाए और इसे कहां भेजा जा रहा है. सबको बताया जाए.
खेड़ा ने केंद्र सरकार को विभिन्न राज्यों में टीकों की कमी को लेकर निशाना साधा और आरोप लगाया गया कि निर्माता कोविड-19 के तीसरे चरण के टीकाकरण अभियान के लिए राज्यों को पर्याप्त मात्रा में टीके उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं.
लोग टीकाकरण के लिए खुद को पंजीकृत कर रहे हैं, लेकिन उन्हें स्लॉट नहीं मिल रहे हैं. हमें निर्माताओं द्वारा बताया गया है कि जुलाई से पहले टीका उपलब्ध नहीं होगा.
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जिस तरह से ऑक्सीजन की कमी हो रही है, लोग इसके लिए मिन्नतें कर रहे हैं, वैसी ही स्थिति वैक्सीन की भी है.
सेंट्रल विस्टा परियोजना को जारी रखने के लिए सरकार पर हमला बोलते हुए, उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने के लिए उस धन का उपयोग करने के बजाय राष्ट्रीय राजधानी में सेंट्रल विस्टा तैयार किया जा रहा है.
खेड़ा ने कहा दिल्ली में जहां हजारों लोग मर रहे हैं, वहां जुलाई में टीके आएंगे और केंद्र सरकार स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने और आवश्यक सेवाओं को पूरा करने के बजाए सेंट्रल विस्टा में पैसा खर्च कर रहा है. क्या यह एक मजाक है?
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उन्होंने न्यूजीलैंड दूतावास द्वारा भारतीय युवा कांग्रेस के प्रमुख श्रीनिवास बी वी से किए गए ऑक्सीजन सिलेंडर प्रदान अनुरोध पर हाल के विवाद के बारे में भी उल्लेख किया,. हालांकि दूतावास ने बाद में उस ट्वीट को हटा दिया, जिससे कुछ अटकलें लगाई गईं कि क्या वे ऐसा करने के लिए सरकारी दबाव में आए थे.
एस जयशंकर, दूतावासों, अपने स्वयं के सांसदों से पूछताछ करना बंद करें, जो ऑक्सीजन के लिए मदद मांग रहे हैं. बदलाव के लिए खुद से सवाल करना शुरू करें.
कांग्रेस नेता ने कहा कि हम उस जगह पहुंच गए हैं, जब हमसे दूतावास बंद करने और मदद नहीं लेने के लिए कहा जा रहा है. यह देश के लिए शर्म की बात है.