नासिक : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी के एक दिन बाद भाजपा ने उद्धव ठाकरे, उनकी पत्नी एवं सामना की संपादक रश्मि ठाकरे और युवा सेना प्रमुख वरुण सरदेसाई के खिलाफ नासिक पुलिस में अलग-आलग आधारों पर तीन शिकायत दर्ज कराई हैं. साथ ही एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की है.
पुलिस ने पुष्टि की है कि भाजपा ने तीन शिकायती पत्र दिन में नासिक शहर साइबर पुलिस थाने में दिए हैं. भाजपा की नासिक इकाई के अध्यक्ष की ओर से तीन लोगों ने नासिक में शिकायत दर्ज कराई हैं.
शिकायत नंबर वन
पहली शिकायत ऋषिकेश जयंत ने उद्धव ठाकरे और वरुण सरदेसाई के खिलाफ की है. शिकायत में कहा गया है कि बुधवार को सरदेसाई ने कथित तौर पर गैरकानूनी तरीके से राणे के मुंबई स्थित आवास के समाने प्रदर्शन किया जिसके बाद मुख्यमंत्री ठाकरे ने उन्हें अपने आधिकारिक आवास वर्षा पर सम्मानित किया. इससे गलत संदेश गया और कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई.
शिकायत में कहा गया कि घटना का वीडियो विभिन्न चैनलों और सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है. इसमें आरोप लगाया गया कि सरदेसाई ने वर्षा के सामने भड़काऊ भाषण दिया जिसे फेसबुक पर प्रसारित किया गया. इसलिए दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, 107, 212 और साइबर अपराध कानूनों की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए.
शिकायत नंबर दो
दूसरी शिकायत सुनील रघुनाथ केदार की ओर से मुख्यमंत्री ठाकरे के खिलाफ की गई है. इसमें आरोप लगाया है कि ठाकरे ने कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. शिकायतकर्ता ने कहा कि वीडियो क्लिप में ठाकरे कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि योगी कैसे मुख्यमंत्री बन सकते हैं, उन्हें तो गुफा में बैठना चाहिए.
शिकायतकर्ता ने कहा कि योगी आदित्यनाथ न केवल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हैं बल्कि गोरखपुर पीठ के महंत भी हैं और इससे कई हिंदुओं की भावना आहत हुई. उनके अपमान से कोई अप्रिय घटना हो सकती थी. इसलिए ठाकरे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (1), 153 बी, 189, 295ए, 504, 505(2) और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए.
शिकायत नंबर तीन
तीसरी शिकायत शिवाजी निवृत्ति बर्के ने रश्मि ठाकरे और नासिक नगर निगम में शिवसेना नेता अजय बोरास्ते के खिलाफ दर्ज कराई है. इसमें कहा गया है कि 25 अगस्त को शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में राणे के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है जो केंद्रीय मंत्री के संवैधानिक पद का अपमान है.
यह भी पढ़ें-भाजपा बोली- प. बंगाल जैसा ही महाराष्ट्र का हाल, 'बदले' की राजनीति कर रही शिवसेना
इसके अलावा बोरास्ते ने इस संपादकीय के लिए पोस्टर बनाया और सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया. इन पर विचार करते हुए रश्मि ठाकरे और बोरास्ते के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
(पीटीआई-भाषा)