बेंगलुरु : भाजपा और आरएसएस के वरिष्ठ नेता गुरुवार को बेंगलुरु के बाहरी इलाके में दो दिवसीय 'चिंतन-मंथन' बैठक के लिए एकत्रित हो रहे हैं. यह प्लेटफॉर्म राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं और आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं के बीच बातचीत के लिए समन्वय मंच के रूप में काम करेगा. सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट विस्तार और कर्नाटक में आक्रामक हिंदुत्व विचारधारा को लागू करने के संबंध में अहम फैसले इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान लिए जाएंगे.
स्थान और भागीदारी सहित बैठक के विवरण को गुप्त रखा गया है. सूत्रों के अनुसार, प्रदेश भाजपा प्रभारी अरुण सिंह, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा, जगदीश शेट्टार, डी. वी. सदानंद गौड़ा और कुछ कैबिनेट मंत्री गुरुवार शाम से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं. पता चला है कि कर्नाटक से आने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बी. एल. संतोष के साथ ही भाजपा विधायक और राष्ट्रीय महासचिव सी. टी. रवि भी बैठक में हिस्सा ले रहे हैं.
नेतागण बेंगलुरु के बाहरी इलाके में स्थित एक रिसॉर्ट में रात भर रुके हैं और शुक्रवार को भी बैठक जारी रहेगी. बैठक के दौरान कर्नाटक में अगला विधानसभा चुनाव जीतने की रणनीति पर चर्चा होगी. बैठक सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के प्रदर्शन, हिंदुत्व के कार्यान्वयन और दलितों, पिछड़ों और दक्षिण कर्नाटक में समर्थन आधार को मजबूत करने का भी आकलन करेगी.
सूत्र बताते हैं कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर्नाटक दौरे के बाद के घटनाक्रम से भाजपा आलाकमान खुश नहीं है. पीएम मोदी की मूवमेंट के दौरान घटिया सड़कें मुद्दा बन गई थी. यह मुद्दा राष्ट्रीय समाचार बन गया था और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के लिए शर्मिंदगी साबित हुई. पीएमओ ने इस मामले में राज्य सरकार से जानकारी मांगी है.
बाद में, कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति द्वारा सत्तारूढ़ प्रतिष्ठान को लताड़ने वाली टिप्पणी उस पार्टी (भाजपा) के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई, जो स्वच्छ छवि वाले लोगों के पास जाने की उम्मीद कर रही थी. उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ने बार-बार सरकार को महत्वपूर्ण पदों पर दागी अधिकारियों की नियुक्ति नहीं करने का निर्देश दिया है.
उच्च न्यायालय द्वारा सख्त टिप्पणी के बाद, राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों के सिलसिले में बेंगलुरु शहरी जिला उप कलेक्टर (डीसी) और एडीजीपी रैंक के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पर कार्रवाई की. बैठक में पाठ्यपुस्तक संशोधन के संबंध में पार्टी को लगे झटके पर भी चर्चा होगी. संशोधन प्रक्रिया ने सत्ताधारी भाजपा के खिलाफ समाज के सभी वर्गों की नाराजगी को भी प्रकट किया था.
विपक्षी कांग्रेस ने विश्वास के साथ घोषणा की है कि आगामी विधानसभा चुनावों में उसे पूर्ण बहुमत मिलेगा. पार्टी आलाकमान विपक्षी नेता सिद्धारमैया और प्रदेश कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार से संबंधित और अन्य सभी उलझनों को सुलझाने में व्यस्त है और अगर ये प्रयास सफल होते हैं, तो राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा से कांग्रेस का कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाने के लिए सभी पहलुओं पर चर्चा करने की संभावना है. पार्टी येदियुरप्पा की सेवाओं का अधिकतम स्तर तक उपयोग करने पर भी जोर देगी.
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(IANS)