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दिल्ली में पांव पसार रहा ब्लैक फंगस, तीन दिन में पांच गुना मरीज - दिल्ली में ब्लैक फंगस के मामले

देशभर में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. दिल्ली पर भी इसकी पकड़ मजबूत होती दिख रही है, जो चिंतित करने वाली बात है. दिल्ली सरकार का LNJP अस्पताल उन डेडिकेट सेंटर्स में से एक है, जहां इसका इलाज हो रहा है. यहां बीते महज तीन दिन में ही ब्लैक फंगस के मामले में करीब पांच गुना की बढ़ोतरी हो गई है.

ब्लैक फंगस
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Published : May 25, 2021, 5:56 PM IST

दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर में कई मरीज ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं. देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामलों में कमी दर्ज की जा रही है लेकिन ब्लैक फंगस लगातार पांव पसार रहा है. बीते कुछ दिनों में ही दिल्ली में ब्लैक फंगस के कुल मामले 500 के पार पहुंच गए हैं. जिसने लोगों में डर और डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है. ब्लैक फंगस के ज्यादातर मरीज दिल्ली के तीन बड़े अस्पतालों एलएनजेपी, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और गुरु तेग बहादुर अस्पताल में हैं.
'भर गए 30-30 बेड्स वाले दो वार्ड'
लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि दिल्ली सरकार के आदेश के बाद, यहां ब्लैक फंगस के इलाज के लिए डेडीकेटेड सेंटर बनाया गया था. इसके लिए दो वार्ड तैयार किए गए थे. इनमें 30-30 बेड की व्यवस्था है. कुछ दिनों में ही ये सभी बेड्स भर चुके हैं और आज से तीसरा वार्ड शुरू किया गया है.

बढ़ रहे हैं ब्लैक फंगस के मामले

ये भी पढ़ें: ब्लैक और व्हाइट फंगस में है ये अंतर, लक्षण भी हैं अलग

'रोज आ रहे 15-20 नए मरीज'
दिल्ली में ब्लैक फंगस किस रफ्तार से बढ़ रहा है, इसे डॉक्टर सुरेश कुमार की इस बात से समझा जा सकता है कि केवल एलएनजेपी अस्पताल में ही हर दिन 15 से 20 नए मरीज आ रहे हैं. यह संख्या हर दिन यहां भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों के आंकड़े से ज्यादा है. अभी कुल 64 मरीज यहां पर भर्ती हैं. डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि ज्यादातर मरीज दूसरे अस्पतालों से आ रहे हैं. तीन दिन पहले तक अस्पताल में सिर्फ 13 मरीज थे जो फिलहाल 64 हो चुके हैं.
'आधे से ज्यादा मरीज हैं डायबिटिक'
डॉ. सुरेश कुमार के मुताबिक अन्य अस्पतालों में, इसके इलाज और दवा में परेशानी हो रही है. यहां एनसीआर, यूपी, राजस्थान तक से मरीज आ रहे हैं. डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि ब्लैक फंगस का सबसे बड़ा कारण स्ट्रॉयड ही है. अभी जो 64 मरीज यहां भर्ती हैं, उनमें से 35 को डायबिटीज है. पांच मरीज ऐसे हैं, जिन्हें पहले से डायबिटीज नहीं थी, लेकिन स्ट्रॉयड देने के बाद डायबिटीज हुआ और फिर ब्लैक फंगस की चपेट में आए.
'एक दिन में एक मरीज को 4 इंजेक्शन'
बता दें कि ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले एम्फोटेरीशीन-बी इंजेक्शन के लिए दिल्ली सरकार ने कमेटी गठित की है. इस कमेटी के अप्रूवल के बाद ही किसी भी अस्पताल को मरीज के लिए यह इंजेक्शन दिया जाता है. डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि हर मरीज की जरूरत के हिसाब से ईमेल करने पर इंजेक्शन मिलता है. उन्होंने कहा कि एक दिन में एक मरीज को चार इंजेक्शन देने पड़ते हैं.
'10-10 डॉक्टर्स की तीन टीम कर रही इलाज'
अभी एलएनजेपी में ब्लैक फंगस के इलाज की, जो व्यवस्था की गई है, उसके लिए 10-10 डॉक्टर्स की तीन टीमें बनाई गई हैं. डॉक्टर्स की इस टीम में ईएनटी सर्जन, फिजिशियन और प्लास्टिक सर्जन शामिल हैं. इसके अलावा करीब 90 नर्सिंग स्टाफ और अन्य मेडिकल स्टाफ इस अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में लगे हैं.
'आईसीयू में भी कराना पड़ रहा भर्ती'
डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि आधे से ज्यादा मरीज ठीक हो रहे हैं, लेकिन इनमें से दो को आईसीयू में भी भर्ती कराना पड़ा है. एक मरीज में ब्लैक फंगस ब्रेन तक पहुंच गया था, जिसके बाद उसकी स्थिति बिगड़ गई. वहीं, एक अन्य मरीज को लंग्स में इंफेक्शन हो गया था, जिसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा. कुल मिलाकर ब्लैक फंगस वर्तमान समय में कोरोना से ज्यादा खतरनाक होता जा रहा है.
अभी एलएनजेपी में भर्ती हैं ब्लैक फंगस के कुल 64 मरीजः-

दिल्ली से38 मरीज
उत्तर प्रदेश से21 मरीज
हरियाणा से02 मरीज
पंजाब से01 मरीज
राजस्थान से01 मरीज
उड़ीसा से01 मरीज

दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर में कई मरीज ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं. देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामलों में कमी दर्ज की जा रही है लेकिन ब्लैक फंगस लगातार पांव पसार रहा है. बीते कुछ दिनों में ही दिल्ली में ब्लैक फंगस के कुल मामले 500 के पार पहुंच गए हैं. जिसने लोगों में डर और डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है. ब्लैक फंगस के ज्यादातर मरीज दिल्ली के तीन बड़े अस्पतालों एलएनजेपी, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और गुरु तेग बहादुर अस्पताल में हैं.
'भर गए 30-30 बेड्स वाले दो वार्ड'
लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि दिल्ली सरकार के आदेश के बाद, यहां ब्लैक फंगस के इलाज के लिए डेडीकेटेड सेंटर बनाया गया था. इसके लिए दो वार्ड तैयार किए गए थे. इनमें 30-30 बेड की व्यवस्था है. कुछ दिनों में ही ये सभी बेड्स भर चुके हैं और आज से तीसरा वार्ड शुरू किया गया है.

बढ़ रहे हैं ब्लैक फंगस के मामले

ये भी पढ़ें: ब्लैक और व्हाइट फंगस में है ये अंतर, लक्षण भी हैं अलग

'रोज आ रहे 15-20 नए मरीज'
दिल्ली में ब्लैक फंगस किस रफ्तार से बढ़ रहा है, इसे डॉक्टर सुरेश कुमार की इस बात से समझा जा सकता है कि केवल एलएनजेपी अस्पताल में ही हर दिन 15 से 20 नए मरीज आ रहे हैं. यह संख्या हर दिन यहां भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों के आंकड़े से ज्यादा है. अभी कुल 64 मरीज यहां पर भर्ती हैं. डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि ज्यादातर मरीज दूसरे अस्पतालों से आ रहे हैं. तीन दिन पहले तक अस्पताल में सिर्फ 13 मरीज थे जो फिलहाल 64 हो चुके हैं.
'आधे से ज्यादा मरीज हैं डायबिटिक'
डॉ. सुरेश कुमार के मुताबिक अन्य अस्पतालों में, इसके इलाज और दवा में परेशानी हो रही है. यहां एनसीआर, यूपी, राजस्थान तक से मरीज आ रहे हैं. डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि ब्लैक फंगस का सबसे बड़ा कारण स्ट्रॉयड ही है. अभी जो 64 मरीज यहां भर्ती हैं, उनमें से 35 को डायबिटीज है. पांच मरीज ऐसे हैं, जिन्हें पहले से डायबिटीज नहीं थी, लेकिन स्ट्रॉयड देने के बाद डायबिटीज हुआ और फिर ब्लैक फंगस की चपेट में आए.
'एक दिन में एक मरीज को 4 इंजेक्शन'
बता दें कि ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले एम्फोटेरीशीन-बी इंजेक्शन के लिए दिल्ली सरकार ने कमेटी गठित की है. इस कमेटी के अप्रूवल के बाद ही किसी भी अस्पताल को मरीज के लिए यह इंजेक्शन दिया जाता है. डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि हर मरीज की जरूरत के हिसाब से ईमेल करने पर इंजेक्शन मिलता है. उन्होंने कहा कि एक दिन में एक मरीज को चार इंजेक्शन देने पड़ते हैं.
'10-10 डॉक्टर्स की तीन टीम कर रही इलाज'
अभी एलएनजेपी में ब्लैक फंगस के इलाज की, जो व्यवस्था की गई है, उसके लिए 10-10 डॉक्टर्स की तीन टीमें बनाई गई हैं. डॉक्टर्स की इस टीम में ईएनटी सर्जन, फिजिशियन और प्लास्टिक सर्जन शामिल हैं. इसके अलावा करीब 90 नर्सिंग स्टाफ और अन्य मेडिकल स्टाफ इस अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में लगे हैं.
'आईसीयू में भी कराना पड़ रहा भर्ती'
डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि आधे से ज्यादा मरीज ठीक हो रहे हैं, लेकिन इनमें से दो को आईसीयू में भी भर्ती कराना पड़ा है. एक मरीज में ब्लैक फंगस ब्रेन तक पहुंच गया था, जिसके बाद उसकी स्थिति बिगड़ गई. वहीं, एक अन्य मरीज को लंग्स में इंफेक्शन हो गया था, जिसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा. कुल मिलाकर ब्लैक फंगस वर्तमान समय में कोरोना से ज्यादा खतरनाक होता जा रहा है.
अभी एलएनजेपी में भर्ती हैं ब्लैक फंगस के कुल 64 मरीजः-

दिल्ली से38 मरीज
उत्तर प्रदेश से21 मरीज
हरियाणा से02 मरीज
पंजाब से01 मरीज
राजस्थान से01 मरीज
उड़ीसा से01 मरीज
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