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राजस्थान : इंदिरा गांधी नहर में 4 दिनों में मिले 10 बम, खुफिया एजेंसियां अलर्ट - राजस्थान

कभी मरुधरा की जीवनदायिनी कही जाने वाली इंदिरा गांधी नहर इन दिनों बमों की फैक्ट्री बनती जा रही है. इस नहर से पिछले 4 दिनों से लगातार बमों के मिलने का सिलसिला जारी है. लगातार बम मिलने की घटनाओं से जहां इलाके में दहशत का माहौल है, वहीं इन घटनाओं ने पुलिस और खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ा दी है.

इंदिरा गांधी नहर
इंदिरा गांधी नहर
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Published : May 18, 2021, 3:04 PM IST

सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर) : एशिया की सबसे बड़ी नहर परियोजना यानी कि इंदिरा गांधी नहर इन दिनों बम उगल रही है. सूरतगढ़ क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से इस नहर से लगातार बम मिलने के मामले सामने आ रहे हैं. हालात यह है कि इंदिरा गांधी नहर और इससे जुड़ी कैनाल नहरों में 4 दिनों में ही 10 बम मिल चुके हैं. एक के बाद एक बम मिलने से इलाके के लोगों में भय का माहौल बन गया है.

इंदिरा गांधी नहर में 4 दिनों में मिले 10 बम

हालांकि, पुलिस की ओर से बमों की सूचना मिलने पर पुलिस ने बम को अपनी निगरानी में ले लिया है, क्योंकि बम मिलने का मामला सेना से जुड़ा हुआ है. इसलिए पुलिस ने बमों की सूचना सेना को दे दी है. हालांकि स्थानीय पुलिस बम मिलने की घटनाओं को सन 2001 में बिरधवाल स्थित सेना के आयुध डिपो में आग लगने की घटनाओं से जोड़ रही है. जब आग के बाद धमाकों के साथ बम आस- पास के इलाकों में जा गिरे थे.

पढ़ें : चक्रवात तौकते: नौसेना ने तूफान में फंसे बार्जP305 पर सवार 146 लोगों को बचाया

लगातार बम मिलने की घटनाओं के बाद स्थानीय पुलिस प्रशासन की ओर से सेना को इन बमों के निस्तारण के लिए पत्र लिखा है. बड़ा सवाल यह है कि इस बार की नहरबंदी के दौरान बम मिलने की इतनी घटनाएं एकाएक क्यों सामने आ रही हैं. जबकि वर्ष 2001 के बाद अनेकों बार नहरबंदी हो चुकी है.

दूसरी ओर पुलिस के लिए सिरदर्दी यह भी है कि नफरी की कमी झेल रहे महकमे में कार्मिकों से लॉकडाउन का पालन करवाया जाए या स्टाफ को इन बमों की निगरानी में तैनात किया जाए. क्योंकि सेना ने अभी तक मिले 10 में से 2 बमों को ही डिफ्यूज किया है, शेष 8 के लिए पुलिस को सेना दस्ते के आने का इंतजार है.

सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर) : एशिया की सबसे बड़ी नहर परियोजना यानी कि इंदिरा गांधी नहर इन दिनों बम उगल रही है. सूरतगढ़ क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से इस नहर से लगातार बम मिलने के मामले सामने आ रहे हैं. हालात यह है कि इंदिरा गांधी नहर और इससे जुड़ी कैनाल नहरों में 4 दिनों में ही 10 बम मिल चुके हैं. एक के बाद एक बम मिलने से इलाके के लोगों में भय का माहौल बन गया है.

इंदिरा गांधी नहर में 4 दिनों में मिले 10 बम

हालांकि, पुलिस की ओर से बमों की सूचना मिलने पर पुलिस ने बम को अपनी निगरानी में ले लिया है, क्योंकि बम मिलने का मामला सेना से जुड़ा हुआ है. इसलिए पुलिस ने बमों की सूचना सेना को दे दी है. हालांकि स्थानीय पुलिस बम मिलने की घटनाओं को सन 2001 में बिरधवाल स्थित सेना के आयुध डिपो में आग लगने की घटनाओं से जोड़ रही है. जब आग के बाद धमाकों के साथ बम आस- पास के इलाकों में जा गिरे थे.

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लगातार बम मिलने की घटनाओं के बाद स्थानीय पुलिस प्रशासन की ओर से सेना को इन बमों के निस्तारण के लिए पत्र लिखा है. बड़ा सवाल यह है कि इस बार की नहरबंदी के दौरान बम मिलने की इतनी घटनाएं एकाएक क्यों सामने आ रही हैं. जबकि वर्ष 2001 के बाद अनेकों बार नहरबंदी हो चुकी है.

दूसरी ओर पुलिस के लिए सिरदर्दी यह भी है कि नफरी की कमी झेल रहे महकमे में कार्मिकों से लॉकडाउन का पालन करवाया जाए या स्टाफ को इन बमों की निगरानी में तैनात किया जाए. क्योंकि सेना ने अभी तक मिले 10 में से 2 बमों को ही डिफ्यूज किया है, शेष 8 के लिए पुलिस को सेना दस्ते के आने का इंतजार है.

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