नई दिल्ली : अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा जल्द ही कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी, समाजवादी पार्टी (सपा) नेता डिंपल यादव और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता सुप्रिया सुले के खिलाफ उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है. गांधी यूपी के रायबरेली संसदीय क्षेत्र और यादव मैनपुरी सीट का प्रतिनिधित्व करती हैं जबकि सुले महाराष्ट्र की बारामती सीट से सांसद हैं. ये निर्वाचन क्षेत्रों उनकी संबंधित पार्टियों के गढ़ हैं.
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, पार्टी जल्द ही इन लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर सकती है. सूत्रों ने कहा कि ये सीटें उन 160 लोकसभा सीटों में से हैं जिन्हें आम तौर पर विपक्षी दलों के नेताओं का गढ़ माना जाता है. सूत्रों ने बताया कि इन 160 संसदीय क्षेत्रों में वे सीटें भी शामिल हैं जिन पर 2019 के आम चुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था.
भाजपा आलाकमान का मानना है कि इन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पहले ही घोषित करने से पार्टी के प्रत्याशियों को चुनाव की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा और वह मजबूत स्थिति में होगी. उल्लेखनीय है कि इन 160 लोकसभा सीटों पर चुनाव तैयारियों की समीक्षा के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पिछले महीने यहां पार्टी मुख्यालय में एक बैठक की थी. पार्टी को भरोसा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में वह सत्ता बरकरार रखेगी.
दरअसल, पार्टी समय से पहले ही इन नेताओं के खिलाफ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा इसलिए करना चाहती है ताकि वह अपने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के बीच यह संदेश दे सके, कि आने वाले चुनावों में भाजपा की स्थिति अच्छी है. साथ ही ये तीनों ही चेहरे विपक्षी नेताओं को गोलबंद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं हैं. जब से सोनिया गांधी सक्रिय हुई हैं, तब से इंडिया गठबंधन में स्फूर्ति सी आ गई है. क्योंकि सोनिया गांधी सीनियर नेता हैं, और यूपीए के गठन में उनकी बड़ी भूमिका थी, इसलिए कांग्रेस पार्टी उसी करिश्मे को फिर से जिंदा करना चाहती है. यह भी एक वजह है कि भाजपा हर हाल में चाहती है कि विपक्ष के सबसे प्रमुख चेहरे को कड़ी चुनौती दी जा सके.
ठीक इसी तरह से उत्तर प्रदेश में डिंपल यादव का नाम लिया जाता है. डिंपल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी हैं. और यूपी में जिस भी पार्टी को बढ़त मिलेगी, केंद्र में सरकार बनाने में उसकी बड़ी भूमिका होती है. भाजपा चाहती है कि वह यूपी में विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे को अगर अपने निशाने पर रखेगी, तो जनता के बीच उन्हें अच्छी स्वीकार्यता मिलेगी.
जहां तक बात सुप्रिया सुले की है, तो वह शरद पवार की बेटी हैं. महाराष्ट्र की राजनीति में सुप्रिया सुले का कद बड़ा है. शरद पवार विपक्षी नेताओं से सूत्रधार हैं. अभी दो दिन बाद मुंबई में इंडिया गठबंधन की बैठक भी होने जा रही है, जिसमें शरद पवार बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. इसलिए भाजपा ने उनकी बेटी को राजनीतिक रूप से चुनौती देने का फैसला किया है, ताकि विपक्षी हौंसले को कम किया जा सके.
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(एक्स्ट्रा इनपुट- आईएएनएस)