नई दिल्ली : 2022 भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण है और उसे देखकर ही पार्टी चुनावी मोड में आ चुकी है. दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और मोर्चा पदाधिकारियों की बैठक चल रही है. 5 और 6 जून को बुलाई गई इस बैठक में शनिवार को पूरे दिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मंथन किया. बैठक के बाद प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय अध्यक्ष और संगठन मंत्री ने मुलाकात की.
2022 भाजपा के लिए चुनावी साल है. भारतीय जनता पार्टी के लिए यह सभी राज्य महत्वपूर्ण हैं. खासतौर पर गुजरात जहां कई दशकों से पार्टी राज करती आ रही है. ये इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री भी इसी राज्य से आते हैं.
वहीं देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश के बारे में यह कहा जाता है कि दिल्ली की सत्ता यूपी से होकर गुजरती है. यूपी में भाजपा को अच्छी सीटें लाना लोकसभा चुनाव के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इन तमाम बातों को लेकर ही दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की बैठक चल रही है.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर सुबह शुरू हुई बैठक देर शाम खत्म हुई. इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व सचिवों और मोर्चा के अध्यक्षों ने भाग लिया. सूत्रों की मानें तो बैठक में पूरे दिन आने वाले राज्यों में चुनाव और कोविड-19 में किए गए कार्यों पर मंथन किया गया.
लगभग 7 घंटे तक चले इस मंथन में उत्तर प्रदेश सहित सभी चुनावी राज्यों में नए चुनाव प्रभारी नियुक्त करने का निर्णय भी लिया गया है. चुनाव प्रभारियों के नामों की घोषणा जल्दी ही होने की संभावना है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की.
माना जा रहा है कि नए चुनाव प्रभारियों के नाम पर प्रधानमंत्री से भी चर्चा की गई है. हालांकि अंदरखाने यह बातें निकलकर आ रही हैं कि इन तमाम चुनावी राज्यों में भाजपा कोविड-19 प्रभावित लोगों की मदद के लिए मंडल स्तर पर काम करेगी.
साथ ही जिन राज्यों में चुनाव हैं उन राज्यों में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और तमाम वरिष्ठ नेता हर महीने दौरा करेंगे. बंगाल चुनाव में हार के बाद पांचों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी हर हाल में सत्ता में आना चाहती है. हालांकि पंजाब में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं है.
बावजूद उसके पंजाब में अभी से विपक्ष के तौर पर ही सही स्थानीय नेताओं को यह निर्देश दे दिए गए हैं कि वह चुनावी मोड में आ जाएं. इसी तरह उत्तर प्रदेश और गुजरात भी भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं. उत्तर प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के नाम पर अंदरखाने पार्टी में मंथन चल रहा है.
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हालांकि भारतीय जनता पार्टी फिलहाल कोई बड़ा फेरबदल नहीं करना चाहती. पिछले डेढ़ साल में इस महामारी की वजह से कहीं न कहीं नेताओं की कनेक्टिविटी में कमी आई है जिसे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.