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Netaji Subhash Bose 126th birth Anniv: RSS और नेताजी दोनों का लक्ष्य 'भारत को एक महान राष्ट्र बनाना': भागवत

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Published : Jan 23, 2023, 12:32 PM IST

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 126वीं जयंती है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अन्य गणमान्यों ने संसद भवन में श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं, अंडमान निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नामकरण किया.

Etv Bharat Netaji Subhash Bose 126th birth Anniv
Etv Bharat मोहन भागवत

कोलकाता: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि उनके दक्षिणपंथी संगठन और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का लक्ष्य एक ही है.... भारत को एक महान राष्ट्र बनाना. आरएसएस और स्वतंत्रता सेनानी की विचारधारा समान नहीं होने को लेकर जारी बहस के बीच भागवत ने यह बयान दिया है. आलोचकों का कहना है कि नेताजी धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते थे, जो कि 'आरएसएस की हिंदुत्व विचारधारा के विपरीत है.'

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के योगदान की सराहना करते हुए भागवत ने सभी से बोस के गुणों व शिक्षाओं को आत्मसात करने और देश को 'विश्व गुरु' बनाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, हम नेताजी को केवल इसलिए याद नहीं करते क्योंकि हम स्वतंत्रता संग्राम में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए उनके आभारी हैं बल्कि साथ ही यह भी हमें सुनिश्चित करते हैं कि हम उनके गुणों को भी आत्मसात करें. उनका भारत को महान बनाने का सपना अब भी पूरा नहीं हुआ है. हमें इसे हासिल करने के लिए काम करना होगा.

भागवत ने कहा कि स्थिति और रास्ते अलग हो सकते हैं, लेकिन मंजिल एक ही है. उन्होंने कहा, सुभाष बाबू (नेताजी) पहले कांग्रेस से जुड़े थे और उन्होंने 'सत्याग्रह' तथा 'आंदोलन' के मार्ग का अनुसरण किया, लेकिन जब उन्हें एहसास हुआ कि यह काफी नहीं है और स्वतंत्रता के लिए लड़ने की जरूरत है तो उन्होंने इसके लिए काम किया. रास्ते अलग-अलग हैं लेकिन लक्ष्य एक हैं. आरएसएस प्रमुख ने कहा, अनुसरण करने के लिए सुभाष बाबू के आदर्श हमारे सामने मौजूद हैं. उनके जो लक्ष्य थे, वही हमारे भी लक्ष्य हैं... .'

पढ़ें: Subhash Chandra Bose 126th Jayanti: अंडमान में पीएम मोदी बोले- यह वही धरती है, जहां पहली बार तिरंगा फहरा था

उन्होंने कहा कि नेताजी ने कहा था कि भारत को दुनिया के लिए काम करना चाहिए और हमें यही लक्ष्य हासिल करने के लिए काम करना है.

कोलकाता: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि उनके दक्षिणपंथी संगठन और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का लक्ष्य एक ही है.... भारत को एक महान राष्ट्र बनाना. आरएसएस और स्वतंत्रता सेनानी की विचारधारा समान नहीं होने को लेकर जारी बहस के बीच भागवत ने यह बयान दिया है. आलोचकों का कहना है कि नेताजी धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते थे, जो कि 'आरएसएस की हिंदुत्व विचारधारा के विपरीत है.'

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के योगदान की सराहना करते हुए भागवत ने सभी से बोस के गुणों व शिक्षाओं को आत्मसात करने और देश को 'विश्व गुरु' बनाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, हम नेताजी को केवल इसलिए याद नहीं करते क्योंकि हम स्वतंत्रता संग्राम में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए उनके आभारी हैं बल्कि साथ ही यह भी हमें सुनिश्चित करते हैं कि हम उनके गुणों को भी आत्मसात करें. उनका भारत को महान बनाने का सपना अब भी पूरा नहीं हुआ है. हमें इसे हासिल करने के लिए काम करना होगा.

भागवत ने कहा कि स्थिति और रास्ते अलग हो सकते हैं, लेकिन मंजिल एक ही है. उन्होंने कहा, सुभाष बाबू (नेताजी) पहले कांग्रेस से जुड़े थे और उन्होंने 'सत्याग्रह' तथा 'आंदोलन' के मार्ग का अनुसरण किया, लेकिन जब उन्हें एहसास हुआ कि यह काफी नहीं है और स्वतंत्रता के लिए लड़ने की जरूरत है तो उन्होंने इसके लिए काम किया. रास्ते अलग-अलग हैं लेकिन लक्ष्य एक हैं. आरएसएस प्रमुख ने कहा, अनुसरण करने के लिए सुभाष बाबू के आदर्श हमारे सामने मौजूद हैं. उनके जो लक्ष्य थे, वही हमारे भी लक्ष्य हैं... .'

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उन्होंने कहा कि नेताजी ने कहा था कि भारत को दुनिया के लिए काम करना चाहिए और हमें यही लक्ष्य हासिल करने के लिए काम करना है.

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