ETV Bharat / bharat

प. बंगाल : पार्टी के पुराने दिग्गजों की 'घर वापसी' के लिए पूरी ताकत झोंक रही भाजपा

पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भगवा खेमे में शामिल होने की सुविधा के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में शिविरों का आयोजन किया था. लेकिन इसका कोई खास असर नहीं पड़ा.

BJP
BJP
author img

By

Published : Jul 25, 2021, 1:42 PM IST

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल तो किया गया लेकिन इसका असर चुनाव नतीजों में बीजेपी के लिए अनुकूल नहीं रहा. इसके विपरीत तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वालों के बारे में नेतृत्व के अति-उत्साह के कारण भाजपा के कई दिग्गज चिढ़ गए और खुद को पूरी तरह से अलग कर लिया.

अब आरएसएस ने साफ कह दिया है कि ये दिग्गज ही पार्टी की असली संपत्ति हैं. इसलिए राज्य भाजपा पार्टी गतिविधियों के साथ फिर से जुड़ने के लिए वयोवृद्ध नेताओं को मनाने और उनकी वापसी के लिए कैंप आयोजित करेगी. शिविरों का मुख्य उद्देश्य बूथ, मंडल, ब्लॉक और राज्य स्तर पर भगवा दल के मूल दिग्गजों को राजी करना और वापस लाना होगा.

ईटीवी भारत से बात करते हुए भाजपा के राज्य महासचिव सायंतन बसु ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान भाजपा के कई मूल दिग्गजों ने खुद को पार्टी की गतिविधियों से अलग कर लिया है. लेकिन हम उन्हें पार्टी की सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति के रूप में वापस चाहते हैं.

ये कैंप सभी जिलों में लगाए जाएंगे. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दिया है. उन्होंने स्वीकार किया कि तृणमूल कांग्रेस के मजबूत संगठन नेटवर्क के कारण बूथ स्तर का पुनर्गठन आसान काम नहीं होगा.

बीजेपी सूत्रों ने कहा कि आरएसएस शुरू से ही तृणमूल कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वालों पर ज्यादा जोर देने का विरोध करता रहा है. हालांकि उस वक्त की लहर को देखते हुए आरएसएस नेतृत्व ने इस बारे में तब ज्यादा कुछ नहीं कहा था.

लेकिन 2021 के बाद पश्चिम बंगाल चुनाव के नतीजे घोषित हुए आरएसएस नेतृत्व ने इस मुद्दे पर जोरदार तरीके से यह घोषणा की कि पुराने दिग्गज पार्टी की असली संपत्ति हैं. राज्य भाजपा के एक नेता ने कहा कि मुख्य रूप से आरएसएस के दबाव के कारण पार्टी के केंद्रीय और राज्य दोनों नेतृत्व अब पुराने दिग्गजों को वापस लाने की पहल कर रहे हैं.

बीजेपी ने हाल ही में संपन्न पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा की है. समीक्षा से पता चला कि तृणमूल कांग्रेस बूथ स्तर के नेटवर्क पर पूरा नियंत्रण ले सकती है क्योंकि मूल दिग्गजों ने उन्हें पार्टी से अलग कर दिया.

यह भी पढ़ें-विपक्षी एकता के लिए ममता की कवायद से पहले कांग्रेस सांसद ने छेड़ा सोनिया राग

उन्होंने कहा कि लेकिन पार्टी उसी गलती को दोहराना नहीं चाहती. चाहे वह आगामी नगर पालिका और नगर निगम चुनाव हो या 2004 का लोकसभा चुनाव. इसलिए पुराने दिग्गजों को वापस मनाने की प्रक्रिया अभी से शुरू हो गई है.

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल तो किया गया लेकिन इसका असर चुनाव नतीजों में बीजेपी के लिए अनुकूल नहीं रहा. इसके विपरीत तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वालों के बारे में नेतृत्व के अति-उत्साह के कारण भाजपा के कई दिग्गज चिढ़ गए और खुद को पूरी तरह से अलग कर लिया.

अब आरएसएस ने साफ कह दिया है कि ये दिग्गज ही पार्टी की असली संपत्ति हैं. इसलिए राज्य भाजपा पार्टी गतिविधियों के साथ फिर से जुड़ने के लिए वयोवृद्ध नेताओं को मनाने और उनकी वापसी के लिए कैंप आयोजित करेगी. शिविरों का मुख्य उद्देश्य बूथ, मंडल, ब्लॉक और राज्य स्तर पर भगवा दल के मूल दिग्गजों को राजी करना और वापस लाना होगा.

ईटीवी भारत से बात करते हुए भाजपा के राज्य महासचिव सायंतन बसु ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान भाजपा के कई मूल दिग्गजों ने खुद को पार्टी की गतिविधियों से अलग कर लिया है. लेकिन हम उन्हें पार्टी की सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति के रूप में वापस चाहते हैं.

ये कैंप सभी जिलों में लगाए जाएंगे. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दिया है. उन्होंने स्वीकार किया कि तृणमूल कांग्रेस के मजबूत संगठन नेटवर्क के कारण बूथ स्तर का पुनर्गठन आसान काम नहीं होगा.

बीजेपी सूत्रों ने कहा कि आरएसएस शुरू से ही तृणमूल कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वालों पर ज्यादा जोर देने का विरोध करता रहा है. हालांकि उस वक्त की लहर को देखते हुए आरएसएस नेतृत्व ने इस बारे में तब ज्यादा कुछ नहीं कहा था.

लेकिन 2021 के बाद पश्चिम बंगाल चुनाव के नतीजे घोषित हुए आरएसएस नेतृत्व ने इस मुद्दे पर जोरदार तरीके से यह घोषणा की कि पुराने दिग्गज पार्टी की असली संपत्ति हैं. राज्य भाजपा के एक नेता ने कहा कि मुख्य रूप से आरएसएस के दबाव के कारण पार्टी के केंद्रीय और राज्य दोनों नेतृत्व अब पुराने दिग्गजों को वापस लाने की पहल कर रहे हैं.

बीजेपी ने हाल ही में संपन्न पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा की है. समीक्षा से पता चला कि तृणमूल कांग्रेस बूथ स्तर के नेटवर्क पर पूरा नियंत्रण ले सकती है क्योंकि मूल दिग्गजों ने उन्हें पार्टी से अलग कर दिया.

यह भी पढ़ें-विपक्षी एकता के लिए ममता की कवायद से पहले कांग्रेस सांसद ने छेड़ा सोनिया राग

उन्होंने कहा कि लेकिन पार्टी उसी गलती को दोहराना नहीं चाहती. चाहे वह आगामी नगर पालिका और नगर निगम चुनाव हो या 2004 का लोकसभा चुनाव. इसलिए पुराने दिग्गजों को वापस मनाने की प्रक्रिया अभी से शुरू हो गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.