ETV Bharat / bharat

गिरफ्तारी के खिलाफ राज कुंद्रा की याचिका पर HC में सुनवाई पूरी, फैसला बाद में

author img

By

Published : Aug 2, 2021, 4:18 PM IST

Updated : Aug 2, 2021, 10:54 PM IST

बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली व्यवसायी राज कुंद्रा और रायन थोर्प की याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली. न्यायालय इस पर फैसला बाद में सुनाएगा.

राज कुंद्रा
राज कुंद्रा

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने अश्लील फिल्मों के निर्माण और ऐप के जरिए इसके प्रदर्शन के मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाले कारोबारी राज कुंद्रा और उनके सहयोगी रायन थोर्प याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई पूरी कर ली. न्यायालय इस पर फैसला बाद में सुनाएगा.

पुलिस ने उच्च न्यायालय में दलील दी कि मुंबई अपराध शाखा द्वारा इस साल फरवरी में दर्ज मामले की जांच में कुंद्रा सहयोग नहीं कर रहे थे और उन्होंने सबूतों को नष्ट कर दिया। पुलिस के इस दावे का कुंद्रा के वकील ने खंडन किया.

अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति कुंद्रा (45), और थोर्प ने अपनी याचिकाओं में गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए दलील दी है कि दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 41 ए के तहत उन्हें नोटिस जारी करने के अनिवार्य प्रावधान का पालन नहीं किया गया. दोनों ने याचिका में उच्च न्यायालय से उनकी तत्काल रिहाई का निर्देश देने और गिरफ्तारी के बाद एक मजिस्ट्रेट द्वारा उन्हें पुलिस हिरासत में भेजने के दो आदेशों को रद्द करने का अनुरोध किया है.

ये भी पढ़ें - शिल्पा शेट्टी ने पोस्ट में दिया अपना लंबा-चौड़ा बयान, बोलीं- आपसे अनुरोध करती हूं...

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के अनुसार पुलिस उन मामलों में जहां गिरफ्तारी वारंट नहीं है, आरोपी व्यक्ति को समन जारी कर सकती है और उसका बयान दर्ज कर सकती है. कुंद्रा को अपराध शाखा ने 19 जुलाई को गिरफ्तार किया था जबकि उसकी में आईटी प्रमुख के रूप में कार्यरत थोर्प को 20 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. दोनों अब न्यायिक हिरासत में जेल में हैं.

लोक अभियोजक अरुणा कामत पई ने सोमवार को न्यायमूर्ति ए एस गडकरी की एकल पीठ को बताया कि धारा 41ए के तहत नोटिस वास्तव में कुंद्रा और थोर्प दोनों को उनकी गिरफ्तारी से पहले जारी किए गए थे.

पई ने सवाल किया 'अगर आरोपी सबूत नष्ट कर रहा है, तो क्या जांच एजेंसी मूकदर्शक बनी रह सकती है?' उन्होंने कहा, 'कुंद्रा 'हॉटशॉट्स' ऐप (जिसके जरिए अश्लील फिल्म का प्रदर्शन हुआ) के 'एडमिन' हैं. तलाश के दौरान पुलिस ने कुंद्रा के कार्यालय से एक लैपटॉप जब्त किया जिसमें 68 अश्लील वीडियो बरामद किए गए. इसके अलावा पूर्व में 51 वीडियो के स्टोरेज बरामद किए गए थे.'

ये भी पढ़ें - साइबर सेल के पुराने केस में राज कुंद्रा की जमानत अर्जी पर 7 अगस्त तक सुनवाई स्थगित

कुंद्रा के वकील आबाद पोंडा ने पुलिस के आरोपों का खंडन किया और कहा कि तलाशी के दौरान उनके फोन और लैपटॉप सहित सभी उपकरण पुलिस ने जब्त कर लिए. थोर्प के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने दलील दी कि उनको 41ए के तहत नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्हें इसकी तामील करने या जवाब देने का समय नहीं दिया गया. वकीलों की दलीलें सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

संबंधित घटनाक्रम में, एक सत्र अदालत ने सोमवार को कुंद्रा द्वारा दाखिल एक अग्रिम जमानत की अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. इसमें पिछले साल मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज अश्लील सामग्री से संबंधित इसी तरह के एक मामले में गिरफ्तारी से पूर्व जमानत का अनुरोध किया गया है. सत्र अदालत सात अगस्त को अग्रिम जमानत याचिका पर अपना आदेश सुनाएगी.

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने अश्लील फिल्मों के निर्माण और ऐप के जरिए इसके प्रदर्शन के मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाले कारोबारी राज कुंद्रा और उनके सहयोगी रायन थोर्प याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई पूरी कर ली. न्यायालय इस पर फैसला बाद में सुनाएगा.

पुलिस ने उच्च न्यायालय में दलील दी कि मुंबई अपराध शाखा द्वारा इस साल फरवरी में दर्ज मामले की जांच में कुंद्रा सहयोग नहीं कर रहे थे और उन्होंने सबूतों को नष्ट कर दिया। पुलिस के इस दावे का कुंद्रा के वकील ने खंडन किया.

अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति कुंद्रा (45), और थोर्प ने अपनी याचिकाओं में गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए दलील दी है कि दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 41 ए के तहत उन्हें नोटिस जारी करने के अनिवार्य प्रावधान का पालन नहीं किया गया. दोनों ने याचिका में उच्च न्यायालय से उनकी तत्काल रिहाई का निर्देश देने और गिरफ्तारी के बाद एक मजिस्ट्रेट द्वारा उन्हें पुलिस हिरासत में भेजने के दो आदेशों को रद्द करने का अनुरोध किया है.

ये भी पढ़ें - शिल्पा शेट्टी ने पोस्ट में दिया अपना लंबा-चौड़ा बयान, बोलीं- आपसे अनुरोध करती हूं...

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के अनुसार पुलिस उन मामलों में जहां गिरफ्तारी वारंट नहीं है, आरोपी व्यक्ति को समन जारी कर सकती है और उसका बयान दर्ज कर सकती है. कुंद्रा को अपराध शाखा ने 19 जुलाई को गिरफ्तार किया था जबकि उसकी में आईटी प्रमुख के रूप में कार्यरत थोर्प को 20 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. दोनों अब न्यायिक हिरासत में जेल में हैं.

लोक अभियोजक अरुणा कामत पई ने सोमवार को न्यायमूर्ति ए एस गडकरी की एकल पीठ को बताया कि धारा 41ए के तहत नोटिस वास्तव में कुंद्रा और थोर्प दोनों को उनकी गिरफ्तारी से पहले जारी किए गए थे.

पई ने सवाल किया 'अगर आरोपी सबूत नष्ट कर रहा है, तो क्या जांच एजेंसी मूकदर्शक बनी रह सकती है?' उन्होंने कहा, 'कुंद्रा 'हॉटशॉट्स' ऐप (जिसके जरिए अश्लील फिल्म का प्रदर्शन हुआ) के 'एडमिन' हैं. तलाश के दौरान पुलिस ने कुंद्रा के कार्यालय से एक लैपटॉप जब्त किया जिसमें 68 अश्लील वीडियो बरामद किए गए. इसके अलावा पूर्व में 51 वीडियो के स्टोरेज बरामद किए गए थे.'

ये भी पढ़ें - साइबर सेल के पुराने केस में राज कुंद्रा की जमानत अर्जी पर 7 अगस्त तक सुनवाई स्थगित

कुंद्रा के वकील आबाद पोंडा ने पुलिस के आरोपों का खंडन किया और कहा कि तलाशी के दौरान उनके फोन और लैपटॉप सहित सभी उपकरण पुलिस ने जब्त कर लिए. थोर्प के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने दलील दी कि उनको 41ए के तहत नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्हें इसकी तामील करने या जवाब देने का समय नहीं दिया गया. वकीलों की दलीलें सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

संबंधित घटनाक्रम में, एक सत्र अदालत ने सोमवार को कुंद्रा द्वारा दाखिल एक अग्रिम जमानत की अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. इसमें पिछले साल मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज अश्लील सामग्री से संबंधित इसी तरह के एक मामले में गिरफ्तारी से पूर्व जमानत का अनुरोध किया गया है. सत्र अदालत सात अगस्त को अग्रिम जमानत याचिका पर अपना आदेश सुनाएगी.

Last Updated : Aug 2, 2021, 10:54 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.