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BJP Eyes Tamil Nadu : तमिलनाडु के लिए भाजपा का फॉर्मूला- एआईएडीएमके + ओपीएस + दिनाकरण +शशिकला ? - bjp formula in Tamil nadu

भारतीय जनता पार्टी ने तमिलनाडु के लिए एक फॉर्मूला तैयार किया है. पार्टी हर हाल में चाहती है कि ओपीएस, दिनाकरण और शशिकला को एआईएडीएमके गठबंधन का हिस्सा बनाया जाए. हालांकि, ईपीएस अभी तक इसके लिए तैयार नहीं हैं.

Amit Shah, Home minister, File Photo
अमित शाह, गृह मंत्री, फाइल फोटो
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 17, 2023, 4:28 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु में भाजपा किसके साथ गठबंधन करेगी, इस पर पेंच फंसा हुआ है. पार्टी यह स्पष्ट नहीं कर पा रही है कि उनके साथी दल कौन होंगे. भाजपा का नेशनल लीडरशिप चाहता है कि वह वीके शशिकला, टीवीटी दिनाकरण और ओपीएस के साथ समझौता करे. पर, इन पार्टियों के बीच में ही आपसी तालमेल की कमी नजर आ रही है. इसने भाजपा को भी संकट में डाल रखा है.

भाजपा अपने साथ प्रभावशाली थेवर समुदाय को जोड़ना चाहती है. इसके लिए वह ओपीएस, शशिकला और दिनाकरण को साथ लेने पर जोर दे रहे हैं. शशिकला पूर्व सीएम जे. जयललिता की करीबी रह चुकी हैं. वह एआईएडीएमके की अंतरिम महासचिव भी थीं. तमिलनाडु के मदुरै, थेनी, थूथुकुडी और तिरुनेलवेली में थेवर समुदाय की संख्या अधिक है. यह दक्षिण तमिलनाडु का इलाका है.

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर ओपीएस, शशिकला और दिनाकरण को एआईएडीएम में एडजस्ट नहीं किया गया, तो इसका सीधा नुकसान एआईएडीएमके को उठाना पड़ेगा. थेवर समुदाय के बीच के. पलानीस्वामी के खिलाफ भावनात्मक ज्वार भी पैदा हो सकता है. यही वजह है कि भाजपा उन्हें एलायंस में शामिल करने पर जोर दे रही है. थेवर समुदाय के बीच यह संदेश चला गया है कि पार्टी ने उनके तीनों नेताओं को निष्कासित कर दिया है. बिना इन तीनों नेताओं को शामिल किए पलानीस्वामी के लिए इन्हें राजी करना कठिन होगा.

कुछ दिनों पहले गृह मंत्री अमित शाह ने के. पलानीस्वामी से बात भी की थी. सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में शाह ने पलानीस्वामी को सुझाव दिया कि जिन नेताओं को भी किसी भी कारण से निकाल दिया गया, उन्हें वापस बुलाया जाए. एआईएडीएमके के पास अभी मात्र एक सांसद हैं. वह ओपीएस के बेटे हैं. और ओपीएस को पार्टी से निकाल दिया गया है. भाजपा के करीबी राजनीतिक विश्लेषक भी इस तरह से सुझाव दे रहे हैं. ओपीएस को जुलाई 2022 में पार्टी से निष्कासित किया गया था. दिनाकरण और शशिकला को पहले ही बाहर कर दिया गया था.

सूत्रों के अनुसार भाजपा उम्मीद कर रही है कि उसकी सीटों में इजाफा हो सकता है. हालांकि, कितना होगा, यह कोई नहीं बता रहा है. पर शाह ने साफ किया है कि ओपीएस और ईपीएस को अपनी राजनीतिक लड़ाई खत्म करनी चाहिए. वे चाहते हैं कि कोई न कोई समझौता हो जाए. शाह यह भी मानते हैं कि ओपीएस को लेकर ईपीएस को नाक की लड़ाई नहीं बनानी चाहिए.

मत प्रतिशत की बात करें तो दिनाकरण की पार्टी को 2019 में 8.46 प्रतिशत मत मिले थे. यही वह प्रतिशत है, जिस पर भाजपा की नजर है. भाजपा का मानना है कि अगर यह प्रतिशत एआईएडीएमके के साथ जुड़ जाता है, तो वह डीएमके गठबंधन की बढ़त को रोक सकता है.

ये भी पढे़ं : राज्य सभा सांसदों ने सीतारमण को बहू-बेटी बताया, वित्त मंत्री के चेहरे पर बिखरी मुस्कान

चेन्नई : तमिलनाडु में भाजपा किसके साथ गठबंधन करेगी, इस पर पेंच फंसा हुआ है. पार्टी यह स्पष्ट नहीं कर पा रही है कि उनके साथी दल कौन होंगे. भाजपा का नेशनल लीडरशिप चाहता है कि वह वीके शशिकला, टीवीटी दिनाकरण और ओपीएस के साथ समझौता करे. पर, इन पार्टियों के बीच में ही आपसी तालमेल की कमी नजर आ रही है. इसने भाजपा को भी संकट में डाल रखा है.

भाजपा अपने साथ प्रभावशाली थेवर समुदाय को जोड़ना चाहती है. इसके लिए वह ओपीएस, शशिकला और दिनाकरण को साथ लेने पर जोर दे रहे हैं. शशिकला पूर्व सीएम जे. जयललिता की करीबी रह चुकी हैं. वह एआईएडीएमके की अंतरिम महासचिव भी थीं. तमिलनाडु के मदुरै, थेनी, थूथुकुडी और तिरुनेलवेली में थेवर समुदाय की संख्या अधिक है. यह दक्षिण तमिलनाडु का इलाका है.

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर ओपीएस, शशिकला और दिनाकरण को एआईएडीएम में एडजस्ट नहीं किया गया, तो इसका सीधा नुकसान एआईएडीएमके को उठाना पड़ेगा. थेवर समुदाय के बीच के. पलानीस्वामी के खिलाफ भावनात्मक ज्वार भी पैदा हो सकता है. यही वजह है कि भाजपा उन्हें एलायंस में शामिल करने पर जोर दे रही है. थेवर समुदाय के बीच यह संदेश चला गया है कि पार्टी ने उनके तीनों नेताओं को निष्कासित कर दिया है. बिना इन तीनों नेताओं को शामिल किए पलानीस्वामी के लिए इन्हें राजी करना कठिन होगा.

कुछ दिनों पहले गृह मंत्री अमित शाह ने के. पलानीस्वामी से बात भी की थी. सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में शाह ने पलानीस्वामी को सुझाव दिया कि जिन नेताओं को भी किसी भी कारण से निकाल दिया गया, उन्हें वापस बुलाया जाए. एआईएडीएमके के पास अभी मात्र एक सांसद हैं. वह ओपीएस के बेटे हैं. और ओपीएस को पार्टी से निकाल दिया गया है. भाजपा के करीबी राजनीतिक विश्लेषक भी इस तरह से सुझाव दे रहे हैं. ओपीएस को जुलाई 2022 में पार्टी से निष्कासित किया गया था. दिनाकरण और शशिकला को पहले ही बाहर कर दिया गया था.

सूत्रों के अनुसार भाजपा उम्मीद कर रही है कि उसकी सीटों में इजाफा हो सकता है. हालांकि, कितना होगा, यह कोई नहीं बता रहा है. पर शाह ने साफ किया है कि ओपीएस और ईपीएस को अपनी राजनीतिक लड़ाई खत्म करनी चाहिए. वे चाहते हैं कि कोई न कोई समझौता हो जाए. शाह यह भी मानते हैं कि ओपीएस को लेकर ईपीएस को नाक की लड़ाई नहीं बनानी चाहिए.

मत प्रतिशत की बात करें तो दिनाकरण की पार्टी को 2019 में 8.46 प्रतिशत मत मिले थे. यही वह प्रतिशत है, जिस पर भाजपा की नजर है. भाजपा का मानना है कि अगर यह प्रतिशत एआईएडीएमके के साथ जुड़ जाता है, तो वह डीएमके गठबंधन की बढ़त को रोक सकता है.

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