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ब्रिक्स का मार्गदर्शन करने वाले सिद्धांत वर्षों से बने हुए हैं : जयशंकर - विदेश मंत्री एस जयशंकर

ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. एस. जयशंकर ने समूह के मार्गदर्शक सिद्धांतों को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि हमारे समूह का मार्गदर्शन करने वाले सिद्धांत वर्षों से लगातार बने हुए हैं.

विदेश मंत्री एस जयशंकर
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Published : Jun 1, 2021, 9:44 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने मंगलवार को पांच देशों के ब्रिक्स समूह के मार्गदर्शक सिद्धांतों को रेखांकित किया तथा अंतरराष्ट्रीय कानून एवं संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लेख किया, जो सभी देशों की समान संप्रभुता को मान्यता देता है और उनकी क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है.

ब्रिक्स देशों की मंत्री स्तरीय बैठक (BRICS Meet) को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि इसमें इच्छित बदलाव इन सिद्धांतों के अनुरूप आचरण के माध्यम से ही हासिल किए जा सकते हैं.

इस बैठक में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, चीन के विदेश मंत्री वांग यी, दक्षिण अफ्रीका की अंतरराष्ट्रीय संबंध मंत्री ग्रेस नालेडी पांडोर और ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस अलबर्टो फ्रैंको ने हिस्सा लिया.

भारत ने की बैठक की मेजबानी
भारत ने इस बैठक की मेजबानी ब्रिक्स के अध्यक्ष के रूप में की. इस समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका सदस्य हैं.

जयशंकर ने कहा, '2006 में न्यूयॉर्क में पहली बार हुई विदेश मंत्रियों की बैठक से हम काफी आगे निकल आए हैं. हमारे समूह का मार्गदर्शन करने वाले सिद्धांत वर्षों से लगातार बने हुए हैं.'

यह भी पढ़ें- राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री पीटर डटन से की बातचीत

विदेश मंत्री ने कहा, 'हम अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर आधारित निष्पक्ष, न्यायसंगत, समावेशी और प्रतिनिधि बहुध्रुवीय अंतरराष्ट्रीय प्रणाली के लिए प्रयास करते हैं, जो सभी देशों की संप्रभु समानता को मान्यता देता है और उनकी क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है.'

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने मंगलवार को पांच देशों के ब्रिक्स समूह के मार्गदर्शक सिद्धांतों को रेखांकित किया तथा अंतरराष्ट्रीय कानून एवं संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लेख किया, जो सभी देशों की समान संप्रभुता को मान्यता देता है और उनकी क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है.

ब्रिक्स देशों की मंत्री स्तरीय बैठक (BRICS Meet) को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि इसमें इच्छित बदलाव इन सिद्धांतों के अनुरूप आचरण के माध्यम से ही हासिल किए जा सकते हैं.

इस बैठक में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, चीन के विदेश मंत्री वांग यी, दक्षिण अफ्रीका की अंतरराष्ट्रीय संबंध मंत्री ग्रेस नालेडी पांडोर और ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस अलबर्टो फ्रैंको ने हिस्सा लिया.

भारत ने की बैठक की मेजबानी
भारत ने इस बैठक की मेजबानी ब्रिक्स के अध्यक्ष के रूप में की. इस समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका सदस्य हैं.

जयशंकर ने कहा, '2006 में न्यूयॉर्क में पहली बार हुई विदेश मंत्रियों की बैठक से हम काफी आगे निकल आए हैं. हमारे समूह का मार्गदर्शन करने वाले सिद्धांत वर्षों से लगातार बने हुए हैं.'

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विदेश मंत्री ने कहा, 'हम अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर आधारित निष्पक्ष, न्यायसंगत, समावेशी और प्रतिनिधि बहुध्रुवीय अंतरराष्ट्रीय प्रणाली के लिए प्रयास करते हैं, जो सभी देशों की संप्रभु समानता को मान्यता देता है और उनकी क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है.'

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