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भाजपा को रास नहीं आया ईश्वरप्पा का राज्यपाल से येदियुरप्पा की शिकायत करना

कर्नाटक राज्य भाजपा एक बार फिर नेतृत्व परिवर्तन के लिए जोर-शोर से गुटीय राजनीति के लिए मंच तैयार कर रही है. ऐसी चर्चा है कि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और मंत्री ईश्वरप्पा के बीच शीत युद्ध का पार्टी और सरकार पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है.

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Published : Apr 1, 2021, 10:55 PM IST

BJP did
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बेंगलुरु : भारतीय जनता पार्टी और मंत्रियों के एक समूह ने बृहस्पतिवार को कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता के एस ईश्वरप्पा का मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ कर्नाटक के राज्यपाल को शिकायत करना ‘सही नहीं’ था. ईश्वरप्पा ने मुख्यमंत्री पर अपने विभाग के मामलों में प्रत्यक्ष तौर पर हस्तक्षेप का आरोप लगाया था.

इन मंत्रियों ने पार्टी के कुछ विधायकों के साथ येदियुरप्पा का पुरजोर समर्थन किया है जिन्होंने अब तक इस मामले में अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है. कर्नाटक के प्रभारी भाजपा राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि वरिष्ठ नेता एवं मंत्री होते हुए ईश्वरप्पा को ऐसा पत्र नहीं लिखना चाहिए था.

दिल्ली में संवाददाताओं से उन्होंने कहा कि अगर किसी मंत्री को कभी कोई समस्या आती है तो उसे मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए. राज्यपाल को पत्र लिख देना, यह कोई तरीका नहीं है. ईश्वरप्पा द्वारा उन्हें भी इसी तरह का पत्र लिखे जाने के बारे में पूछे जाने पर जवाब देने से बचते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें कोई समस्या थी तो उन्हें मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए थी.

भाजपा राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि हम चर्चा करेंगे और देखेंगे कि क्या करना है. समझा जाता है कि राज्यपाल को शिकायत करने और पत्र को सार्वजनिक करने के ईश्वरप्पा के इस कदम से मुख्यमंत्री नाराज हैं. भाजपा की राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष, ईश्वरप्पा ने बुधवार को येदियुरप्पा के खिलाफ राज्यपाल को शिकायत की थी कि वह उनके विभाग में सीधे तौर पर हस्तक्षेप कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें-निजी अस्पतालों को बढ़ावा देती सरकार, दुर्दशा में अवसर की तलाश !

उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा प्रशासन चलाने के सत्तावादी तरीके और गंभीर खामियों पर पांच पन्नों का एक पत्र सौंपा था. शिकायत के बाद, येदियुरप्पा के वफादार माने जाने वाले सरकार के कुछ वरिष्ठ मंत्रियों और विधायकों को मुख्यमंत्री से उनके आधिकारिक आवास पर मिलते हुए और चर्चा करते हुए देखा गया.

बेंगलुरु : भारतीय जनता पार्टी और मंत्रियों के एक समूह ने बृहस्पतिवार को कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता के एस ईश्वरप्पा का मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ कर्नाटक के राज्यपाल को शिकायत करना ‘सही नहीं’ था. ईश्वरप्पा ने मुख्यमंत्री पर अपने विभाग के मामलों में प्रत्यक्ष तौर पर हस्तक्षेप का आरोप लगाया था.

इन मंत्रियों ने पार्टी के कुछ विधायकों के साथ येदियुरप्पा का पुरजोर समर्थन किया है जिन्होंने अब तक इस मामले में अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है. कर्नाटक के प्रभारी भाजपा राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि वरिष्ठ नेता एवं मंत्री होते हुए ईश्वरप्पा को ऐसा पत्र नहीं लिखना चाहिए था.

दिल्ली में संवाददाताओं से उन्होंने कहा कि अगर किसी मंत्री को कभी कोई समस्या आती है तो उसे मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए. राज्यपाल को पत्र लिख देना, यह कोई तरीका नहीं है. ईश्वरप्पा द्वारा उन्हें भी इसी तरह का पत्र लिखे जाने के बारे में पूछे जाने पर जवाब देने से बचते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें कोई समस्या थी तो उन्हें मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए थी.

भाजपा राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि हम चर्चा करेंगे और देखेंगे कि क्या करना है. समझा जाता है कि राज्यपाल को शिकायत करने और पत्र को सार्वजनिक करने के ईश्वरप्पा के इस कदम से मुख्यमंत्री नाराज हैं. भाजपा की राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष, ईश्वरप्पा ने बुधवार को येदियुरप्पा के खिलाफ राज्यपाल को शिकायत की थी कि वह उनके विभाग में सीधे तौर पर हस्तक्षेप कर रहे हैं.

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उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा प्रशासन चलाने के सत्तावादी तरीके और गंभीर खामियों पर पांच पन्नों का एक पत्र सौंपा था. शिकायत के बाद, येदियुरप्पा के वफादार माने जाने वाले सरकार के कुछ वरिष्ठ मंत्रियों और विधायकों को मुख्यमंत्री से उनके आधिकारिक आवास पर मिलते हुए और चर्चा करते हुए देखा गया.

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