ETV Bharat / bharat

कोविड-19 : बंबई उच्च न्यायालय का बीएमसी की योजना को मंजूरी देने का केन्द्र को निर्देश

फर्जी टीकाकरण शिविरों के शिकार बने लोगों का फिर से टीकाकरण करने के लिए बीएमसी ने योजना बनाई है. जिसे मंजूरी देने के लिए बंबई हाई कोर्ट ने केंद्र को निर्देशित किया है.

bombay high court
bombay high court
author img

By

Published : Jul 30, 2021, 3:31 PM IST

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के उन नागरिकों को फिर से टीका लगाने की प्रस्तावित कार्य योजना को मंजूरी देने का निर्देश दिया जो कुछ महीने पहले शहर के विभिन्न इलाकों मे कोविड-19 रोधी फर्जी टीकाकरण शिविरों के शिकार बने थे.

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने केंद्र को मुंबई नगर निकाय की कार्ययोजना को अब से सात दिन के भीतर 'संशोधनों के साथ या बिना संशोधनों' के मंजूरी देने का निर्देश दिया.

ये निर्देश तब दिए गए हैं जब बीएमसी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अनिल साखरे ने उच्च न्यायालय को बताया कि उसने ऐसे फर्जी शिविरों के झांसे में आए 2,053 लोगों में से 161 को फिर से टीके लगाए हैं. इससे महीने की शुरुआत में साखरे ने अदालत को बताया था कि पीड़ितों को कोविड-19 रोधी टीके की खुराक की बजाय पानी दिया गया.

साखरे ने अदालत को बताया, 'कांदीवली के हीरानंदानी में 391 मामलों में से 363 लोगों का पता लगाया गया और उनमें से 161 को टीके लगाए गए. हम बाकी के कुल 2,053 पीड़ितों के कोविन पोर्टल पर पुन: पंजीकरण कराने की प्रक्रिया में है ताकि उन्हें फिर से सही तरीके से टीके लगाए जा सकें.'

साखरे ने कहा कि केंद्र की मंजूरी के बिना पीड़ितों का पुन: पंजीकरण नहीं हो सकता. इस पर केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने पीठ से कहा कि हालांकि, अभी पोर्टल से पंजीकरण हटाना संभव नहीं है फिर भी केंद्र इस पर गौर करेगी. सिंह ने कहा, 'तब तक पीड़ित टीकाकरण के लिए पोर्टल पर पुन: पंजीकरण करा सकते हैं.'

पढ़ें :- अदालत ने बीएमसी से पूछा, क्या चुनिंदा समूह के लिए घर घर जाकर टीकाकरण कर सकते हैं?

इस पर उच्च न्यायालय ने कहा कि केंद्र को बीएमसी की योजना पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. उसने कहा, 'बीएसमी की प्रस्तावित कार्य योजना पर विचार करते हुए आवश्यक कदम उठाइए. पीड़ित कोविन पोर्टल पर नया पंजीकरण करा सकते हैं और पुन: पंजीकरण के लिए उनकी पहचान करते हुए कुछ टिप्पणियां होनी चाहिए.'

अदालत ने मुंबई पुलिस को शहर के कांदिवली इलाके में एक आवासीय सोसायटी में ऐसे ही एक फर्जी टीकाकरण शिविर की जांच पूरी करने के लिए 30 और दिनों का वक्त दिया.

राज्य के वकील अरुण पाई ने शुक्रवार को अदालत से कहा कि कांदिवली प्राथमिकी में पुलिस की जांच पूरी हो गयी है लेकिन उसने आरोपपत्र दायर नहीं किया है क्योंकि वह हाफकिन इंस्टीट्यूट से 'रसायन विश्लेषण रिपोर्ट' का इंतजार कर रही है.

पीठ ने कहा, 'इस घोटाले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाना चाहिए. हम हाफकिन इंस्टीट्यूट को जल्द से जल्द पुलिस को रसायन विश्लेषण रिपोर्ट मुहैया कराने का निर्देश देते हैं.' इस मामले में अब 30 अगस्त को सुनवाई होगी.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के उन नागरिकों को फिर से टीका लगाने की प्रस्तावित कार्य योजना को मंजूरी देने का निर्देश दिया जो कुछ महीने पहले शहर के विभिन्न इलाकों मे कोविड-19 रोधी फर्जी टीकाकरण शिविरों के शिकार बने थे.

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने केंद्र को मुंबई नगर निकाय की कार्ययोजना को अब से सात दिन के भीतर 'संशोधनों के साथ या बिना संशोधनों' के मंजूरी देने का निर्देश दिया.

ये निर्देश तब दिए गए हैं जब बीएमसी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अनिल साखरे ने उच्च न्यायालय को बताया कि उसने ऐसे फर्जी शिविरों के झांसे में आए 2,053 लोगों में से 161 को फिर से टीके लगाए हैं. इससे महीने की शुरुआत में साखरे ने अदालत को बताया था कि पीड़ितों को कोविड-19 रोधी टीके की खुराक की बजाय पानी दिया गया.

साखरे ने अदालत को बताया, 'कांदीवली के हीरानंदानी में 391 मामलों में से 363 लोगों का पता लगाया गया और उनमें से 161 को टीके लगाए गए. हम बाकी के कुल 2,053 पीड़ितों के कोविन पोर्टल पर पुन: पंजीकरण कराने की प्रक्रिया में है ताकि उन्हें फिर से सही तरीके से टीके लगाए जा सकें.'

साखरे ने कहा कि केंद्र की मंजूरी के बिना पीड़ितों का पुन: पंजीकरण नहीं हो सकता. इस पर केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने पीठ से कहा कि हालांकि, अभी पोर्टल से पंजीकरण हटाना संभव नहीं है फिर भी केंद्र इस पर गौर करेगी. सिंह ने कहा, 'तब तक पीड़ित टीकाकरण के लिए पोर्टल पर पुन: पंजीकरण करा सकते हैं.'

पढ़ें :- अदालत ने बीएमसी से पूछा, क्या चुनिंदा समूह के लिए घर घर जाकर टीकाकरण कर सकते हैं?

इस पर उच्च न्यायालय ने कहा कि केंद्र को बीएमसी की योजना पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. उसने कहा, 'बीएसमी की प्रस्तावित कार्य योजना पर विचार करते हुए आवश्यक कदम उठाइए. पीड़ित कोविन पोर्टल पर नया पंजीकरण करा सकते हैं और पुन: पंजीकरण के लिए उनकी पहचान करते हुए कुछ टिप्पणियां होनी चाहिए.'

अदालत ने मुंबई पुलिस को शहर के कांदिवली इलाके में एक आवासीय सोसायटी में ऐसे ही एक फर्जी टीकाकरण शिविर की जांच पूरी करने के लिए 30 और दिनों का वक्त दिया.

राज्य के वकील अरुण पाई ने शुक्रवार को अदालत से कहा कि कांदिवली प्राथमिकी में पुलिस की जांच पूरी हो गयी है लेकिन उसने आरोपपत्र दायर नहीं किया है क्योंकि वह हाफकिन इंस्टीट्यूट से 'रसायन विश्लेषण रिपोर्ट' का इंतजार कर रही है.

पीठ ने कहा, 'इस घोटाले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाना चाहिए. हम हाफकिन इंस्टीट्यूट को जल्द से जल्द पुलिस को रसायन विश्लेषण रिपोर्ट मुहैया कराने का निर्देश देते हैं.' इस मामले में अब 30 अगस्त को सुनवाई होगी.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.