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ओबीसी बिल- भाजपा के लिए होगी गेमचेंजर, बनाई खास रणनीति - मिशन 2022

भाजपा मिशन 2022 को लेकर उत्तर प्रदेश सहित बाकी चुनाव वाले राज्यों में भी ओबीसी बिल पर अभियान चलाएगी और इसकी शुरुआत चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश से करेगी. सितंबर माह में ही बीजेपी ओबीसी जनसंपर्क कार्यक्रम की भी शुरुआत करेगी और इसके लिए पार्टी की तरफ से 32 टीम तैयार की गई है. इस पर पढ़ें ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की यह रिपोर्ट..

से ओबीसी बिल
से ओबीसी बिल
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Published : Sep 1, 2021, 10:38 PM IST

Updated : Sep 1, 2021, 10:44 PM IST

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र में पारित ओबीसी संशोधन विधेयक पारित किया गया. इसको लेकर भाजपा काफी उम्मीद लगाए बैठी है और पार्टी आने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इसे गेमचेंजर के रूप में देख रही है. ओबीसी मतदाताओं को बड़े पैमाने पर लुभाने के लिए संसद सत्र में आनन-फानन में यह बिल पारित कराया गया है, ताकि 2022 के पांच राज्यों के चुनाव में इसका पूरा पूरा फायदा पार्टी उठा सके.

भाजपा ओबीसी मतदाताओं की जनसंख्या जानने के लिए करा रही सर्वे
अब देखना यह है कि पार्टी इसके लिए क्या तैयारी कर रही है, तो सबसे पहले हम आपको बता दें कि भाजपा की नजर इस बिल को लेकर 5 राज्यों के वोट बैंक पर तो है. इसके अलावा भाजपा जिन पांच राज्यों में चुनाव हैं वहां पर अंदर खाने सर्वे भी करा रही है कि इन राज्यों में कुल ओबीसी मतदाता कितनी संख्या में है और कौन से क्षेत्र ओबीसी बहुल मतदाता क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं, ताकि पार्टी के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर, इस एजेंडे के तहत ओबीसी नेताओं के माध्यम से उस इलाके के ओबीसी वोटरों को रिझाने में आसानी हो सके.

ओबीसी संशोधन बिल को गेम चेंजर मान रही भाजपा
वैसे तो पार्टी पांच राज्यों के चुनाव के लिए, उपलब्धियों की, लंबी चौड़ी लिस्ट तैयार कर रही है, मगर ओबीसी संशोधन बिल को वह गेम चेंजर की तरह मान रही है. नाम न लेने की शर्त पर पार्टी के एक राष्ट्रीय सचिव ने बताया कि ओबीसी मतदाता वोट बैंक से संबंधित लिस्ट भी तैयार की जा रही है, खास तौर पर इस बिल का प्रचार प्रसार यूपी में किया जाना है, जहां ओबीसी वोट बैंक के मतदाताओं की अच्छी खासी प्रतिशत है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बाकी पार्टियां जातियों के नाम पर वोट तो मांगती हैं, मगर उनके लिए कुछ करती नहीं, लेकिन भाजपा जो कहती है वह करती भी है और जो उपलब्धियां हैं. उन्हें जनता तक ले जाना या उसके लिए अभियान चलाया जाना को गलत नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि ओबीसी मतदाताओं को भी यह मालूम होना चाहिए कि सरकार ने उनके लिए अभी तक क्या-क्या किया है

5 सितंबर से भाजपा यूपी में ओबीसी जनसंपर्क कार्यक्रम शुरु करेगी
वैसे तो ओबीसी कानून को लेकर अधिकतम लाभ लेने की योजना बनाई जा रही है, लेकिन इसकी शुरुआत बीजेपी उत्तर प्रदेश से करेगी. प्रदेश के चुनाव के मद्देनजर बीजेपी 5 सितंबर के बाद यूपी में ओबीसी जनसंपर्क कार्यक्रम की शुरुआत करेगी. इसके लिए बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में नेताओं और कार्यकर्ताओं को मिलाकर 32 टीम तैयार की है जो 75 जिलों की 403 विधानसभा इलाके में अलग-अलग जगह जाकर जनसंपर्क कार्यक्रम चलाएगी.

इस कार्यक्रम में बीजेपी केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग के लिए किए गए कार्यों को जन जन तक पहुंचाने का लक्ष्य तय कर रही है.

इसका बिंदुवार विवरण इस प्रकार है-

  • लोकसभा से ओबीसी आरक्षण संशोधन बिल को मिली मंजूरी.
  • राज्यों से ओबीसी लिस्ट अपडेट करने के अधिकार को खत्म करने वाली सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ संसद में बिल पारित किया जाना.
  • मेडिकल में ओबीसी के लिए ऑल इंडिया कोटा में 27% का आरक्षण.
  • मोदी कैबिनेट में 27 ओबीसी मंत्री.
  • ओबीसी कमिशन को संवैधानिक आयोग बनाया जाना.
  • राष्ट्रीय आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग बनाया जाना जिसकी कानूनी हैसियत अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए बने आयोगों के बराबर की है.

यह वह मुख्य उपलब्धियों के बिंदु हैं, जिन्हें पार्टी की तरफ से बनाई गई 32 टीम यूपी के 403 विधानसभा सीटों में जाकर लोगों के साथ जनसंपर्क कर उन्हें विस्तार से बताएगी और पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश सहित बाकी राज्यों में भी इस बिल का पूरा पूरा फायदा उठाने की कोशिश करेगी.

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र में पारित ओबीसी संशोधन विधेयक पारित किया गया. इसको लेकर भाजपा काफी उम्मीद लगाए बैठी है और पार्टी आने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इसे गेमचेंजर के रूप में देख रही है. ओबीसी मतदाताओं को बड़े पैमाने पर लुभाने के लिए संसद सत्र में आनन-फानन में यह बिल पारित कराया गया है, ताकि 2022 के पांच राज्यों के चुनाव में इसका पूरा पूरा फायदा पार्टी उठा सके.

भाजपा ओबीसी मतदाताओं की जनसंख्या जानने के लिए करा रही सर्वे
अब देखना यह है कि पार्टी इसके लिए क्या तैयारी कर रही है, तो सबसे पहले हम आपको बता दें कि भाजपा की नजर इस बिल को लेकर 5 राज्यों के वोट बैंक पर तो है. इसके अलावा भाजपा जिन पांच राज्यों में चुनाव हैं वहां पर अंदर खाने सर्वे भी करा रही है कि इन राज्यों में कुल ओबीसी मतदाता कितनी संख्या में है और कौन से क्षेत्र ओबीसी बहुल मतदाता क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं, ताकि पार्टी के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर, इस एजेंडे के तहत ओबीसी नेताओं के माध्यम से उस इलाके के ओबीसी वोटरों को रिझाने में आसानी हो सके.

ओबीसी संशोधन बिल को गेम चेंजर मान रही भाजपा
वैसे तो पार्टी पांच राज्यों के चुनाव के लिए, उपलब्धियों की, लंबी चौड़ी लिस्ट तैयार कर रही है, मगर ओबीसी संशोधन बिल को वह गेम चेंजर की तरह मान रही है. नाम न लेने की शर्त पर पार्टी के एक राष्ट्रीय सचिव ने बताया कि ओबीसी मतदाता वोट बैंक से संबंधित लिस्ट भी तैयार की जा रही है, खास तौर पर इस बिल का प्रचार प्रसार यूपी में किया जाना है, जहां ओबीसी वोट बैंक के मतदाताओं की अच्छी खासी प्रतिशत है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बाकी पार्टियां जातियों के नाम पर वोट तो मांगती हैं, मगर उनके लिए कुछ करती नहीं, लेकिन भाजपा जो कहती है वह करती भी है और जो उपलब्धियां हैं. उन्हें जनता तक ले जाना या उसके लिए अभियान चलाया जाना को गलत नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि ओबीसी मतदाताओं को भी यह मालूम होना चाहिए कि सरकार ने उनके लिए अभी तक क्या-क्या किया है

5 सितंबर से भाजपा यूपी में ओबीसी जनसंपर्क कार्यक्रम शुरु करेगी
वैसे तो ओबीसी कानून को लेकर अधिकतम लाभ लेने की योजना बनाई जा रही है, लेकिन इसकी शुरुआत बीजेपी उत्तर प्रदेश से करेगी. प्रदेश के चुनाव के मद्देनजर बीजेपी 5 सितंबर के बाद यूपी में ओबीसी जनसंपर्क कार्यक्रम की शुरुआत करेगी. इसके लिए बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में नेताओं और कार्यकर्ताओं को मिलाकर 32 टीम तैयार की है जो 75 जिलों की 403 विधानसभा इलाके में अलग-अलग जगह जाकर जनसंपर्क कार्यक्रम चलाएगी.

इस कार्यक्रम में बीजेपी केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग के लिए किए गए कार्यों को जन जन तक पहुंचाने का लक्ष्य तय कर रही है.

इसका बिंदुवार विवरण इस प्रकार है-

  • लोकसभा से ओबीसी आरक्षण संशोधन बिल को मिली मंजूरी.
  • राज्यों से ओबीसी लिस्ट अपडेट करने के अधिकार को खत्म करने वाली सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ संसद में बिल पारित किया जाना.
  • मेडिकल में ओबीसी के लिए ऑल इंडिया कोटा में 27% का आरक्षण.
  • मोदी कैबिनेट में 27 ओबीसी मंत्री.
  • ओबीसी कमिशन को संवैधानिक आयोग बनाया जाना.
  • राष्ट्रीय आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग बनाया जाना जिसकी कानूनी हैसियत अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए बने आयोगों के बराबर की है.

यह वह मुख्य उपलब्धियों के बिंदु हैं, जिन्हें पार्टी की तरफ से बनाई गई 32 टीम यूपी के 403 विधानसभा सीटों में जाकर लोगों के साथ जनसंपर्क कर उन्हें विस्तार से बताएगी और पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश सहित बाकी राज्यों में भी इस बिल का पूरा पूरा फायदा उठाने की कोशिश करेगी.

Last Updated : Sep 1, 2021, 10:44 PM IST
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