मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक को चिकित्सकीय आधार पर जमानत देने से गुरुवार को इनकार कर दिया. मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है. ईडी ने मलिक को भगोड़े गैंगस्टर दाउद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के बीच कथित गठजोड़ के एक मामले में फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था.
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Mumbai | Bombay High Court refuses bail on medical grounds to NCP leader and former Maharashtra Minister Nawab Malik in ED money laundering case.
— ANI (@ANI) July 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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एनसीपी नेता नवाब मलिक न्यायिक हिरासत में हैं. उनका एक निजी अस्पताल में उनका उपचार चल रहा है. उन्होंने चिकित्सकीय आधार पर जमानत दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह किडनी के रोग से पीड़ित हैं साथ ही उन्हें कई अन्य बीमारियां भी हैं, जिसके बाद न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की एकल पीठ ने चिकित्सकीय आधार पर जमानत का अनुरोध करने वाली मलिक की याचिका खारिज कर दी. अदालत ने कहा कि वह उनकी जमानत संबंधी अपील पर गुणवत्ता के आधार पर दो सप्ताह के बाद सुनवाई करेगी.
मलिक के अधिवक्ता अमित देसाई ने कहा पिछले आठ माह से मलिक की हालत बिगड़ती जा रही है और वह किडनी की बीमारी के स्टेज 2 से स्टेज 3 के बीच हैं. उन्होंने अदालत से जमानत का अनुरोध करते हुए कहा कि मलिक की सेहत को ध्यान में रखा जाए और अगर उन्हें इन्ही परिस्थितियों में ही रहने दिया गया तो यह जानलेवा साबित हो सकता है.
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ईडी की ओर से पेश सॉलीसिटर जनरल अनिल सिंह ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मलिक अपनी पसंद के अस्पताल में हैं और चिकित्सकीय उपचार ले रहे हैं. मलिक के खिलाफ ईडी का मामला 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की ओर से गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है.
(पीटीआई-भाषा)