नई दिल्ली : भाजपा ने 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाने का फैसला करने के लिये शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की. पार्टी ने कहा कि यह उन लोगों को ‘सही श्रद्धांजलि है’’, जिन्हें ‘कांग्रेस की महत्वाकांक्षा और संकुचित दृष्टिकोण' का शिकार होना पड़ा.
आजादी की 75वीं सालगिरह से एक दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को ट्वीट कर विभाजन के दौरान लोगों के संघर्ष और कुर्बानी को याद करने के लिए 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की. मोदी ने कहा कि यह देश को सामाजिक विभाजन और कटुता के विष को हटाने की याद दिलाता रहेगा और साथ ही एकजुट होने की भावना को मजबूत करेगा.
इस फैसले की प्रशंसा करते हुए भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत की आत्मा पर विभाजन 'नासूर' बना हुआ है उन्होंने कहा, '14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तौर पर मनाना उन लोगों के लिए सही श्रद्धांजलि है, जिन्हें कांग्रेस की महत्वकांक्षा और संकुचित दृष्टिकोण का शिकार होना पड़ा.'
प्रधानमंत्री को इस घोषणा के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया '1947 में हुए देश के विभाजन के बाद जो भाई-बंधु हिंसा, उत्पीड़न और विस्थापन के शिकार हुए उनकी स्मृति में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्णय, उनकी संवेदनशीलता का परिचायक है. इसके लिए प्रधानमंत्री को बहुत धन्यवाद.'
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१९४७ में हुए देश के विभाजन के बाद जो भाई-बंधु हिंसा, उत्पीड़न और विस्थापन के शिकार हुए उनकी स्मृति में १४ अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने का प्रधानमंत्री श्री @narendramodi का निर्णय, उनकी संवेदनशीलता का परिचायक है। इसके लिए प्रधानमंत्रीजी को बहुत धन्यवाद। https://t.co/HBdb7Yfsvk
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 14, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">१९४७ में हुए देश के विभाजन के बाद जो भाई-बंधु हिंसा, उत्पीड़न और विस्थापन के शिकार हुए उनकी स्मृति में १४ अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने का प्रधानमंत्री श्री @narendramodi का निर्णय, उनकी संवेदनशीलता का परिचायक है। इसके लिए प्रधानमंत्रीजी को बहुत धन्यवाद। https://t.co/HBdb7Yfsvk
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— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 14, 2021
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस घोषणा के लिए प्रधानमंत्री को बधाई देते हुए ट्वीट किया, 'देश के विभाजन का घाव व अपनों को खोने के दुःख को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता. मुझे विश्वास है कि 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' समाज से भेदभाव व द्वेष की दुर्भावना को खत्म कर शांति, प्रेम व एकता को बल देगा.'
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देश के विभाजन के समय हिंसा व घृणा के साये में विस्थापित हुए हमारे असंख्य बहनों व भाइयों के त्याग, संघर्ष व बलिदान की याद में मोदीजी ने 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस संवेदनशील निर्णय पर मैं @narendramodi जी का अभिनंदन करता हूँ।
— Amit Shah (@AmitShah) August 14, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने रेखांकित किया कि विभाजन की वजह से पीढ़ियों में दरार आई और उनमें से कई के घाव कभी नहीं भरे. उन्होंने कहा कि इस दिन 'हम यह सुनिश्चित करने का संकल्प लेते हैं कि हम कभी विभाजित नहीं होंगे. हम कभी अलग नहीं होंगे और नए भारत का निर्माण करने के लिए एकसाथ काम करेंगे.'
इस फैसले की भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से जहर की राजनीति के चलते 14 अगस्त 1946 को डायरेक्ट एक्शन डे प्रारंभ हुआ और सालभर के अंदर दो करोड़ से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा. लाखों लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई. रेप की तमाम घटनाएं हुईं, जिन लोगों ने विभाजन में बलिदान दिया. उनकी स्मृति आवश्यक है. इसके साथ ही भविष्य में कोई जहर की खेती न कर सके. इसके लिए ऐसे तत्वों के खिलाफ लोगों के दिमाग में यह जनभावना बनी रहना आवश्यक है कि विभाजनकारी नीतियों का अनुसरण करने से बचें.