टोंक (राजस्थान). टोंक सवाई माधोपुर से बीजेपी के सांसद और गुर्जर नेता सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने एक बार फिर सचिन पायलट को कंफ्यूज बताते हुए हमला बोला है. उसने कहा कि पायलट फैसला नहीं ले पा रहे हैं. सचिन पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कोरोना, नकारा निकम्मा बताने के बाद भी आदरणीय कहते हैं. जब आदरणीय ही मानना है तो जनता को क्यों बेवकूफ बना रहे हैं. अगर पायलट ने पहले फैसला ले लिया होता तो आज उनके साथ लोग होते. ऐसे में अब सवाल उठता है कि पायलट को क्या करना चाहिए इस पर जौनापुरिया ने कहा कि अब वक्त निकल गया है पायलट के हाथ कुछ आने वाला नहीं है.
टोंक सवाईमाधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने बिजली पानी के मुद्दों पर गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा है. वहीं सचिन पायलट को कंफ्यूज बताते हुए कहा कि पायलट पार्टी छोड़ने का फैसला नहीं ले पा रहे हैं. विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही नेताओं के दौरे और बयानबाजी तेज हो रही है. सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने कहा कि सचिन पायलट कंफ्यूज है, फैसला नहीं ले पा रहे हैं. 4 साल पहले कांग्रेस छोड़ते तो आज लोग उनके साथ होते.
पायलट को लेकर गहलोत के बयानों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कोरोना बताने के बाद भी पायलट मुख्यमंत्री को आदरणीय बता रहे हैं. झगड़ा जाहिर होने के बाद दिल्ली जाकर बीजेपी को हराने का दावा करते हैं. अब चुनाव नजदीक है ऐसे में पायलट कुछ खास नहीं कर पाएंगे. पायलट ने फैसला लेने में काफी समय निकाल दिया. सांसद जौनापुरिया ने पायलट के टोंक विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर बिजली पानी के मुद्दों पर सरकार को घेरा. टोडारायसिंह पंचायत समिति के इंदोकिया गांव में पिछले दिनों आए तूफान के बाद बिजली नहीं थी. अब तक अधिकारियों ने पायलट को उस गांव का दौरा भी नहीं कराया. सांसद के सामने समस्या आई तो पिछले 10 दिनों से बंद बिजली दो घंटों में चालू करवा दी.
सांसद ने जिले के सभी अधिकारियों को राहत शिविर में तैनात किए जाने पर कहा कि कैंप में गारंटी कार्ड के अलावा क्या दिया जा रहा है. लोग बिजली पानी के लिए तरस रहे हैं. निवाई इलाके में 210 गांवों में अभी तक जल जीवन मिशन के टेंडर नहीं हुए हैं. सरकार के रिपीट होने के दावों पर बोलते हुए सांसद ने कहा कि अभी बसपा और निर्दलीय के सपोर्ट से चल रहे हैं. सरकार 5 साल चल जाए अच्छी बात है. पायलट के विधानसभा क्षेत्र में सांसद की बयानबाजी के मायने चुनाव में ही पता चलेंगे. लेकिन मुख्यमंत्री के दावेदार को वोट देने वाले मतदाताओं के साथ सचिन पायलट ने कितना न्याय किया.. यह भी जनता चुनाव में तय करेगी.