आसनसोल (पश्चिम बंगाल) : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भाजपा महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. जिससे देश के संघीय ढांचे के भविष्य पर चिंता और बढ़ गई है. बनर्जी ने ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की "सच्चाई को उजागर करने की कोशिश" करने के लिए गिरफ्तार किए जाने पर भी भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. साथ ही अग्निपथ योजना पर सरकार को लताडा है.
टीएमसी प्रमुख ने शिकायत की कि मीडिया का एक वर्ग ऐसे मामलों के बारे में रिपोर्ट करने की जहमत नहीं उठाता, लेकिन विपक्षी दलों से जुड़े छोटे छोटे मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करता है. आपने मोहम्मद जुबैर और तीस्ता सीतलवाड़ को क्यों गिरफ्तार किया? उन्होंने क्या गलत किया? क्या सच बोलना या सच्चाई को उजागर करना अपराध है? जो लोग इस सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं उन्हें या तो एजेंसियों का इस्तेमाल करके परेशान किया जाता है या गिरफ्तार किया जाता है. प्रमुख विपक्षी दलों और मीडिया संगठनों ने जुबैर के एक ट्वीट में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में सोमवार को दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी की निंदा की है.
बता दें कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने इसे बेहद परेशान करने वाला बताया और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की. सीतलवाड़ को अहमदाबाद शहर की अपराध शाखा में उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में शनिवार शाम को गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने मुंबई से हिरासत में लिया था. सीएम ने पश्चिम बर्धमान जिले के आसनसोल इलाके में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, भाजपा सरकार सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो डालने में व्यस्त है. यही वो लोग है जो फेक वीडियो वायरल करते हैं और सोशल मीडिया पर झूठ फैलाते हैं. सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और नैरेटिव को फैलाने के लिए उनके पास पैसे हैं.
पैगंबर मोहम्मद पर निलंबित भाजपा नेता नुपुर शर्मा द्वारा विवादास्पद टिप्पणी के एक स्पष्ट संदर्भ में, उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग देश में नफरत और हिंसा फैला रहे हैं, उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. सीएम ने कहा, "मैं नाम नहीं लूंगी, लेकिन यह भाजपा नेता हैं जो दूसरे धर्मों के बारे में बुरा बोलते हैं और फिर भी गिरफ्तार नहीं होते हैं. वास्तव में अगर वे हत्याएं भी करते हैं, तो उनसे पूछताछ नहीं की जाएगी. यदि कोई विपक्षी नेता बात भी करेगा तो उन्हें परेशान या फिर गिरफ्तार कर लिया जाएगा. यही वर्तमान भारत की सच्चाई है. सीएम ने पूछा कि हिंसा भड़काने वाले लोगों को सुरक्षा क्यों दी जा रही है ? बंगाल सरकार भाजपा की तरह नहीं है; कोलकाता पुलिस ने सांप्रदायिक हिंसा भड़काने वाले नेता को समन जारी किया है.''
सशस्त्र बलों के लिए अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यह लोकसभा- 2024 से पहले "बड़ा घोटाला और जुमले की राजनीति का एक बड़ा उदाहरण" है. मुझे हाल ही में एक कर्नल का एक पत्र मिला है जिसने अनुरोध किया गया है कि सशस्त्र बलों में चार साल की सेवा के बाद अग्निवीरों को राज्य सरकार के कर्मचारी बनने का अवसर दिया जाए. यह केंद्र सरकार द्वारा पैदा की गई गड़बड़ी है और उन्हें इसे ठीक करना होगा. इसलिए हम (राज्य सरकार) इसकी जिम्मेदारी नहीं लेंगे. साथ ही कहा कि ''जनविरोधी शासन को खत्म करने का समय आ गया है. भाजपा महाराष्ट्र में सरकार गिराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. एक राज्य की चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए उन्हें इतना पैसा कहाँ से मिल रहा है? हमारे देश का लोकतंत्र किस ओर जा रहा है? संघीय ढांचे के बारे में क्या? क्या बीजेपी ने इस देश में सब कुछ खत्म करने का फैसला कर लिया है.
ममता ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार विपक्षी दलों के खिलाफ अपनी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. भाजपा के लिए जो भी उचित है वह सब कर रही है. सच बोलने वालों के खिलाफ सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है. मीडिया पर बोलते हुए टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि मीडिया केवल बंगाल में कट मनी के बारे में बात करना चाहता है, लेकिन उस पैसे का क्या जो पीएम केयर्स फंड में दान किया गया था? इस पर सवाल उठाने की किसी की हिम्मत नहीं है. अगर बंगाल में कोई छोटी सी घटना होती है, तो मीडिया तथ्यों के बिना हंगामा करना शुरू कर देता है. झूठी खबरों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए? बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से 21 जुलाई को राज्य में आगामी शहीद दिवस रैली के लिए तैयार रहने का आग्रह किया, जो दो साल से कोरोना महामारी की वजह से आयोजित नहीं की जा सकी थी. उस दिन हम नए कार्यक्रमों की भी घोषणा करेंगे."
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