नई दिल्ली: बिहार का लड़का मनीष कश्यप खुद को कभी इंजीनियर बताने वाला सोशल मीडिया पर अपनी रिपोर्टिंग के चलते मशहूर हो गया है. मशहूर भी इतना कि उसकी रिपोर्टिंग और उसके द्वारा सोशल मीडिया पर किए जाने वाले पोस्ट को लाखों में व्यू मिलने लगे. धीरे-धीरे उसका कद बढ़ने लगा. कम समय में बढ़ी लोकप्रियता से वह खुश था, लेकिन तमिलनाडु में बिहारी मजदूर को पीटने के मामले में वीडियो और जानकारी प्रसारित करना उसके लिए मुसीबत बन गई. आलम यह है कि मनीष अब बिहार पुलिस की गिरफ्त में है. बिहार पुलिस उसके बैंक डिटेल सहित अन्य मामलों की गहन जांच कर रही है.
अब यह तो जांच में निकलकर ही सामने आएगा कि मनीष ने पोस्ट जारी कर गुनाह किया है या फिर बिहार सरकार पर आरोप लगाने के संबंध में नीतीश, तेजस्वी की सरकार ने बदले की राजनीति के लिए उसे जेल भिजवा दिया है. मनीष के संबंध में सोशल मीडिया का बाजार गर्म है. ट्विटर पर कई लोग उसके समर्थन और बिहार सरकार की आलोचना में ट्वीट कर रहे हैं अब उसके समर्थन में भाजपा नेता कपिल मिश्रा भी आ गए हैं.
कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा कि मनीष कश्यप के साथ जो बिहार सरकार कर रही है वो है आपातकाल, तानाशाही, दमन है. साथ ही आगे लिखा कि
नेहा राठौर को मिले एक नोटिस पर कुर्ते फाड़ने वाले अब सन्नाटे में बैठे हैं. मनीष कश्यप के साथ हो रहा व्यवहार ये बताता है कि बिहार सरकार अंदर से भयभीत और कमजोर है.
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कपिल के ट्वीट पर एक यूजर शुभम शर्मा ने लिखा जिस प्रकार से मनीष को त्रिपुरारी तिवारी बताया गया. पुलिस द्वारा ट्वीट्स में जो लिखा गया उससे साफ है कि कार्रवाई क्यों की गई है. अन्य यूजर ने ट्वीट किया त्रिपुरारी तिवारी का ऐसा क्या प्लान था, जो वो खुद को मनीष कश्यप बताता है. वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा कि केवल ट्वीट कर देने से कुछ नहीं होगा. खुल के सामने आना होगा. अगर मनीष को अकेला छोड़ दिया गया तो बहुत युवाओं की हिम्मत टूट जाएगी.
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