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शिवाजी पार्क में शिंदे गुट को नहीं मिली दशहरा रैली की इजाजत, HC ने खारिज की याचिका - बीएमसी के फैसले को चुनौती

शिवाजी पार्क में शिंदे गुट को दशहरा रैली की इजाजत नहीं मिली. ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुट दोनों ने शिवाजी पार्क में अपनी-अपनी दशहरा रैलियों को आयोजित करने की अनुमति मांगी थी.

Bombay HC
बॉम्बे हाईकोर्ट
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Published : Sep 23, 2022, 4:34 PM IST

Updated : Sep 23, 2022, 7:21 PM IST

मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के धड़े से जुड़े शिवसेना विधायक सदा सर्वंकर के हस्तक्षेप के आवेदन को खारिज कर दिया. बॉम्बे हाईकोर्ट ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को पांच अक्टूबर को मध्य मुंबई के प्रतिष्ठित शिवाजी पार्क मैदान में अपनी वार्षिक दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति दी.

न्यायमूर्ति आर डी धानुका और न्यायमूर्ति कमल खाता की खंडपीठ ने ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट और उसके सचिव अनिल देसाई द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें मुंबई नगर निकाय के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी.

न्यायमूर्ति आर. डी. धनुका और न्यायमूर्ति कमल खाटा की खंडपीठ ने ठाकरे नीत शिवसेना गुट और उसके सचिव अनिल देसाई द्वारा बृहन्नमुंबई महानगरपालिका के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को अनुमति दे दी. बीएमसी ने शिवसेना को शिवाजी पार्क में वार्षिक दशहरा रैली करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा, बीएमसी का आदेश 'स्पष्ट रूप से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है.' पीठ ने ठाकरे नीत शिवसेना को दो से छह अक्टूबर तक शिवाजी पार्क का उपयोग करने की अनुमति दी है, लेकिन साथ ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने को कहा है.

ये है मामला : ठाकरे गुट की शिवसेना ने अपनी याचिका में कहा था कि पार्टी 1966 से हर साल शिवाजी पार्क में दशहरा रैली का आयोजन कर रही है और बीएमसी ने हमेशा इसकी अनुमति दी है. कोविड-19 महामारी के कारण सिर्फ 2020 और 2021 में रैली आयोजित नहीं की जा सकी थी. याचिका के अनुसार, 2016 में राज्य सरकार ने शिवाजी पार्क में केवल खेल गतिविधियों की ही अनुमति दी थी. उस समय राज्य सरकार ने गैर-खेल गतिविधियों के लिए वर्ष में कुछ दिन निर्धारित किए थे और उनमें दशहरा रैली भी शामिल थी.

इस साल जून में शिवसेना में एकनाथ शिंदे गुट के विद्रोह के बाद ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई. महा विकास आघाड़ी गठबंधन में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस शामिल थीं. बाद में शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुट दोनों ने शिवाजी पार्क में अपनी-अपनी दशहरा रैलियों को आयोजित करने की अनुमति मांगी थी. बीएमसी ने गुरुवार को दोनों धड़ों को रैली की अनुमति नहीं दी थी. दोनों गुटों ने विकल्प के तौर पर मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के एमएमआरडीए मैदान में रैली करने की अनुमति के लिए भी आवेदन किया था. पिछले हफ्ते शिंदे गुट को बीकेसी में रैली के आयोजन को मंजूरी मिली थी.

पढ़ें- शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के आयोजन संबंधी उद्धव गुट की याचिका पर सुनवाई शुरू

मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के धड़े से जुड़े शिवसेना विधायक सदा सर्वंकर के हस्तक्षेप के आवेदन को खारिज कर दिया. बॉम्बे हाईकोर्ट ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को पांच अक्टूबर को मध्य मुंबई के प्रतिष्ठित शिवाजी पार्क मैदान में अपनी वार्षिक दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति दी.

न्यायमूर्ति आर डी धानुका और न्यायमूर्ति कमल खाता की खंडपीठ ने ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट और उसके सचिव अनिल देसाई द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें मुंबई नगर निकाय के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी.

न्यायमूर्ति आर. डी. धनुका और न्यायमूर्ति कमल खाटा की खंडपीठ ने ठाकरे नीत शिवसेना गुट और उसके सचिव अनिल देसाई द्वारा बृहन्नमुंबई महानगरपालिका के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को अनुमति दे दी. बीएमसी ने शिवसेना को शिवाजी पार्क में वार्षिक दशहरा रैली करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा, बीएमसी का आदेश 'स्पष्ट रूप से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है.' पीठ ने ठाकरे नीत शिवसेना को दो से छह अक्टूबर तक शिवाजी पार्क का उपयोग करने की अनुमति दी है, लेकिन साथ ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने को कहा है.

ये है मामला : ठाकरे गुट की शिवसेना ने अपनी याचिका में कहा था कि पार्टी 1966 से हर साल शिवाजी पार्क में दशहरा रैली का आयोजन कर रही है और बीएमसी ने हमेशा इसकी अनुमति दी है. कोविड-19 महामारी के कारण सिर्फ 2020 और 2021 में रैली आयोजित नहीं की जा सकी थी. याचिका के अनुसार, 2016 में राज्य सरकार ने शिवाजी पार्क में केवल खेल गतिविधियों की ही अनुमति दी थी. उस समय राज्य सरकार ने गैर-खेल गतिविधियों के लिए वर्ष में कुछ दिन निर्धारित किए थे और उनमें दशहरा रैली भी शामिल थी.

इस साल जून में शिवसेना में एकनाथ शिंदे गुट के विद्रोह के बाद ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई. महा विकास आघाड़ी गठबंधन में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस शामिल थीं. बाद में शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुट दोनों ने शिवाजी पार्क में अपनी-अपनी दशहरा रैलियों को आयोजित करने की अनुमति मांगी थी. बीएमसी ने गुरुवार को दोनों धड़ों को रैली की अनुमति नहीं दी थी. दोनों गुटों ने विकल्प के तौर पर मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के एमएमआरडीए मैदान में रैली करने की अनुमति के लिए भी आवेदन किया था. पिछले हफ्ते शिंदे गुट को बीकेसी में रैली के आयोजन को मंजूरी मिली थी.

पढ़ें- शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के आयोजन संबंधी उद्धव गुट की याचिका पर सुनवाई शुरू

Last Updated : Sep 23, 2022, 7:21 PM IST
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