नई दिल्ली : एक हिंदुओं की पार्टी से अलग होकर क्या बीजेपी अपनी इमेज बदलना चाहती है. इसका जवाब देते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह का कहा कि प्रधानमंत्री पहले ही कहते हैं सबका साथ सबका विकास और जब हम ये बातें करते हैं तो कैसे कोई योजना किसी खास वर्ग के साथ लागू की जा सकती. उन्होंने कहा कि ऐसा कांग्रेस और अखिलेश यादव के समय होता था आज की डेट में हमारे लाभार्थी ही हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी हैं. ये पर्व भी ऐसे ही मनाए जा रहे ये तो संकीर्ण सोच वाले लोग इसे धर्मों में बांट रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वोट तो पहले भी ट्रिपल तलाक के बाद हमारी मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी को दिया था. आज सभी देख रहे की गरीबी रेखा से उठकर हम 8 से 11 प्रतिशत पर पहुंच गए हैं तो क्या इसका लाभ सिख, ईसाई और सभी को नहीं मिल रहा सबको मिल रहा. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि 55 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बने हैं, उन्हें मदद मिल रही है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी सबका साथ सबका विकास की बात लेकर चल रही तो इससे सभी धर्म और जाति के लोगों को फायदा है. जब फायदा पहुंचता है तो उसका आशीर्वाद तो वोट के रूप में वो देंगे ही.
इस सवाल पर कि राम मंदिर के उद्घाटन पर डिंपल यादव ने कहा कि यदि निमंत्रण मिलता है तो वो जाएंगी जबकि कुछ भाजपा के लोगों ने इसका विरोध किया था. इस पर आरपी सिंह ने कहा कि सच तो ये है की मुलायम सिंह ने राम भक्तों पर गोलियां चलवाई थीं और ये भी कहा था कि जरूरत पड़ी तो और चलवाऊंगा. मगर हिंदू धर्म एक विचारधारा है और वो भेदभाव नहीं करती और जब निमंत्रण सबको जा रहा तो उनको भी जाएगा क्योंकि उनका भी हृदय परिवर्तन हो.
स्वामी प्रसाद मौर्य की तरफ से हिंदू धर्म पर एकबार फिर हमला बोलने पर बीजेपी नेता आरपी सिंह ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य पर अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी जैसे लोगों को जवाब देना चाहिए. जहां तक बात स्वामी प्रसाद मौर्य की है वो ऐसे अनर्गल बयान अपनी अहमियत बढ़ने के लिए देते हैं, क्योंकि समाज में ऐसे लोगों की कोई अहमियत नहीं रह गई है.
बहरहाल यदि देखा जाए तो बीजेपी ने पूरे दिन कार्यक्रम का आयोजन किया और देश के अलग अलग भागों में नेताओं ने गुरुद्वारे में माथा टेका जिससे देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है की सिर्फ हिंदुओं की पार्टी से अलग अपनी इमेज बदलना की कोशिश में बीजेपी अब लाभार्थियों को ये भी जीतना चाहती है. इससे पार्टी न सिर्फ उत्तर भारत बल्कि उत्तर दक्षिण सभी राज्यों के लिए वो पर्याय बन सकती है. ये पार्टी की लोकसभा से पहले की नई रणनीति है.
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