कोलकाता : भाजपा (Bhartiya Janata Party-BJP) के लोग तानाशाही चाहते हैं. वे कार्यक्रम आयोजित नहीं करने दे रहे हैं. त्रिपुरा (Tripura) में उन्होंने हमारे लोगों को रैली नहीं करने दिया. क्या ये लोकतंत्र है? वे देश की संस्थाओं को नष्ट कर रहे हैं. ये बातें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (CM of West Bengal) ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने शहीद दिवस के मौके पर कहीं.
पेगासस जासूसी विवाद के संदर्भ में ममता बनर्जी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर देश को 'निगरानी वाला राष्ट्र' बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया. बनर्जी ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि वह पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल करके नेताओं, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों आदि को निशाना बनाने वाले कथित जासूसी स्कैंडल का संज्ञान ले. उन्होंने विपक्षी दलों से कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए सभी को साथ आना होगा.
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कोलकाता में एक रैली को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा, 'भाजपा एक लोकतांत्रिक देश को कल्याणकारी राष्ट्र के बजाय निगरानी वाले राष्ट्र में बदलना चाहती है.'
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र पर पेट्रोल-डीजल पर कर से संग्रहित धन का इस्तेमाल कल्याणकारी योजनाओं के लिए करने के बजाय 'एक खतरनाक सॉफ्टवेयर' से जासूसी करने के लिए खर्च करने का आरोप लगाया.
बनर्जी ने रैली में कहा, 'मुझे पता है कि मेरा फोन टैप किया जा रहा है. विपक्ष के सारे नेता जानते हैं कि उनके फोन टैप किये जा रहे हैं. मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता शरद पवारजी या विपक्ष के अन्य नेताओं या मुख्यमंत्रियों से बात नहीं कर सकती क्योंकि केंद्र हमारी जासूसी करा रहा है. लेकिन हमारी जासूसी कराने से वे 2024 के लोकसभा चुनाव में नहीं बच पाएंगे.'
उन्होंने उच्चतम न्यायालय से जासूसी मामले में खुद जांच का आदेश देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में तीन महत्वपूर्ण चीजें हैं - मीडिया, न्यायपालिका और निर्वाचन आयोग, और पेगासस ने तीनों पर कब्जा कर लिया है. मैं उच्चतम न्यायालय से देश की सहायता के लिए आगे आने की अपील करूंगी. देश बचाओ, हमारे लोकतंत्र को बचाओ.
भाजपा नीत राजग सरकार पर कोविड की दूसरी लहर को संभालने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा को हर हाल में हराना होगा. उन्होंने अपनी आज की रैली में दिल्ली से डिजिटल तरीके से शामिल होने के लिए कांग्रेस, राकांपा, समाजवादी पार्टी, शिवसेना और अन्य कई दलों के नेताओं का आभार जताया.
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) में प्रचंड जीत के बाद तृणमूल ने 2024 के लोकसभा चुनाव को अपना लक्ष्य बनाया है. तृणमूल नेतृत्व 2024 के आम चुनाव में सबसे प्रमुख दल के रूप में अपने महत्व को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. ऐसा माना जा रहा है कि चुनावों के बाद नई केंद्र सरकार के गठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इसलिए इस वर्ष शहीद दिवस के कार्यक्रम थोड़े अलग तरीके से मनाया गया.
सीएम के संबोधन का सीधा प्रसारण
सबसे पहले, मुख्य समारोह का सीधा प्रसारण, जिसे मुख्यमंत्री ने संबोधित किया, कोलकाता के अलावा दिल्ली में वर्चुअल रूप से प्रसारित किया गया. इसमें शत्रुघ्न सिन्हा और वाइको जैसे अन्य राष्ट्रीय नेता भी मुख्य कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुए. ममता बनर्जी ने अपनी आज की रैली में दिल्ली से डिजिटल तरीके से शामिल होने के लिए कांग्रेस, राकांपा, समाजवादी पार्टी (सपा), शिवसेना और अन्य कई दलों के नेताओं का आभार जताया. पंजाब, त्रिपुरा, तमिलनाडु, नई दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में प्रसारित अपने भाषण में, बनर्जी ने याद किया कि कैसे उन्होंने पैसे, बाहुबल और माफिया शक्ति के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
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राष्ट्रीय राजनीति में 21 जुलाई के महत्व से युवाओं को अवगत कराने के लिए तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की युवा शाखा की ओर से तैयार लघु डॉक्यूमेंट्री प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रसारित किया गया. वीडियो की लंबाई सिर्फ दो मिनट 35 सेकेंड है. इतने छोटे वीडियो में 21 जुलाई, 1993 को हुई घटना का सार प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है.
इस दिन हुई पुलिस फायरिंग में 14 लोग मारे गए थे, जो तत्कालीन राज्य युवा कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के नेतृत्व में विरोध मार्च का हिस्सा थे. वीडियो के माध्यम से बॉन्डन दास, मुरारी चक्रवर्ती, रतन मंडल और असीम दास जैसे उस दिन के शहीदों से युवाओं को रुबरू कराने का प्रयास किया गया है. वीडियो में उस दिन से जुड़ी तृणमूल कांग्रेस की भावना को उजागर करने का प्रयास किया गया है.
भगवा आतंक से कराना है मुक्त
युवा तृणमूल नेता अशोक रुद्र ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि हालांकि शासन में वास्तविक परिवर्तन 2011 में हुआ था. जब ममता बनर्जी पहली बार 34 साल लंबे वाम मोर्चा शासन को समाप्त करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनीं, वास्तव में यह जुलाई को था. 21, 1993, कि पश्चिम बंगाल के लोगों ने उन्हें एक नए शासन के मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार किया था.
उन्होंने कहा कि लोगों ने ममता बनर्जी के संघर्ष को सलाम किया और महसूस किया कि उनका रास्ता ही बंगाल को कम्युनिस्ट शासन से मुक्त करने का एकमात्र तरीका है. कहा कि पश्चिम बंगाल को लाल आतंक से बचाने के बाद अब ममता बनर्जी का संघर्ष 2024 में भारत को भगवा आतंक से मुक्त करना है. संघर्ष वही है जो 21 जुलाई, 1993 को शुरू हुआ था. इसलिए यह लघु वीडियो युवाओं को शिक्षित करने में बेहद महत्वपूर्ण होगा.
(एजेंसी इनपुट)