नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय सत्र की शुरुआत आज से हुई. शुरुआत काफी हंगामेदार रही. सदन की शुरुआत के साथ ही बीजेपी विधायकों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सवाल करना शुरू किया. इस पर स्पीकर ने आपत्ति जताई और फिर हंगामे के बाद पांच बीजेपी विधायकों को सदन से बाहर कर दिया गया. इनमें से एक बीजेपी विधायक ओपी शर्मा पूरे दिन के लिए निष्कासित कर दिए गए हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत में ओपी शर्मा ने कहा कि सदन की शुरुआत की पूर्व संध्या पर पक्ष और विपक्ष मिलकर बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग करते हैं. उसमें तय होता है कि किन मुद्दों पर चर्चा होनी है, लेकिन इस मीटिंग में विपक्ष को नहीं बुलाया गया. ओपी शर्मा ने कहा कि मैं इसे लेकर सवाल उठा रहा था, तभी मुझ पर विधायक अब्दुल रहमान ने अमर्यादित टिप्पणी की जान से मारने की धमकी तक दी. इस मामले में ओपी शर्मा ने विधायक अब्दुल रहमान के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है.
वहीं, विधायक अनिल वाजपेयी को भी स्पीकर ने सदन से मार्शल आउट किया था. ईटीवी भारत से बातचीत में अनिल वाजपेयी ने कहा कि सदन की कार्यवाही से गलत तरीके से मेरा सवाल हटा दिया गया. मैंने इसके खिलाफ आवाज उठाई, तो मुझे सदन से बाहर कर दिया गया. वहीं, बीजेपी विधायकों ने स्पीकर की कार्रवाई पर नाराजगी जताई है. वरिष्ठ भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने ईटीवी भारत से बातचीत में यहां तक कहा कि स्पीकर ने सदन में इमरजेंसी लगा दी है. विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था की असफलता को लेकर विधायक अनिल वाजपेयी ने एक सवाल लगाया था, लेकिन उस सवाल को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया. अब तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है.
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विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि अभय वर्मा ने कैलाश गहलोत के खिलाफ भी एक नोटिस दिया था, क्योंकि कैलाश गहलोत ने बसों की खरीद प्रक्रिया के मामले में सदन में झूठ बोला था. उसका भी संज्ञान नहीं लिया गया. सदन में विपक्ष को मिलने वाले समय को लेकर भी विजेंद्र गुप्ता ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि विपक्ष को सिर्फ 20 मिनट दिए जा रहे हैं. सदन में हंगामे का एक मुख्य कारण विधायक ओपी शर्मा द्वारा उठाए गए सवाल भी रहे.