इंफाल : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मणिपुर अध्यक्ष ए शारदा देवी ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हिंसा प्रभावित मणिपुर यात्रा को लेकर नसीहत दी. शारदा देवी ने कहा, "मौजूदा स्थिति में, मैं राहुल गांधी की प्रदेश यात्रा की सराहना करती हूं. लेकिन प्रदेश के हालातों को देखते हुए राहुल को यहां स्थिति सुधारने और शांति वापस लाने के प्रति ध्यान केंद्रित करना चाहिए. मणिपुर हिंसा को लेकर राजनीतिरकरण नहीं किया जाना चाहिए." गौरतलब है कि राहुल गांधी ने गुरुवार को चुराचांदपुर जिला और बिष्णुपुर जिले के मोइरांग में राहत शिविरों का दौरा करने पहुंचे थे. हालांकि, बिष्णपुर चेक पोस्ट से उनके काफिले को वापस लौटना पड़ा था. शुक्रवार को इंफाल में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से भी मुलाकात की. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मणिपुर की जनता को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पर भरोसा है.
शारदा देवी ने कहा, "लोग मुख्यमंत्री के समर्थन में आगे आ रहे हैं, क्योंकि उन्हें विश्वास है कि स्थिति में निश्चित रूप से सुधार होगा. लोगों का मानना है कि अगर इस बार स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह हाथ से निकल भी सकती है." उन्होंने आगे कहा, "राज्य की मौजूदा स्थिति पिछली सरकार के कामों का नतीजा है. जनता को सीएम बीरेन की सरकार पर पूरा भरोसा है." इससे पहले शुक्रवार को मणिपुर सीएम के इस्तीफे को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं, जिसके बाद एन बीरेन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वह इस महत्वपूर्ण समय पर अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे. मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट किया, 'इस महत्वपूर्ण वक्त पर, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा.'
बता दें कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री विपक्ष, खासकर कांग्रेस के लगातार निशाने पर हैं. मणिपुर में करीब दो महीने से जातीय हिंसा चल रही है. कांग्रेस और राज्य के कुछ समूहों ने बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की है. शनिवार को सैकड़ों महिलाएं मणिपुर के मुख्यमंत्री आवास के पास उनके प्रति अपना समर्थन प्रदर्शित करने के लिए एकत्रित हुईं. इंफाल में स्थित आवास के बाहर सीएम आए और लोगों को हाथ हिलाकर अभिवादन किया. राज्य में इंटरनेट सेवाएं अभी भी निलंबित हैं और कुछ इलाकों में कर्फ्यू लागू है. लगभग दो महीने पहले तीन मई को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में मेइती को शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़प के बाद राज्य में जातीय झड़पें हुईं.
(एएनआई)