देहरादून: उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस एक बार फिर एक ऐसे मुद्दे पर आमने-सामने हैं, जो महिलाओं से जुड़ा हुआ है. विवाद की शुरुआत भाजपा के प्रदेश प्रभारी के उस बयान से हुई. जिसमें उन्होंने कांग्रेस के नेताओं पर मंदिरों में लड़कियां छेड़ने के इरादे से जाने की बात कही. बयान सामने आते ही इस पर प्रदेश की राजनीति ही नहीं तमाम महिला संगठन की तरफ से भी विरोध शुरू हो गया है.
दरअसल, दुष्यंत गौतम कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव पर बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कांग्रेस एक ऐसे व्यक्ति को अध्यक्ष के लिए खोज रही है, जो उनकी विचारधारा से जुड़ा हुआ हो. इसके आगे बोलते हुए दुष्यंत गौतम ने विवादित बयान (Controversial statement of Dushyant Gautam) दे दिया. दुष्यंत गौतम ने कहा कांग्रेस की विचारधारा सनातन धर्म को ना मानना है. यही नहीं मंदिरों में कांग्रेस के नेता लड़कियों को छेड़ने के इरादे से पहुंचते हैं. यही इनकी विचारधारा है.
बीजेपी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम (BJP state in charge Dushyant Gautam) ने कहा राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए ऐसा एक व्यक्तित्व खोजा गया है, जो रबर स्टांप के तौर पर काम करें, क्योंकि कांग्रेस तो कह चुकी है कि वह राम को नहीं मानती. उन्होंने लिखित रूप से कोर्ट में यह भी दिया है कि श्रीराम इस धरती पर कभी थे ही नहीं.
दुष्यंत गौतम (BJP state in charge Dushyant Gautam) के इस बयान के बाद उत्तराखंड की राजनीति में बवाल मच गया है. सोशल मीडिया पर महिला संगठन इसके विरोध में जुटे हुए हैं. वहीं कांग्रेस नेताओं ने भी इस इस बयान के विरोध में मुहिम छेड़ दी है. कांग्रेस ने दुष्यंत गौतम से माफी मांगने की डिमांड की है. हालांकि, बवाल बढ़ने के बाद एक बार फिर दुष्यंत गौतम ने कहा कि उनके बयान को विवादित किया जा रहा है. उन्होंने वही बात कही है जो पहले राहुल गांधी ने कही थी.
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