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असम-बंगाल चुनाव : बगावत के डर से भाजपा का प्लान 'बी' तैयार

असम और पश्चिम बंगाल में पहले दो चरणों के चुनावों के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट बना रही भाजपा को बगावत की आशंका खाए जा रही है. पार्टी उससे निपटने की तैयारी में भी जुटी है. ईटीवी भारत की संवाददाता अनामिका रत्ना से बातचीत में भाजपा के सुत्रों ने बताया कि दोनों राज्यों में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए इतने आवेदन आए हैं कि उनकी छंटनी करने वाली समिति परेशान है कि किसे टिकट दें, किसे मना कर दें. इसीलिए पार्टी ने अपना प्लान 'बी' भी तैयार कर रखा है. यानी जिन्हें टिकट नहीं मिला, उन्हें कब और कैसे खुश और संतुष्ट रखना है, इसकी भी तैयारी पार्टी में शुरू हो गई है.

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Published : Mar 2, 2021, 9:04 PM IST

Updated : Mar 3, 2021, 12:11 PM IST

असम-बंगाल चुनाव
असम-बंगाल चुनाव

नई दिल्ली : असम और बंगाल में पहले दो चरणों में जहां-जहां चुनाव होने जा रहे हैं, भाजपा ने उन सीटों पर उम्मीदवारों की सूची लगभग तैयार कर ली है और चार मार्च को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उस पर आखिरी मुहर लग सकती है. उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग के लिए भाजपा की बंगाल कोर कमेटी की बैठक मंगलवार को हुई.

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कोशिश ये हो रही है कि जिन लोगों के नाम फाइनल लिस्ट में नहीं होंगे, उन्हें बुला कर भरोसा दिया जाएगा कि अगर चुनाव के बाद भाजपा की सरकार बनी, तो पार्टी उन्हें महत्वपूर्ण पदों पर बैठाएगी. ऐसा कह कर उनसे ये भरोसा भी लिया जाएगा कि जिन उम्मीदवारों को टिकट मिले हैं, वे अपने-अपने क्षेत्रों में उनकी पूरी मदद करें और चुनाव जिताएं.

हालांकि, भाजपा जैसी कैडर बेस्ड पार्टियों में नाराजगी को किनारे रखकर पार्टी के लिए मेहनत करने की परंपरा रही है, लेकिन पार्टी अपने उन कार्यकर्ताओं को किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती, जिन्होंने बरसों से पार्टी के लिए इन दोनों राज्यों में काम किया है.

उम्मीदवारों को लेकर समझौता नहीं करना चाहती भाजपा
सही उम्मीदवारों के चयन पर भाजपा किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करना चाहती और शायद इसीलिए पार्टी ने हर सीट पर 2-2 बार सर्वे करवाए हैं. इन सर्वेक्षणों में से हर सीट के लिए 3-3 प्रत्याशियों के नाम तय कर केंद्रीय चुनाव समिति में भेजे जाएंगे और चुनाव समिति में मौजूद प्रधानमंत्री समेत सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर, एक नाम पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी.

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि इनमें मौजूदा विधायकों के नाम को तरजीह दी जाएगी.

बंगाल में पीएम मोदी की 20 चुनावी जनसभाएं!
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की धुआंधार रैली की तैयारी की गई है. सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री मोदी की 20 चुनावी जनसभाएं होंगी और असम में छह जनसभाओं को संबोधित करेंगे.

भाजपा के एक राष्ट्रीय महासचिव ने नाम न लेने की शर्त पर बताया कि सभी पांचों राज्यों से प्रधानमंत्री की रैली की सबसे ज्यादा डिमांड है. मगर पार्टी सबसे ज्यादा फोकस असम और पश्चिम बंगाल पर कर रही है.

यह भी पढ़ें- टीएमसी विधायक जितेंद्र तिवारी भाजपा में शामिल

उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री की रैली इस तरह से तय की गई है कि सभी 23 जिलों को इस रैली के माध्यम से कवर कर लिया जाए. असम में भी जनसभाएं कुछ इसी तरह तैयार की जाएंगी कि सभी 33 जिले कवर किए जा सकें.

फिलहाल भाजपा सात मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड पर होने वाली प्रधानमंत्री की रैली की तैयारी पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है.

नई दिल्ली : असम और बंगाल में पहले दो चरणों में जहां-जहां चुनाव होने जा रहे हैं, भाजपा ने उन सीटों पर उम्मीदवारों की सूची लगभग तैयार कर ली है और चार मार्च को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उस पर आखिरी मुहर लग सकती है. उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग के लिए भाजपा की बंगाल कोर कमेटी की बैठक मंगलवार को हुई.

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कोशिश ये हो रही है कि जिन लोगों के नाम फाइनल लिस्ट में नहीं होंगे, उन्हें बुला कर भरोसा दिया जाएगा कि अगर चुनाव के बाद भाजपा की सरकार बनी, तो पार्टी उन्हें महत्वपूर्ण पदों पर बैठाएगी. ऐसा कह कर उनसे ये भरोसा भी लिया जाएगा कि जिन उम्मीदवारों को टिकट मिले हैं, वे अपने-अपने क्षेत्रों में उनकी पूरी मदद करें और चुनाव जिताएं.

हालांकि, भाजपा जैसी कैडर बेस्ड पार्टियों में नाराजगी को किनारे रखकर पार्टी के लिए मेहनत करने की परंपरा रही है, लेकिन पार्टी अपने उन कार्यकर्ताओं को किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती, जिन्होंने बरसों से पार्टी के लिए इन दोनों राज्यों में काम किया है.

उम्मीदवारों को लेकर समझौता नहीं करना चाहती भाजपा
सही उम्मीदवारों के चयन पर भाजपा किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करना चाहती और शायद इसीलिए पार्टी ने हर सीट पर 2-2 बार सर्वे करवाए हैं. इन सर्वेक्षणों में से हर सीट के लिए 3-3 प्रत्याशियों के नाम तय कर केंद्रीय चुनाव समिति में भेजे जाएंगे और चुनाव समिति में मौजूद प्रधानमंत्री समेत सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर, एक नाम पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी.

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि इनमें मौजूदा विधायकों के नाम को तरजीह दी जाएगी.

बंगाल में पीएम मोदी की 20 चुनावी जनसभाएं!
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की धुआंधार रैली की तैयारी की गई है. सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री मोदी की 20 चुनावी जनसभाएं होंगी और असम में छह जनसभाओं को संबोधित करेंगे.

भाजपा के एक राष्ट्रीय महासचिव ने नाम न लेने की शर्त पर बताया कि सभी पांचों राज्यों से प्रधानमंत्री की रैली की सबसे ज्यादा डिमांड है. मगर पार्टी सबसे ज्यादा फोकस असम और पश्चिम बंगाल पर कर रही है.

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उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री की रैली इस तरह से तय की गई है कि सभी 23 जिलों को इस रैली के माध्यम से कवर कर लिया जाए. असम में भी जनसभाएं कुछ इसी तरह तैयार की जाएंगी कि सभी 33 जिले कवर किए जा सकें.

फिलहाल भाजपा सात मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड पर होने वाली प्रधानमंत्री की रैली की तैयारी पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है.

Last Updated : Mar 3, 2021, 12:11 PM IST
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