लखनऊ : उत्तरप्रदेश में होली और दिवाली पर मुफ्त गैस सिलेंडर देने के वादे की तस्वीर साफ होने लगी है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अनुसार, इस योजना का लाभ उज्जवला योजना की 1.65 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को दिया जाएगा. इसका स्कीम को किसी खास त्योहार से नहीं जोड़ा चाहिए. लाभार्थी साल में दो बार इसका लाभ उठा सकेंगे. पहला मुफ्त गैस सिलेंडर जनवरी से मार्च के बीच दिया जाएगा, जबकि लाभार्थी दूसरा फ्री सिलेंडर अक्टूबर से दिसंबर के बीच ले सकेंगे. राज्य सरकार के सूत्रों के मुताबिक, साल में दो बार मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने वाली योजना के लागू होने पर सालाना करीब 4,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इसके अलावा सरकार आर्थिक रूप से कमजोर 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन वितरण की योजना को आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है. बता दें कि अभी तक यह स्कीम 31 मार्च तक ही मान्य है.
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के एडिशनल कमिश्नर अनिल कुमार दुबे ने बताया कि मुफ्त गैस सिलेंडर वितरण योजना किसी विशेष समुदाय या धर्म के किसी त्योहार से संबंधित नहीं है. उन्होंने बताया कि सरकार ने साल में दो बार जनवरी से मार्च और अक्टूबर से दिसंबर के बीच उज्जवला योजना की 1.65 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त रसोई गैस देने का फैसला किया है. उन्होंने बताया सरकार आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मुफ्त राशन देने की योजना को मार्च से आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है.
बता दें कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा ने होली और दिवाली के दौरान मुफ्त गैस सिलेंडर देने का वादा किया था. माना जाता है कि उज्जवला योजना, मुफ्त राशन और फ्री गैस सिलेंडर के वादे के कारण ही बीजेपी यूपी की सत्ता में दोबारा लौटी है. इसके अलावा 2016 में बलिया से शुरू की गई उज्ज्वला योजनाको 2017 के विधानसभा चुनावों, 2019 के लोकसभा चुनावों में भी भाजपा की जिताने का श्रेय दिया जाता है.
यूपी में उज्जवला योजना के पहले चरण के दौरान लगभग 1.47 करोड़ रसोई गैस कनेक्शन प्रदान किए गए थे. इसका दूसरा चरण पिछले साल अगस्त में महोबा से शुरू किया गया था, इसके तहत अतिरिक्त 20 लाख गैस कनेक्शन देने का प्रस्ताव दिया गया था.
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