कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले के निधिरामपुर गांव में बुधवार को एक स्थानीय भाजपा नेता का शव एक पेड़ की शाखा से लटका हुआ पाया गया. मृतक की पहचान सुभदीप मिश्रा के रूप में की गई, जिन्होंने पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के लिए हाल ही में संपन्न चुनावों में चुनाव लड़ा था. उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह पिछले सात दिनों से लापता थे.
उन्होंने कहा कि आखिरकार बुधवार सुबह उनका शव इलाके में एक पेड़ से लटका हुआ देखा गया. उसके हाथ बंधे हुए थे. जैसे ही पुलिस मृतक नेता का शव बरामद करने के लिए मौके पर पहुंची, तो सालतोरा विधानसभा क्षेत्र की स्थानीय भाजपा विधायक चंदना बाउरी ने आंदोलन शुरू कर दिया और पुलिस को शव सौंपने से इनकार कर दिया.
मृतक भाजपा नेता का शव ले जाने से रोकने के लिए बाउरी पुलिस वाहन के सामने लेट गये. विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि मिश्रा की हत्या इसलिए की गई, क्योंकि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े स्थानीय गुंडे क्षेत्र में मृतक भाजपा नेता की बढ़ती लोकप्रियता से डरे हुए थे. विपक्ष के नेता ने यह भी मांग की कि इस मामले में बांकुड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक वैभव तिवारी की भूमिका की भी गहन जांच की जानी चाहिए.
अधिकारी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 'टीएमसी के गुंडों ने सुभदीप मिश्रा की हत्या कर उनके हाथ बांधकर शव को पेड़ से लटका दिया है. बांकुरा जिले के सुभदीप मिश्रा भाजपा के उम्मीदवार थे, जिन्होंने सालतोरा विधानसभा क्षेत्र के गंगाजलघाटी ब्लॉक के लोटियाबोनी आंचल में निधिरामपुर से 2023 के पंचायत चुनाव में चुनाव लड़ा था.'
पोस्ट में आगे लिखा कि 'उनकी हत्या कर दी गई है, क्योंकि टीएमसी के चोर और गुंडे उनकी बढ़ती लोकप्रियता और भ्रष्टाचार के खिलाफ रुख को पचा नहीं पा रहे थे.' बीजेपी नेता ने इस मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की है. उन्होंने आगे लिखा कि 'यह एक हत्या है. जो वीडियो उपलब्ध है, जिसे मैंने चेहरे को धुंधला करने के बाद एक्स पर भी पोस्ट किया है, उसमें साफ दिख रहा है कि उसके हाथ बंधे हुए हैं.'
सुवेंदु अधिकारी ने आगे लिखा कि 'कोई भी व्यक्ति अपने हाथ बांधकर पेड़ से नहीं लटक सकता. साफ है कि उसके हाथ बांध दिए गए और फिर उसे पेड़ से लटका दिया गया. हमें लगता है कि यह एक राजनीतिक हत्या है और पुलिस की अक्षमता और तृणमूल कांग्रेस के गुंडे इससे जुड़े हुए हैं. हम परिवार की मांग से सहमत हैं और हम मामले में सीबीआई जांच की भी मांग कर रहे हैं.'
उन्होंने एक्स पर एक लंबी पोस्ट में कहा कि 'पुलिस अधीक्षक की भूमिका; बांकुड़ा जिला पुलिस को इस घटना की गहनता से जांच करनी चाहिए. इसके साथ पिछले महीने एसपी द्वारा जारी एक आदेश संलग्न है. ऐसा लगता है कि वह अपने पद की सीमाओं को पार कर सीधा नियंत्रण हासिल करना चाहते थे. यह आदेश प्रशासनिक न होकर राजनीतिक प्रतीत होता है.'
अधिकारी ने आगे लिखा कि 'जिला पुलिस इकाइयां वर्दी में टीएमसी कैडर के अलावा और कुछ नहीं हैं. उनका एकमात्र काम यह सुनिश्चित करना है कि टीएमसी पार्टी का अस्तित्व यथासंभव लंबे समय तक बना रहे. मैं सीबीआई जांच की मांग करता हूं, क्योंकि पुलिस अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए सबूतों से छेड़छाड़ करने और सत्तारूढ़ टीएमसी पार्टी से जुड़े दोषियों को बचाने की पूरी कोशिश करेगी.'
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, परिवार का दावा है कि मिश्रा की हत्या गांव की एक विवाहित महिला के परिवार ने की थी, जिसके साथ उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था. तृणमूल कांग्रेस ने अधिकारी की टिप्पणियों पर पलटवार किया है और आरोप लगाया है कि भाजपा गिद्ध राजनीति में लिप्त है.
वरिष्ठ तृणमूल नेता और कैबिनेट मंत्री शशि पांजा ने संवाददाताओं से कहा कि 'यहां बीजेपी की क्या भूमिका है? यह बीजेपी समर्थक या टीएमसी समर्थक हो सकता है, लेकिन हमें यह देखना होगा कि परिवार क्या कह रहा है. परिवार के लोग दूसरे परिवार पर उंगली उठा रहे हैं और इसे निजी मामला बता रहे हैं जिसके कारण यह मौत हुई. एक मौत होते ही भाजपा मैदान में कूद पड़ती है.'