ETV Bharat / bharat

असम चुनाव : बीजेपी सांसद ने की असम गण परिषद की तारीफ, जानिए क्या कहा

असम राज्य विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है. गुवाहाटी से बीजेपी सांसद क्वीन ओझा ने ETV भारत से खास बातचीत में कहा कि 'असम गण परिषद' को छोड़कर राज्य में कोई अन्य क्षेत्रीय पार्टी नहीं है.

queen ojha
queen ojha
author img

By

Published : Mar 14, 2021, 3:30 PM IST

नई दिल्ली : असम राज्य विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है. गुवाहाटी से बीजेपी सांसद क्वीन ओझा ने ETV भारत से खास बातचीत में कहा कि 'असम गण परिषद' को छोड़कर राज्य में कोई अन्य क्षेत्रीय पार्टी नहीं है.

असम गण परिषद को बताया राज्य में इकलौती क्षेत्रीय पार्टी

बीजेपी सांसद क्वीन ओझा ने कहा, 'चुनाव में एक मात्र क्षेत्रीय पार्टी 'असम गण परिषद' है जो हमारे साथ है, इसलिए हमें पूरा विश्वास है कि हम चुनाव में जीत हासिल करेंगे.' बीजेपी असम गण परिषद और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ रही है.

असम जातिय परिषद और राइजोर दल पर साधा निशाना

क्वीन ओझा ने अपने बयान में असम में दो नए राजनीतिक मोर्चे का जिक्र किया है. 'असम जातिय परिषद्' (एजेपी) और 'राइजोर दल' जोकि कृषक मुक्ति संग्राम समिति की राजनीतिक विंग हैं.

ओझा ने कहा, लोग एजेपी और रायजोर दल के गठन के पीछे के मकसद को समझते हैं. लोग इन दोनों पार्टी से खुद को दूर रख रहे हैं क्योंकि वास्तव में, उन्होंने अपने हित के लिए राजनीतिक पार्टी का गठन किया है.

एजेपी और राइजोर दल दोनों असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) आंदोलन की पृष्ठभूमि के खिलाफ बनाए गए हैं. राज्य के प्रभावशाली छात्र संगठन के कई प्रमुख नेता, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, एक साथ मिलकर 'एजेपी' का गठन किया. इसी तरह से किसान नेता अखिल गोगोई ने राज्य के कई बुद्धिजीवियों के साथ 'रायजोर दल' का गठन किया. एजेपी और रायजोर दल दोनों ही आगामी असम विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर क्षेत्रीय मोर्चे के रूप में लड़ रहे हैं.

सांसद क्वीन ओझा ने कांग्रेस पर साधा निशाना

उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा, 'असम में कांग्रेस के लिए अधिक समर्थन का कोई आधार नहीं है. यह पार्टी अपने अस्तित्व के अंतिम चरण में है. इसलिए, खुद को जीवित रखने के लिए कांग्रेस पार्टी, एआईयूडीएफ के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. एआईयूडीएफ एक सांप्रदायिक पार्टी है

विधानसभा चुनाव में जीत का किया दावा

क्वीन ओझा ने कहा, 'राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव मुख्य रूप से कांग्रेस और भाजपा के बीच दो पार्टी केंद्रित चुनाव होंगे. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में असम में हमारी सरकार ने जबरदस्त विकास कार्य किए हैं. लोगों ने हमारे काम को देखा है और मुझे यकीन है कि लोग फिर से हमें दूसरे कार्यकाल के लिए मौका मिलेगा.'

27 मार्च को होगा विधानसभा चुनाव

असम विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है. असम में 127 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में चुनाव होगा. 27 मार्च को पहले चरण का चुनाव होना है. इस बार असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी की टक्कर कांग्रेस और एआईयूडीएफ के गठबंधन से है.

नई दिल्ली : असम राज्य विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है. गुवाहाटी से बीजेपी सांसद क्वीन ओझा ने ETV भारत से खास बातचीत में कहा कि 'असम गण परिषद' को छोड़कर राज्य में कोई अन्य क्षेत्रीय पार्टी नहीं है.

असम गण परिषद को बताया राज्य में इकलौती क्षेत्रीय पार्टी

बीजेपी सांसद क्वीन ओझा ने कहा, 'चुनाव में एक मात्र क्षेत्रीय पार्टी 'असम गण परिषद' है जो हमारे साथ है, इसलिए हमें पूरा विश्वास है कि हम चुनाव में जीत हासिल करेंगे.' बीजेपी असम गण परिषद और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ रही है.

असम जातिय परिषद और राइजोर दल पर साधा निशाना

क्वीन ओझा ने अपने बयान में असम में दो नए राजनीतिक मोर्चे का जिक्र किया है. 'असम जातिय परिषद्' (एजेपी) और 'राइजोर दल' जोकि कृषक मुक्ति संग्राम समिति की राजनीतिक विंग हैं.

ओझा ने कहा, लोग एजेपी और रायजोर दल के गठन के पीछे के मकसद को समझते हैं. लोग इन दोनों पार्टी से खुद को दूर रख रहे हैं क्योंकि वास्तव में, उन्होंने अपने हित के लिए राजनीतिक पार्टी का गठन किया है.

एजेपी और राइजोर दल दोनों असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) आंदोलन की पृष्ठभूमि के खिलाफ बनाए गए हैं. राज्य के प्रभावशाली छात्र संगठन के कई प्रमुख नेता, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, एक साथ मिलकर 'एजेपी' का गठन किया. इसी तरह से किसान नेता अखिल गोगोई ने राज्य के कई बुद्धिजीवियों के साथ 'रायजोर दल' का गठन किया. एजेपी और रायजोर दल दोनों ही आगामी असम विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर क्षेत्रीय मोर्चे के रूप में लड़ रहे हैं.

सांसद क्वीन ओझा ने कांग्रेस पर साधा निशाना

उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा, 'असम में कांग्रेस के लिए अधिक समर्थन का कोई आधार नहीं है. यह पार्टी अपने अस्तित्व के अंतिम चरण में है. इसलिए, खुद को जीवित रखने के लिए कांग्रेस पार्टी, एआईयूडीएफ के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. एआईयूडीएफ एक सांप्रदायिक पार्टी है

विधानसभा चुनाव में जीत का किया दावा

क्वीन ओझा ने कहा, 'राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव मुख्य रूप से कांग्रेस और भाजपा के बीच दो पार्टी केंद्रित चुनाव होंगे. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में असम में हमारी सरकार ने जबरदस्त विकास कार्य किए हैं. लोगों ने हमारे काम को देखा है और मुझे यकीन है कि लोग फिर से हमें दूसरे कार्यकाल के लिए मौका मिलेगा.'

27 मार्च को होगा विधानसभा चुनाव

असम विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है. असम में 127 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में चुनाव होगा. 27 मार्च को पहले चरण का चुनाव होना है. इस बार असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी की टक्कर कांग्रेस और एआईयूडीएफ के गठबंधन से है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.