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टीएमसी का दामन थाम सकते हैं कई भाजपा विधायक, आलाकमान सतर्क

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त मिली है. ऐसे में जो नेता चुनाव से पहले टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. वे अब टीएमसी में शामिल होने के लिए बेकरार है. पार्टी के नेताओं के पलायन की सुगबुगाहट के बाद भाजपा ने कमर कस ली है. इस संबंध में बंगाल के भाजपा प्रमुख दिलीप घोष और शुभेंदु अधिकारी ने विधायकों के साथ बैठक की.

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Published : Jul 6, 2021, 8:14 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के समय टीएसमी के कई नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था, लेकिन बंगाल में भाजपा का करारी हार के बाद इनमें से कई घर वापसी को बेकरार हैं. इसकी सुगबुगाहट मिलने के बाद पार्टी ने कमर कस ली है. इस संबंध में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने विधायकों के साथ बैठक की है.

पार्टी सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि भाजपा पार्टी के जिन विधायकों पर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है, इनमें बगदा से बिस्वजीत दास, पुरुलिया से सुदीप मुखोपाध्याय और रानाघाट (उत्तर-पश्चिम) से पार्थ सारथी चट्टोपाध्याय शामिल हैं. इस घटनाक्रम से वाकिफ एक बीजेपी नेता ने कहा, 'ऐसी सुगबुगाहट मिलने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने इन नेताओं से तत्काल संपर्क साधा और कोलकाता के एमएलए हॉस्टल में उनके साथ बैठक की.

हालांकि, आधिकारिक तौर पर यह खबर सामने आई थी कि अधिकारी नाताबारी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक मिहिर गोस्वामी (Mihir Goswami) से भेंट करने के लिए विधायक के आवास पर गए थे, जो नबन्ना में भाजपा मार्च के दौरान घायल हो गए थे. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि अधिकारी का मुख्य उद्देश्य पार्टी से विधायकों के पलायन को रोकना था.

सूत्रों से पता चला है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) खुद पश्चिम बंगाल में पार्टी के विधायकों के बारे में नियमित जानकारी लेते हैं.

आज दोपहर फिर प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष राज्य विधानसभा में पार्टी विधायकों को आवंटित कमरे में पहुंचे. वहां पर घोष श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती समारोह में शामिल हुए. हालांकि, सूत्रों से पता चला है कि यह उनके दौरे का मुख्य कारण नहीं था. समारोह समाप्त होने के तुरंत बाद घोष ने पार्टी विधायकों के साथ बैठक शुरू की. उन्होंने अपने भाषण से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह भरा.

यह भी पढ़ें- मंत्रिमंडल विस्तार : कई सवालों के मिलेंगे जवाब

घोष ने पार्टी के नेताओं से कहा कि वे तृणमूल कांग्रेस या पुलिस प्रशासन के किसी दबाव के आगे न झुकें. उन्होंने इस संबंध में पार्टी आलाकमान से हर संभव सहायता और सहयोग का आश्वासन दिया. उन्होंने नेताओं को सलाह दी कि कामकाज में किसी तरह की दिक्कत होने पर बिना किसी झिझक के नेतृत्व से सलाह लें.

बाद में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में विधानसभा में भाजपा के 75 विधायक हैं. उन्होंने कहा कि हमने श्यामाप्रसाद मुखर्जी का जन्मदिन विधानसभा परिसर में मनाया. उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी विधायकों के साथ बैठक भी की.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के समय टीएसमी के कई नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था, लेकिन बंगाल में भाजपा का करारी हार के बाद इनमें से कई घर वापसी को बेकरार हैं. इसकी सुगबुगाहट मिलने के बाद पार्टी ने कमर कस ली है. इस संबंध में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने विधायकों के साथ बैठक की है.

पार्टी सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि भाजपा पार्टी के जिन विधायकों पर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है, इनमें बगदा से बिस्वजीत दास, पुरुलिया से सुदीप मुखोपाध्याय और रानाघाट (उत्तर-पश्चिम) से पार्थ सारथी चट्टोपाध्याय शामिल हैं. इस घटनाक्रम से वाकिफ एक बीजेपी नेता ने कहा, 'ऐसी सुगबुगाहट मिलने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने इन नेताओं से तत्काल संपर्क साधा और कोलकाता के एमएलए हॉस्टल में उनके साथ बैठक की.

हालांकि, आधिकारिक तौर पर यह खबर सामने आई थी कि अधिकारी नाताबारी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक मिहिर गोस्वामी (Mihir Goswami) से भेंट करने के लिए विधायक के आवास पर गए थे, जो नबन्ना में भाजपा मार्च के दौरान घायल हो गए थे. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि अधिकारी का मुख्य उद्देश्य पार्टी से विधायकों के पलायन को रोकना था.

सूत्रों से पता चला है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) खुद पश्चिम बंगाल में पार्टी के विधायकों के बारे में नियमित जानकारी लेते हैं.

आज दोपहर फिर प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष राज्य विधानसभा में पार्टी विधायकों को आवंटित कमरे में पहुंचे. वहां पर घोष श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती समारोह में शामिल हुए. हालांकि, सूत्रों से पता चला है कि यह उनके दौरे का मुख्य कारण नहीं था. समारोह समाप्त होने के तुरंत बाद घोष ने पार्टी विधायकों के साथ बैठक शुरू की. उन्होंने अपने भाषण से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह भरा.

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घोष ने पार्टी के नेताओं से कहा कि वे तृणमूल कांग्रेस या पुलिस प्रशासन के किसी दबाव के आगे न झुकें. उन्होंने इस संबंध में पार्टी आलाकमान से हर संभव सहायता और सहयोग का आश्वासन दिया. उन्होंने नेताओं को सलाह दी कि कामकाज में किसी तरह की दिक्कत होने पर बिना किसी झिझक के नेतृत्व से सलाह लें.

बाद में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में विधानसभा में भाजपा के 75 विधायक हैं. उन्होंने कहा कि हमने श्यामाप्रसाद मुखर्जी का जन्मदिन विधानसभा परिसर में मनाया. उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी विधायकों के साथ बैठक भी की.

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