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मोदी और केजरीवाल झगड़ना बंद करें, दिल्ली में ऑक्सीजन की पूरी आपूर्ति सुनिश्चित हो : अजय माकन - अजय माकन ने कहा कि दिल्ली और केंद्र सरकार दोनों फेल हुए

दिल्ली में ऑक्सीजन की समस्या बरकरार है. ऑक्सीजन की कमी से जूझते कोरोना संक्रमितों के लिए अभी तक केंद्र व राज्य सरकार कोई व्यवस्था नहीं कर पाई है. कांग्रेस नेता अजय माकन ने दोनों सरकारों को ऑक्सीजन के मसले पर फेल बताया है.

अजय माकन
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Published : Apr 24, 2021, 8:59 PM IST

नई दिल्लीः कांग्रेस नेता अजय माकन ने कोरोना से निपटने में दिल्ली सरकार और केंद्र दोनों को विफल बताया है. उन्होंने कहा कि मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली हाई कोर्ट को जानकारी दी कि दिल्ली में स्थापित होने वाले 8 पीएसए (प्रेशर स्विंग एडजॉर्ब्जशन) प्लांट स्थापित किए जाने थे, जबकि सिर्फ एक ही खुल सका है. यह हाल तब है, जब दिल्ली में कोरोना संक्रमितों का दम घुट रहा है. बता दें कि पीएसए ऑक्सीजन के छोटे प्लांट होते हैं, जो अमूमन अस्पताल परिसर या आसपास स्थापित किए जाते हैं.

ऑक्सीजन प्लांट लगाने में दोनों सरकार फेल

कांग्रेस नेता ने कहा कि दुर्भाग्य से कोरोना संक्रमण की गंभीरता के बीच भी दिल्ली सरकार ने PSA ऑक्सीजन प्लांट लगाने के बारे में कभी नहीं सोचा. केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही दिल्ली में ऑक्सीजन प्लांट लगाने में फेल हो गई है. राजस्थान की बात करें, तो यहां 37 PSA ऑक्सीजन प्लांट की स्वीकृति मिली थी. इनमें से 24 ने काम करना शुरू कर दिया है. बाकी 13 का काम भी जल्द पूरा होने वाला है.

अजय माकन ने दोनों सरकारों को बताया फेल.

ये भी पढ़ेंः वैक्सीन के दामों पर सीरम की सफाई, कहा कीमत एडवांस फंडिग पर है आधारित

दिल्ली सरकार ने विज्ञापन पर खर्च किए करोड़ों रुपये

माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने प्रचार में पिछले साल 355 करोड़ रुपये खर्च किए थे. इस साल प्रचार के लिए 467 करोड़ रुपये रखे गए हैं. यह पैसा, अगर ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाने पर लगाया जाता, तो 750 मीट्रिक टन और ऑक्सीजन का उत्पादन हो सकता था. ऐसे में दिल्ली ऑक्सीजन के लिए न केवल आत्मनिर्भर होता, बल्कि दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन की सप्लाई कर सकता था.

नई दिल्लीः कांग्रेस नेता अजय माकन ने कोरोना से निपटने में दिल्ली सरकार और केंद्र दोनों को विफल बताया है. उन्होंने कहा कि मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली हाई कोर्ट को जानकारी दी कि दिल्ली में स्थापित होने वाले 8 पीएसए (प्रेशर स्विंग एडजॉर्ब्जशन) प्लांट स्थापित किए जाने थे, जबकि सिर्फ एक ही खुल सका है. यह हाल तब है, जब दिल्ली में कोरोना संक्रमितों का दम घुट रहा है. बता दें कि पीएसए ऑक्सीजन के छोटे प्लांट होते हैं, जो अमूमन अस्पताल परिसर या आसपास स्थापित किए जाते हैं.

ऑक्सीजन प्लांट लगाने में दोनों सरकार फेल

कांग्रेस नेता ने कहा कि दुर्भाग्य से कोरोना संक्रमण की गंभीरता के बीच भी दिल्ली सरकार ने PSA ऑक्सीजन प्लांट लगाने के बारे में कभी नहीं सोचा. केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही दिल्ली में ऑक्सीजन प्लांट लगाने में फेल हो गई है. राजस्थान की बात करें, तो यहां 37 PSA ऑक्सीजन प्लांट की स्वीकृति मिली थी. इनमें से 24 ने काम करना शुरू कर दिया है. बाकी 13 का काम भी जल्द पूरा होने वाला है.

अजय माकन ने दोनों सरकारों को बताया फेल.

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दिल्ली सरकार ने विज्ञापन पर खर्च किए करोड़ों रुपये

माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने प्रचार में पिछले साल 355 करोड़ रुपये खर्च किए थे. इस साल प्रचार के लिए 467 करोड़ रुपये रखे गए हैं. यह पैसा, अगर ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाने पर लगाया जाता, तो 750 मीट्रिक टन और ऑक्सीजन का उत्पादन हो सकता था. ऐसे में दिल्ली ऑक्सीजन के लिए न केवल आत्मनिर्भर होता, बल्कि दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन की सप्लाई कर सकता था.

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