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UP Assembly Elections 2022 : 'लाल टोपी' पर अखिलेश का पलटवार, कहा- काली टोपी वाले क्या समझेंगे

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Elections 2022 ) को लेकर राजनीतिक पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. बुधवार को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (Akhilesh Yadav on Bjp) के नेताओं पर निशाना साधा. बीजेपी पर अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी गलत आरोप लगा रही है.

Akhilesh Yadav on Bjp etv bharat
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Published : Dec 8, 2021, 5:46 PM IST

लखनऊ : बीजेपी पर अखिलेश यादव बुधवार को खुलकर बोले. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि लाल टोपी (Red Cap Alert) का डर भाजपा नेताओं में घर कर गया है. उनको अब अपने राजनीतिक अस्तित्व पर खतरा महसूस होने लगा है. भाजपा की लाल बत्ती गुल होने वाली है. इस सच्चाई से भाजपा अच्छी तरह परिचित हो गई है, तभी वह समाजवादी पार्टी पर अनर्गल आरोप लगा रही है.

लखनऊ में अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि भारतीय संस्कृति का जब-तब दम भरने वाले भाजपा नेताओं को पता नहीं यह जानकारी है कि नहीं कि हनुमान जी का रंग लाल है. सूरज का रंग लाल है. हर एक के जीवन में लाल रंग है. लाल रंग बदलाव का भी है. खून का भी रंग लाल है. इस सबकी भाजपा को समझ नहीं है, क्योंकि उसकी नीतियां तो नफरत फैलाने वाली हैं. काली टोपी वाले यह नहीं समझ पाएंगे, क्योंकि उनकी सोच संकीर्ण है.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Elections 2022) को लेकर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बुधवार को बीजेपी नेताओं को जमकर खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को देश की भावनाओं से कोई लेना देना नहीं है. किसानों-नौजवानों की समस्याओं के प्रति उसका रूख उपेक्षापूर्ण है. किसानों से किए गए वादों को भाजपा भूल गई है. यही नहीं उसने अपने चुनावी संकल्प पत्र में जो वादे किए थे, उन्हें भी वह कूड़े के ढेर में डाल चुकी है. नौजवानों को रोजगार के झूठे आंकड़ों से भ्रमित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि संसदीय जनतंत्र में भाषा और व्यवहार की मर्यादा से दल और व्यक्ति का परिचय होता है. भाजपा नेतृत्व में भाषा का संयम मिटता जा रहा है. उसका आचरण भी मर्यादा लांघता दिख रहा है. लोकतंत्र का एक प्रमुख अंग सत्तापक्ष के बाद विपक्ष होता है. भाजपा सत्ता के अहंकार में इतना डूब गई है कि वह विपक्ष को लांछित करने से नहीं चूकती है. सत्ताशीर्ष से विपक्षी नेताओं के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग कर व्यक्तिगत आरोप लगाया जाना, लोकतंत्र में अवांछनीय है.

उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि भारतीय जनता पार्टी वर्ष 2022 के चुनावों में हार की आशंका से इतना भयभीत है कि वह अपना विवेक और संयम दोनों खो चुकी है. उसने लोकलाज भी छोड़ दी है. जनता ने तय कर लिया है कि वह भाजपा के अब तक के जनविरोधी कामों के लिए मतदान में उसका सफाया करके ही दम लेगी.

पढ़ेंः पीएम मोदी का अखिलेश पर निशाना, बोले- लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट

लखनऊ : बीजेपी पर अखिलेश यादव बुधवार को खुलकर बोले. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि लाल टोपी (Red Cap Alert) का डर भाजपा नेताओं में घर कर गया है. उनको अब अपने राजनीतिक अस्तित्व पर खतरा महसूस होने लगा है. भाजपा की लाल बत्ती गुल होने वाली है. इस सच्चाई से भाजपा अच्छी तरह परिचित हो गई है, तभी वह समाजवादी पार्टी पर अनर्गल आरोप लगा रही है.

लखनऊ में अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि भारतीय संस्कृति का जब-तब दम भरने वाले भाजपा नेताओं को पता नहीं यह जानकारी है कि नहीं कि हनुमान जी का रंग लाल है. सूरज का रंग लाल है. हर एक के जीवन में लाल रंग है. लाल रंग बदलाव का भी है. खून का भी रंग लाल है. इस सबकी भाजपा को समझ नहीं है, क्योंकि उसकी नीतियां तो नफरत फैलाने वाली हैं. काली टोपी वाले यह नहीं समझ पाएंगे, क्योंकि उनकी सोच संकीर्ण है.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Elections 2022) को लेकर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बुधवार को बीजेपी नेताओं को जमकर खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को देश की भावनाओं से कोई लेना देना नहीं है. किसानों-नौजवानों की समस्याओं के प्रति उसका रूख उपेक्षापूर्ण है. किसानों से किए गए वादों को भाजपा भूल गई है. यही नहीं उसने अपने चुनावी संकल्प पत्र में जो वादे किए थे, उन्हें भी वह कूड़े के ढेर में डाल चुकी है. नौजवानों को रोजगार के झूठे आंकड़ों से भ्रमित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि संसदीय जनतंत्र में भाषा और व्यवहार की मर्यादा से दल और व्यक्ति का परिचय होता है. भाजपा नेतृत्व में भाषा का संयम मिटता जा रहा है. उसका आचरण भी मर्यादा लांघता दिख रहा है. लोकतंत्र का एक प्रमुख अंग सत्तापक्ष के बाद विपक्ष होता है. भाजपा सत्ता के अहंकार में इतना डूब गई है कि वह विपक्ष को लांछित करने से नहीं चूकती है. सत्ताशीर्ष से विपक्षी नेताओं के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग कर व्यक्तिगत आरोप लगाया जाना, लोकतंत्र में अवांछनीय है.

उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि भारतीय जनता पार्टी वर्ष 2022 के चुनावों में हार की आशंका से इतना भयभीत है कि वह अपना विवेक और संयम दोनों खो चुकी है. उसने लोकलाज भी छोड़ दी है. जनता ने तय कर लिया है कि वह भाजपा के अब तक के जनविरोधी कामों के लिए मतदान में उसका सफाया करके ही दम लेगी.

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