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गहलोत के फैसले पर भाजपा का तंज : आरपी सिंह बोले-परिवारवाद का है सारा खेल

कांग्रेस में अध्यक्ष पद (Congress President election) के लिए मचे घमासान को लेकर भाजपा ने निशाना साधा है. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि ये परिवारवाद की लड़ाई है. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना से खास बातचीत में जानिए उन्होंने और क्या कहा.

RP Singh on congress
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह
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Published : Sep 29, 2022, 9:57 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को लेकर चल रहे घमासान पर बीजेपी की पैनी नजर है. बीजेपी का आरोप है कि यह परिवारवाद की लड़ाई है. इस मुद्दे पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि यह दिल्ली की कांग्रेस की डायनेस्टी की लड़ाई है जो राजस्थान तक परिवारवाद को ही लेकर है.

सुनिए आरपी सिंह ने क्या कहा

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जहां बीजेपी अलग अलग राज्य में चुनाव की तैयारी कर रही है वहीं, कांग्रेस अपनी अंदरूनी कलह से ही जूझ रही है.

उन्होंने कहा कि यह परिवारवाद की लड़ाई है. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अपने परिवार के लिए ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को ठुकरा रहे हैं. यदि वह मुख्यमंत्री पद से हट जाते हैं तो बेटा वैभव गहलोत जो पहले भी चुनाव हार चुका है उसे सत्ता नहीं दिलवा पाएंगे. वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर चल रहे घमासान पर तंज कसते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर पी सिंह ने कहा कि कांग्रेस में भले ही कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष बने मगर इतना तो तय है कि सत्ता की चाबी गांधी परिवार के ही हाथ में होगी.

उन्होंने कहा कि जिस तरह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देखने भर को प्रधानमंत्री थे और सरकार श्रीमती सोनिया गांधी चलाती थीं. उसी तरह चाहे वह दिग्विजय सिंह हों जो खुद एक राजा महाराजा के बेटे हैं या फिर कोई अन्य, लेकिन पावर का केंद्र गांधी परिवार ही रहेगा. इस सवाल पर कि कांग्रेस के इस घमासान से क्या यह भी सिद्ध होता है कि कांग्रेस को एकता में गांधी परिवार ही रख सकता है.

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि हां यह सच्चाई है लेकिन उस गांधी परिवार के गोंद से लोग चिपक कर रहते थे लेकिन अब उस गांधी परिवार में गोंद ही नहीं बचा है. यही वजह है कि वह कार्यकर्ताओं और जनता को चिपका नहीं पा रहे. उन्होंने कहा कि ये लड़ाई पूरी तरह से परिवारवाद की है. एक तरफ दिल्ली की डायनेस्टी है और दूसरी तरफ राजस्थान का परिवारवाद.

पढ़ें- Congress president election : गैर-गांधी बनेंगे अध्यक्ष, कितना रह जाएगा सोनिया-राहुल का असर ?

पढ़ें- कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लडूंगा, सोनिया गांधी से माफी मांग ली है: अशोक गहलोत

पढ़ें- Congress President election: दिग्विजय की 'एंट्री' ने ही दे दिए थे संकेत

नई दिल्ली : कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को लेकर चल रहे घमासान पर बीजेपी की पैनी नजर है. बीजेपी का आरोप है कि यह परिवारवाद की लड़ाई है. इस मुद्दे पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि यह दिल्ली की कांग्रेस की डायनेस्टी की लड़ाई है जो राजस्थान तक परिवारवाद को ही लेकर है.

सुनिए आरपी सिंह ने क्या कहा

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जहां बीजेपी अलग अलग राज्य में चुनाव की तैयारी कर रही है वहीं, कांग्रेस अपनी अंदरूनी कलह से ही जूझ रही है.

उन्होंने कहा कि यह परिवारवाद की लड़ाई है. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अपने परिवार के लिए ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को ठुकरा रहे हैं. यदि वह मुख्यमंत्री पद से हट जाते हैं तो बेटा वैभव गहलोत जो पहले भी चुनाव हार चुका है उसे सत्ता नहीं दिलवा पाएंगे. वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर चल रहे घमासान पर तंज कसते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर पी सिंह ने कहा कि कांग्रेस में भले ही कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष बने मगर इतना तो तय है कि सत्ता की चाबी गांधी परिवार के ही हाथ में होगी.

उन्होंने कहा कि जिस तरह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देखने भर को प्रधानमंत्री थे और सरकार श्रीमती सोनिया गांधी चलाती थीं. उसी तरह चाहे वह दिग्विजय सिंह हों जो खुद एक राजा महाराजा के बेटे हैं या फिर कोई अन्य, लेकिन पावर का केंद्र गांधी परिवार ही रहेगा. इस सवाल पर कि कांग्रेस के इस घमासान से क्या यह भी सिद्ध होता है कि कांग्रेस को एकता में गांधी परिवार ही रख सकता है.

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि हां यह सच्चाई है लेकिन उस गांधी परिवार के गोंद से लोग चिपक कर रहते थे लेकिन अब उस गांधी परिवार में गोंद ही नहीं बचा है. यही वजह है कि वह कार्यकर्ताओं और जनता को चिपका नहीं पा रहे. उन्होंने कहा कि ये लड़ाई पूरी तरह से परिवारवाद की है. एक तरफ दिल्ली की डायनेस्टी है और दूसरी तरफ राजस्थान का परिवारवाद.

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