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लीला मोटली: बुकर पुरस्कार सूची में शामिल होने वालीं सबसे युवा लेखिका - नाइटक्रॉलिंग

20 साल की लीला मोटली (Leela Motley) बुकर पुरस्कार के दावेदारों में शामिल हैं. वह अब तक की सबसे युवा लेखिका हैं, जिनका नाम इस पुरस्कार के दावेदारों में है. लीला मोटाली के बारे में जानिए विस्तार से.

Leela Motley
लीला मोटली
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Published : Jul 31, 2022, 4:58 PM IST

नई दिल्ली : कैलिफोर्निया के ऑकलैंड में जन्मीं मात्र 20 साल की लीला मोटली (Leela Motley) साल 2022 के बुकर पुरस्कार के दावेदारों में शामिल अब तक की सबसे युवा लेखिका हैं. फिलहाल लीला के जिस उपन्यास 'नाइटक्रॉलिंग' को सर्वेश्रेष्ठ उपन्यास की सूची में स्थान मिला है, उसने विश्व साहित्य में सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है.

अमेरिकी पुलिस व्यवस्था के भीतर काले लोगों और अछूत समझी जाने वाली यौन कर्मियों (सेक्स वर्कर) को न्याय की आस में किस प्रकार का उत्पीड़न झेलना पड़ता है, यह उपन्यास उसी दुष्चक्र को कथानक के रूप में लेकर चला है. दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में शुमार मशहूर टीवी प्रस्तोता और प्रोड्यूसर ओप्रा विन्फ्रे के 'ओफ्रा'ज बुक क्लब' में शुमार 'नाइटक्रॉलिंग' लीला मोटली का पहला उपन्यास है.

यह उपन्यास पाठकों को ऑकलैंड में रहने वाली 17 साल की कियारा जॉनसन की दुनिया में ले जाता है, जहां काले समाज के युवा समुदाय की खुशियां, उनकी उम्मीदें और उनका डर एक अलग संसार रचता है. जो आपराधिक न्याय प्रणाली काले लोगों की रक्षा के लिए बनाई गई है उसी में कियारा किस प्रकार पुलिस की यौन हिंसा का शिकार होती है, किस प्रकार उसका अपना परिवार इस व्यवस्था का शिकार हो जाता है, यही 'नाइटक्रॉलिंग' का कथानक है.

अस्तित्व के लिए संघर्ष कियारा को बाल यौनकर्मी में तब्दील कर देता है, लेकिन इसके बावजूद वह अपने पड़ोस के एक नौ साल के बेसहारा बच्चे का लालन पालन करती है, जिसे उसकी मां छोड़कर जा चुकी है. इस पूरे संघर्ष में कियारा मजबूती से खड़ी रहती है और व्यवस्था के दमन के आगे झुकने से इनकार कर देती है. और यही इस 'नाइटक्रॉलिंग' की खूबसूरती है, जिसे लीला ने एक अलग ही अंदाज में रचा है.

लेखकीय टिप्पणी में लीला मोटली ने लिखा है कि किस प्रकार ऑकलैंड में एक पुलिस अधिकारी की आत्महत्या के बाद मिले नोट से पुलिस व्यवस्था के भीतर पनपते यौन शोषण कांड का खुलासा हुआ और कैसे वह उनके इस उपन्यास का कथानक बना. यह लीला की संवेदनशील नजर थी, जिसने इस कांड के परदे के पीछे काली-अश्वेत किशोरी के अनदेखे उत्पीड़न, दर्द को देखा और समझा.

दो उपन्यास लिख चुकी हैं : लीला को मात्र 16 साल की उम्र में ऑकलैंड की युवा कवयित्री चयनित किया गया था और वह अपने 17वें जन्मदिन से पहले 'नाइटक्रॉलिंग' लिखना शुरू कर चुकी थीं. हाई स्कूल पास करने तक वह इस उपन्यास की पटकथा लगभग पूरी कर चुकी थीं. नाइटक्रॉलिंग भले ही उनका पहला प्रकाशित उपन्यास है, लेकिन वह 14-15 साल की उम्र में दो उपन्यास पहले ही लिख चुकी हैं.

लीला मोटली, अपने पिता के साथ ही नोबेल पुरस्कार विजेता टॉनी मौरिसन, टोनी केड बाम्बरा, जैकलिन वुडसन और जेसमिन वार्ड से प्रभावित रही हैं और इस समय वह अपने पहले काव्य संग्रह पर काम कर रही हैं. लीला एक साहित्यिक और रचनात्मक परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जहां उनके पिता जानेमाने नाट्य लेखक हैं. आंखें खोलने के बाद से ही लीला ने अपने पिता को लिखते देखा है और इसी से उन्हें अपने कलात्मक सपने को पूरा करने की प्रेरणा मिली.

लीला से पहले, ब्रिटिश उपन्यासकार जॉन मैक्ग्रेगोर ने वर्ष 2002 में सबसे युवा लेखक के रूप में बुकर की सूची में जगह बनाई थी. उस समय उनके पहले उपन्यास 'इफ नोबडी स्पीक्स ऑफ रिमार्केबल थिंग्स' को इस सूची में शामिल किया गया था. हालांकि, अब तक बुकर पुरस्कार प्राप्त करने वाले सबसे युवा लेखक का खिताब न्यूजीलैंड के ऐलानोर कैटोन के नाम दर्ज है, जिन्होंने 2013 में अपने उपन्यास 'दी ल्यूमिनियरीज' के लिए 50,000 पाउंड का यह पुरस्कार जीता था.

इस बार बुकर पुरस्कारों की सूची में शामिल किए गए साहित्यकारों के नामों की घोषणा 26 जुलाई, 2022 को की गई और प्रतिस्पर्धी सूची छह सितंबर को सामने आएगी. इसके बाद 17 अक्टूबर को बुकर पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा लंदन के राउंड हाउस में की जाएगी.

पढ़ें- गीतांजलि श्री का ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास बना

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : कैलिफोर्निया के ऑकलैंड में जन्मीं मात्र 20 साल की लीला मोटली (Leela Motley) साल 2022 के बुकर पुरस्कार के दावेदारों में शामिल अब तक की सबसे युवा लेखिका हैं. फिलहाल लीला के जिस उपन्यास 'नाइटक्रॉलिंग' को सर्वेश्रेष्ठ उपन्यास की सूची में स्थान मिला है, उसने विश्व साहित्य में सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है.

अमेरिकी पुलिस व्यवस्था के भीतर काले लोगों और अछूत समझी जाने वाली यौन कर्मियों (सेक्स वर्कर) को न्याय की आस में किस प्रकार का उत्पीड़न झेलना पड़ता है, यह उपन्यास उसी दुष्चक्र को कथानक के रूप में लेकर चला है. दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में शुमार मशहूर टीवी प्रस्तोता और प्रोड्यूसर ओप्रा विन्फ्रे के 'ओफ्रा'ज बुक क्लब' में शुमार 'नाइटक्रॉलिंग' लीला मोटली का पहला उपन्यास है.

यह उपन्यास पाठकों को ऑकलैंड में रहने वाली 17 साल की कियारा जॉनसन की दुनिया में ले जाता है, जहां काले समाज के युवा समुदाय की खुशियां, उनकी उम्मीदें और उनका डर एक अलग संसार रचता है. जो आपराधिक न्याय प्रणाली काले लोगों की रक्षा के लिए बनाई गई है उसी में कियारा किस प्रकार पुलिस की यौन हिंसा का शिकार होती है, किस प्रकार उसका अपना परिवार इस व्यवस्था का शिकार हो जाता है, यही 'नाइटक्रॉलिंग' का कथानक है.

अस्तित्व के लिए संघर्ष कियारा को बाल यौनकर्मी में तब्दील कर देता है, लेकिन इसके बावजूद वह अपने पड़ोस के एक नौ साल के बेसहारा बच्चे का लालन पालन करती है, जिसे उसकी मां छोड़कर जा चुकी है. इस पूरे संघर्ष में कियारा मजबूती से खड़ी रहती है और व्यवस्था के दमन के आगे झुकने से इनकार कर देती है. और यही इस 'नाइटक्रॉलिंग' की खूबसूरती है, जिसे लीला ने एक अलग ही अंदाज में रचा है.

लेखकीय टिप्पणी में लीला मोटली ने लिखा है कि किस प्रकार ऑकलैंड में एक पुलिस अधिकारी की आत्महत्या के बाद मिले नोट से पुलिस व्यवस्था के भीतर पनपते यौन शोषण कांड का खुलासा हुआ और कैसे वह उनके इस उपन्यास का कथानक बना. यह लीला की संवेदनशील नजर थी, जिसने इस कांड के परदे के पीछे काली-अश्वेत किशोरी के अनदेखे उत्पीड़न, दर्द को देखा और समझा.

दो उपन्यास लिख चुकी हैं : लीला को मात्र 16 साल की उम्र में ऑकलैंड की युवा कवयित्री चयनित किया गया था और वह अपने 17वें जन्मदिन से पहले 'नाइटक्रॉलिंग' लिखना शुरू कर चुकी थीं. हाई स्कूल पास करने तक वह इस उपन्यास की पटकथा लगभग पूरी कर चुकी थीं. नाइटक्रॉलिंग भले ही उनका पहला प्रकाशित उपन्यास है, लेकिन वह 14-15 साल की उम्र में दो उपन्यास पहले ही लिख चुकी हैं.

लीला मोटली, अपने पिता के साथ ही नोबेल पुरस्कार विजेता टॉनी मौरिसन, टोनी केड बाम्बरा, जैकलिन वुडसन और जेसमिन वार्ड से प्रभावित रही हैं और इस समय वह अपने पहले काव्य संग्रह पर काम कर रही हैं. लीला एक साहित्यिक और रचनात्मक परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जहां उनके पिता जानेमाने नाट्य लेखक हैं. आंखें खोलने के बाद से ही लीला ने अपने पिता को लिखते देखा है और इसी से उन्हें अपने कलात्मक सपने को पूरा करने की प्रेरणा मिली.

लीला से पहले, ब्रिटिश उपन्यासकार जॉन मैक्ग्रेगोर ने वर्ष 2002 में सबसे युवा लेखक के रूप में बुकर की सूची में जगह बनाई थी. उस समय उनके पहले उपन्यास 'इफ नोबडी स्पीक्स ऑफ रिमार्केबल थिंग्स' को इस सूची में शामिल किया गया था. हालांकि, अब तक बुकर पुरस्कार प्राप्त करने वाले सबसे युवा लेखक का खिताब न्यूजीलैंड के ऐलानोर कैटोन के नाम दर्ज है, जिन्होंने 2013 में अपने उपन्यास 'दी ल्यूमिनियरीज' के लिए 50,000 पाउंड का यह पुरस्कार जीता था.

इस बार बुकर पुरस्कारों की सूची में शामिल किए गए साहित्यकारों के नामों की घोषणा 26 जुलाई, 2022 को की गई और प्रतिस्पर्धी सूची छह सितंबर को सामने आएगी. इसके बाद 17 अक्टूबर को बुकर पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा लंदन के राउंड हाउस में की जाएगी.

पढ़ें- गीतांजलि श्री का ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास बना

(पीटीआई-भाषा)

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