मुंबई : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र सरकार की आलोचना हताशा के कारण कर रहे हैं.
शरद पवार ने किसी समुदाय को पिछड़ा मानने का अधिकार राज्यों को देने के लिए केंद्र सरकार के निर्णय की आलोचना की थी और कहा था कि केंद्र ने राज्यों को पूरी थाली परोस दी लेकिन उनके हाथ बांध दिए. उन्होंने केंद्र से कहा था कि उच्चतम न्यायालय द्वारा आरक्षण के लिए तय 50 फीसदी की सीमा को हटाने के लिए वह कानून लागू करे ताकि राज्य वर्तमान आरक्षण सीमा को बढ़ा सकें.
पवार के बयान के संबंध में पूछ गए सवाल के जवाब में राणे ने कहा, वह एक समझदार नेता हैं. उन्हें पता होना चाहिए कि हाथों को बंधन मुक्त कैसे कराना है.वह अपनी हताशा के कारण केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे हैं. उनके कुछ साथी अब जेल जा सकते हैं आपको पता है कि वे कौन हैं.
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उन्होंने कहा, जब 120वां संविधान संशोधन (सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान के लिए राज्यों के अधिकार की बहाली) संसद में पेश हुआ था, तब विपक्ष के नेताओं ने जो भाषण दिए थे उनकी प्रतियां मेरे पास हैं. उन्होंने (पवार ने) इस पर कभी भी आपत्ति नहीं जताई थी.
राणे ने कहा कि मोदी सरकार ने राज्यों को अधिकार दिए हैं और विपक्ष को संविधान का अध्ययन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को सबसे पहले पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सामने लानी चाहिए.
(पीटीआई-भाषा)