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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : ...तो क्या इस रणनीति से किला फतह कर लेगी भाजपा ?

यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) से ठीक पहले पंचायत चुनावों में मिली प्रचंड जीत से बीजेपी लबरेज है. अब पार्टी विस चुनाव में अपनी बादशाहत कायम रखने के लिए कमर कस रही है. पार्टी 'माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट' (Micro Level Booth Management) की रणनीति पर फोकस कर मतदाताओं के बीच अपनी पैठ बनाने पर ध्यान दे रही है.

UP Assembly Elections 2022, uttar pradesh news
भारतीय जनता पार्टी
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Published : Jul 11, 2021, 8:30 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश जिला पंचायत चुनाव (Zilla Panchayat President) में बीजेपी को 75 में से 67 सीटों पर जीत हासिल हुई है. इस परिणाम से उत्साहित बीजेपी अब विधानसभा चुनाव-2022 (UP Assembly Election 2022) में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए तैयारियों में जुट गई है. पार्टी विधानसभा चुनाव में जीत के लिए अपने संगठन को मजबूत करने के लिए 'माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट' (Micro Level Booth Management) की रणनीति पर फोकस कर रही है. आइए जानते हैं इस मैनेजमेंट सिस्टम के बारे में...

संगठन की दृष्टि से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को अन्य विपक्षी दलों की तुलना में काफी मजबूत माना जाता है और इसी के बल पर अभी तक चुनाव जीतकर सरकार बनाती रही है. अब इसी संगठन को और मजबूती प्रदान करने के लिए पार्टी एक बार फिर से सक्रियता के साथ काम शुरू कर रही है.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल (State General Secretary Organization of BJP) के निर्देशन में बूथ स्तर के संगठन को मजबूत करने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. राजनीति के जानकार मानते हैं कि महामंत्री संगठन सुनील बंसल माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट के माहिर माने जाते हैं. पार्टी उनके इस प्लान के आधार पर पूर्ववर्ती चुनाव में जीत भी दर्ज कर चुकी है. अब जब विधानसभा चुनाव.2022 को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, तो भाजपा भी अपने संगठन तंत्र को बूथ स्तर तक चुस्त-दुरुस्त करने पर ध्यान दे रही है.

आगामी यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की रणनीति पर स्पेशल रिपोर्ट

पढ़ें: ओवैसी की चुनौती स्वीकारते हुए योगी बोले- 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में जीतेंगे 300 से ज्यादा सीटें

बीजेपी ने बूथ स्तर के संगठन को मजबूत करने के लिए अपने सभी जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष, जिला प्रभारियों और अन्य पार्टी पदाधिकारियों को निर्देशित किया है. ये सभी बूथ स्तर के संगठन की समीक्षा करेंगे. माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट स्तर पर एक बूथ में 10 कार्यकर्ताओं को जोड़ने के निर्देश हैं. पार्टी निचली कमेटी के आधार पर मतदाताओं से संपर्क और संवाद स्थापित करेगी. कार्यकर्ता सरकार और संगठन की योजनाओं को लोगों के बीच रखेंगे.

भाजपा में अब संगठन को अधिक महत्व

राजनीतिक विश्लेषक (political analyst) प्रोफेसर दिलीप अग्निहोत्री भाजपा के संगठन तंत्र के बारे में बताते हैं कि भाजपा में अब बूथ स्तर के संगठन को अधिक महत्व दिया जाता है. पार्टी अपने संगठन के दम पर ही सामाजिक सरोकार से जुड़े काम करती है. स्वाभाविक सी बात है इसका भाजपा को सियासी लाभ होता है. संगठन के दम पर ही भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार बनाती है. दिलीप अग्निहोत्री आगे कहते हैं कि भाजपा जैसा संगठन तंत्र किसी दूसरे राजनीतिक दल के पास नहीं है. बीजेपी संगठन तंत्र के सहारे चुनाव मैदान में जाती है.

रणनीति बनाकर होगा जनता से संवाद

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता (State Spokesperson of Bharatiya Janata Party) राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि भाजपा एकमात्र ऐसा राजनीतिक दल है जो अपनी नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों को अपने संगठन तंत्र के आधार पर जनता तक पहुंचाने का काम करती है. चुनाव से पूर्व या बाद में भी पार्टी बूथ समितियों को लगातार एक्टिव करने का काम करती है. भाजपा के पास सभी बूथों पर समितियां हैं, जिनका सत्यापन हो चुका है.

बूथ स्तर पर जितनी भी समितियां हैं वो अलग-अलग मोर्चा प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चुनावी रणनीति बनाकर चुनाव मैदान में जनता के साथ संवाद करेंगी. हम किसी जाति या गठजोड़ बनाकर चुनाव मैदान में नहीं जाते. यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव में सकारात्मक परिणाम लेकर आ रही है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश जिला पंचायत चुनाव (Zilla Panchayat President) में बीजेपी को 75 में से 67 सीटों पर जीत हासिल हुई है. इस परिणाम से उत्साहित बीजेपी अब विधानसभा चुनाव-2022 (UP Assembly Election 2022) में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए तैयारियों में जुट गई है. पार्टी विधानसभा चुनाव में जीत के लिए अपने संगठन को मजबूत करने के लिए 'माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट' (Micro Level Booth Management) की रणनीति पर फोकस कर रही है. आइए जानते हैं इस मैनेजमेंट सिस्टम के बारे में...

संगठन की दृष्टि से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को अन्य विपक्षी दलों की तुलना में काफी मजबूत माना जाता है और इसी के बल पर अभी तक चुनाव जीतकर सरकार बनाती रही है. अब इसी संगठन को और मजबूती प्रदान करने के लिए पार्टी एक बार फिर से सक्रियता के साथ काम शुरू कर रही है.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल (State General Secretary Organization of BJP) के निर्देशन में बूथ स्तर के संगठन को मजबूत करने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. राजनीति के जानकार मानते हैं कि महामंत्री संगठन सुनील बंसल माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट के माहिर माने जाते हैं. पार्टी उनके इस प्लान के आधार पर पूर्ववर्ती चुनाव में जीत भी दर्ज कर चुकी है. अब जब विधानसभा चुनाव.2022 को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, तो भाजपा भी अपने संगठन तंत्र को बूथ स्तर तक चुस्त-दुरुस्त करने पर ध्यान दे रही है.

आगामी यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की रणनीति पर स्पेशल रिपोर्ट

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बीजेपी ने बूथ स्तर के संगठन को मजबूत करने के लिए अपने सभी जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष, जिला प्रभारियों और अन्य पार्टी पदाधिकारियों को निर्देशित किया है. ये सभी बूथ स्तर के संगठन की समीक्षा करेंगे. माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट स्तर पर एक बूथ में 10 कार्यकर्ताओं को जोड़ने के निर्देश हैं. पार्टी निचली कमेटी के आधार पर मतदाताओं से संपर्क और संवाद स्थापित करेगी. कार्यकर्ता सरकार और संगठन की योजनाओं को लोगों के बीच रखेंगे.

भाजपा में अब संगठन को अधिक महत्व

राजनीतिक विश्लेषक (political analyst) प्रोफेसर दिलीप अग्निहोत्री भाजपा के संगठन तंत्र के बारे में बताते हैं कि भाजपा में अब बूथ स्तर के संगठन को अधिक महत्व दिया जाता है. पार्टी अपने संगठन के दम पर ही सामाजिक सरोकार से जुड़े काम करती है. स्वाभाविक सी बात है इसका भाजपा को सियासी लाभ होता है. संगठन के दम पर ही भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार बनाती है. दिलीप अग्निहोत्री आगे कहते हैं कि भाजपा जैसा संगठन तंत्र किसी दूसरे राजनीतिक दल के पास नहीं है. बीजेपी संगठन तंत्र के सहारे चुनाव मैदान में जाती है.

रणनीति बनाकर होगा जनता से संवाद

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता (State Spokesperson of Bharatiya Janata Party) राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि भाजपा एकमात्र ऐसा राजनीतिक दल है जो अपनी नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों को अपने संगठन तंत्र के आधार पर जनता तक पहुंचाने का काम करती है. चुनाव से पूर्व या बाद में भी पार्टी बूथ समितियों को लगातार एक्टिव करने का काम करती है. भाजपा के पास सभी बूथों पर समितियां हैं, जिनका सत्यापन हो चुका है.

बूथ स्तर पर जितनी भी समितियां हैं वो अलग-अलग मोर्चा प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चुनावी रणनीति बनाकर चुनाव मैदान में जनता के साथ संवाद करेंगी. हम किसी जाति या गठजोड़ बनाकर चुनाव मैदान में नहीं जाते. यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव में सकारात्मक परिणाम लेकर आ रही है.

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