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नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने का खामियाजा भुगतेगी भाजपा सरकार : गहलोत - जयपुर

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (ICHR) द्वारा जारी किए गए आजादी के अमृत महोत्सव के पोस्टर में पंडित जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर नहीं लगाने की निंदा करते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार की छोटी सोच का प्रदर्शन है.

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Published : Aug 30, 2021, 5:33 PM IST

जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पंडित नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने के कुप्रयास का खामियाजा केंद्र की भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा और समय आने पर देश मोदी सरकार को सबक सिखाएगा.

गहलोत ने जारी एक बयान में कहा कि आईसीएचआर जारी किए गए आजादी के अमृत महोत्सव के पोस्टर में पंडित जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर नहीं लगाना न सिर्फ निंदनीय है बल्कि केंद्र सरकार की छोटी सोच का प्रदर्शन भी है.

गहलोत के अनुसार पंडित नेहरू आजादी की लड़ाई के दौरान नौ बार जेल गए और उन्होंने (पंडित नेहरू ने) अपने जीवन के 3259 दिन (करीब 9 साल) जेल में गुजारे. मुख्यमंत्री का कहना था कि अंग्रेजों का विरोध करते हुए कई बार उन्होंने अंग्रेजों द्वारा किए गए बल प्रयोग का सीना तान कर सामना किया.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि जहां विनायक दामोदर सावरकर ने जेल जाने के एक साल बाद में ही अंग्रेजों से माफी मांगना शुरू कर दिया था और कुल छह बार माफी मांगी एवं जेल से रिहा होने के बाद ब्रिटिश एजेंट बनकर काम किया. पंडित नेहरू फौलाद की तरह अंग्रेजों के सामने खड़े रहे व भारत को आजादी दिलाकर संकल्प पूरा किया.

उन्होंने कहा है कि आजादी की खातिर अपना घर तक छोड़ देने वाले पंडित नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने की कोशिश करना मोदी सरकार की बेवकूफी मात्र है. मुख्यमंत्री के अनुसार जब सुभाष चन्द्र बोस की आजाद हिन्द फौज (आईएनए) के तीन प्रमुख कमांडरों सहगल, ढिल्लन और शाहनवाज पर अंग्रेजों ने मुकदमा चलाया तो नेहरू ने पूरे देश में इनके समर्थन के लिए अभियान चलाया और आईएनए डिफेंस कमेटी बनाई.

गहलोत के मुताबिक नेहरू ने अन्य वकीलों के साथ मिलकर लाल किले में वकालत करते हुए इनका मुकदमा लड़ा और आजाद हिन्द फौज के सैनिकों के मृत्युदंड को माफ करवाया. कांग्रेस नेता ने कहा कि विनायक दामोदर सावरकर ने आजाद हिन्द फौज के खिलाफ ब्रिटिश सरकार की तरफ से लड़ने के लिए युवाओं को ब्रिटिश फौज में भर्ती करवाया. देश के साथ गद्दारी करने वाले ऐसे लोगों को स्वतंत्रता सेनानी बताना सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है.

यह भी पढ़ें-राहुल का बीजेपी पर तीखा हमला, पूछा- क्या संविधान के अनुच्छेद 15 व 25 भी बेच दिए?

उन्होंने कहा है कि अपना तन, मन, धन एवं जीवन देश की आजादी की लड़ाई लड़ने एवं आधुनिक भारत की नींव रखने के लिए लगा देने वाले पंडित नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने के कुप्रयास का खामियाजा भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा और समय आने पर देश मोदी सरकार को सबक सिखाएगा.

(पीटीआई-भाषा)

जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पंडित नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने के कुप्रयास का खामियाजा केंद्र की भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा और समय आने पर देश मोदी सरकार को सबक सिखाएगा.

गहलोत ने जारी एक बयान में कहा कि आईसीएचआर जारी किए गए आजादी के अमृत महोत्सव के पोस्टर में पंडित जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर नहीं लगाना न सिर्फ निंदनीय है बल्कि केंद्र सरकार की छोटी सोच का प्रदर्शन भी है.

गहलोत के अनुसार पंडित नेहरू आजादी की लड़ाई के दौरान नौ बार जेल गए और उन्होंने (पंडित नेहरू ने) अपने जीवन के 3259 दिन (करीब 9 साल) जेल में गुजारे. मुख्यमंत्री का कहना था कि अंग्रेजों का विरोध करते हुए कई बार उन्होंने अंग्रेजों द्वारा किए गए बल प्रयोग का सीना तान कर सामना किया.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि जहां विनायक दामोदर सावरकर ने जेल जाने के एक साल बाद में ही अंग्रेजों से माफी मांगना शुरू कर दिया था और कुल छह बार माफी मांगी एवं जेल से रिहा होने के बाद ब्रिटिश एजेंट बनकर काम किया. पंडित नेहरू फौलाद की तरह अंग्रेजों के सामने खड़े रहे व भारत को आजादी दिलाकर संकल्प पूरा किया.

उन्होंने कहा है कि आजादी की खातिर अपना घर तक छोड़ देने वाले पंडित नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने की कोशिश करना मोदी सरकार की बेवकूफी मात्र है. मुख्यमंत्री के अनुसार जब सुभाष चन्द्र बोस की आजाद हिन्द फौज (आईएनए) के तीन प्रमुख कमांडरों सहगल, ढिल्लन और शाहनवाज पर अंग्रेजों ने मुकदमा चलाया तो नेहरू ने पूरे देश में इनके समर्थन के लिए अभियान चलाया और आईएनए डिफेंस कमेटी बनाई.

गहलोत के मुताबिक नेहरू ने अन्य वकीलों के साथ मिलकर लाल किले में वकालत करते हुए इनका मुकदमा लड़ा और आजाद हिन्द फौज के सैनिकों के मृत्युदंड को माफ करवाया. कांग्रेस नेता ने कहा कि विनायक दामोदर सावरकर ने आजाद हिन्द फौज के खिलाफ ब्रिटिश सरकार की तरफ से लड़ने के लिए युवाओं को ब्रिटिश फौज में भर्ती करवाया. देश के साथ गद्दारी करने वाले ऐसे लोगों को स्वतंत्रता सेनानी बताना सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है.

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उन्होंने कहा है कि अपना तन, मन, धन एवं जीवन देश की आजादी की लड़ाई लड़ने एवं आधुनिक भारत की नींव रखने के लिए लगा देने वाले पंडित नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने के कुप्रयास का खामियाजा भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा और समय आने पर देश मोदी सरकार को सबक सिखाएगा.

(पीटीआई-भाषा)

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