पटनाः बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी अपनी फिल्म 'एक बंदा काफी है' का प्रमोशन को लेकर पटना पहुंचे. इसी क्रम में बुधवार की शाम मरीन ड्राइव गए, जहां पोस्ट ग्रेजुएट चाय वाली के टी-स्टॉल पर पहुंचकर चाय पी. इस दौरान स्टॉल की संचालिका नाज बानो को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी. मनोज बाजपेयी ने कहा कि उनकी फिल्म है 'एक बंदा काफी है', लेकिन वह नाज बानो को देखते हुए कहा कि 'एक बंदी काफी है समाज में बदलाव लाने के लिए.
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युवा हो रहे आत्मनिर्भरः मनोज वाजपेयी बिहार के बेतिया के रहने वाले हैं. वे बराबर अपने गांव आते रहते हैं. उन्होंने कहा कि पटना आना हमेशा अच्छा लगता है. अब युवा नौकरी ढूंढने के बजाय आत्मनिर्भर बन रहे हैं. कई लोगों को नौकरी भी दे सकते हैं. यहां गांव की खुशबू भी मिल रही है. नाज बानो से से बहुत सारे लोग प्रेरणा लेंगे. लोग इसे मरीन ड्राइव बोलते हैं, लेकिन इसे गंगा ड्राइव ही कहा जाए. यहां का नजारा उन्हें बेहद पसंद आया.
"यहां आकर काफी अच्छा लग लग रहा है. समाज को बदलने के लिए एक बंदी का काफी है. अब बिहार के अब युवा नौकरी ढूंढने के बजाय आत्मनिर्भर बन रहे हैं. कई लोगों को नौकरी भी दे सकते हैं. इससे लड़की और लड़का दोनों को सीखना चाहिए." - मनोज बाजपेयी, बॉलीवुड अभिनेता
नाज बानो काफी खुश हैः पोस्टग्रेजुएट चाय वाली नाज बानो ने बताया कि उन्हें इस बात की काफी खुशी हो रही है कि मनोज बाजपेयी जैसे सुपरस्टार उनके स्टाल पर आएं और चाय पी. खुशी इतनी है कि वह समझ नहीं पा रही थी क्या बोलना है क्या नहीं. मनोज बाजपेयी काफी समय रूक कर स्टॉल पर चाय पी. जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. मनोज बाजपेयी ने उन्हें एक गुलदस्ता दिया है, जिसे वह प्यार से संभाल कर रखेंगी.
बिजनेस को आगे बढ़ाना चाहती है नाजः नाज बानो ने कि वह पहले चाय नहीं बेचना चाहती थी. पांच भाई बहनों में वह सबसे छोटी हैं. उन्होंने इंग्लिश से पोस्टग्रेजुएट किया है. वह मूल रूप से दरभंगा की रहने वाली हैं. पिता शिक्षक हैं. दरभंगा में भी उन्होंने यह काम शुरू किया था, लेकिन वहां सक्सेस नहीं हुआ फिर पटना पहुंची. यहां दुकान ठीक-ठाक चल रहा है. उसने बताया कि बिजनेस को आगे बढ़ाकर कई लोगों को रोजगार देना चाहती हैं.