नई दिल्ली : बीजेपी सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि महुआ मोइत्रा को बोलने का समय दिया गया था लेकिन उन्होंने बोलने की बजाय लोगों पर आरोप लगाने में ज्यादा समय लगाया. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लोकसभा ने एथिक्स कमेटी की सिफारिश पर उन्हें निष्कासित किया गया है.
इस सवाल पर की महुआ मोइत्रा के बचाव में पूरा विपक्ष साथ आ गया है, जिस टीएमसी ने पहले महुआ मोइत्रा को अलग थलग छोड़ दिया था लेकिन बाकी विपक्ष के साथ आने के बाद अब टीएमसी की नेता ममता बनर्जी भी उनके समर्थन में आ गई हैं. इस पर भाजपा सांसद ने कहा कि ये टीएमसी का अपना आंतरिक मामला है मगर यदि देखा जाए तो महुआ मोइत्रा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र से ज्यादा सवाल कॉरपोरेट हाउसेस से संबंधित उठाए हैं.
उन्होंने कहा कि जब देखा गया तो 60 में से 51 सवाल इन कॉरपोरेट हाउस से संबंधित उठाए गए थे. उन्होंने कहा कि ये बातें जांच का विषय हैं और संबंधित विभाग तय करेगा इसमें क्या करना है. भाजपा सांसद ने कहा कि जहां तक महुआ मोइत्रा के निजता के हनन का आरोप लगा रहीं उसमें यदि देखा जाए तो उन्हें बोलने का मौका दिया गया था मगर उन्होंने जवाब देने की बजाय वॉकआउट कर दिया. उन्होंने कहा कि यदि उन्हें ऐसा लगा कि उनकी निजता का हनन है तो उन्हे कमेटी में उन सवालों का विरोध कर जवाब नहीं देना चाहिए था मगर बाकी सवालों का उन्होंने जवाब दिया और दूसरे सवालों में वॉकआउट कर गईं. जिससे संशय होता है की उनके पास सवालों का जवाब ही नहीं था क्योंकि कई मामलों में उन्होंने माना कि किसी से उन्होंने स्कार्फ लिए किसी ने गाड़ी मुहैया करवाई और अपनी लॉगिन किसी और को दिया ये तमाम सवाल हैं, जिसपर ये फैसला लिया गया.