पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर रणनीति बनने लगे हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 39 सीट पर जीत हासिल की थी. उस वक्त नीतीश कुमार भी एनडीए का हिस्सा थे. अब परिस्थितियां बदली हुई हैं. नीतीश महागठबंधन के साथ हैं. बदली हुई परिस्थितियों में बीजेपी 2019 वाले प्रदर्शन को दोहराना चाहती है. इसको लेकर लगातार मेहनत भी कर रही है. बीजेपी की कोशिश है कि चुनाव की घोषणा से पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एक बार सभी 40 लोकसभा क्षेत्र की जनता तक अपनी बात पहुंचा सकें.
भाजपा का एक्शन प्लानः लोकसभा चुनाव के मद्येनजर भारतीय जनता पार्टी ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले भारतीय जनता पार्टी बड़े नेताओं को मैदान में उतरने की तैयारी कर चुकी है. इसके लिए 10 क्लस्टर तैयार किया गया है. इन्हीं क्लस्टरों में सभी 40 लोकसभा सीट को बांटा गया है. भाजपा ने जो क्लस्टर तैयार किये हैं उनमें शाहाबाद, मगध, मुंगेर, पूर्णिया, सारण, चंपारण, भागलपुर, मिथिला, पटना और तिरहुत है. एक क्लस्टर में तीन से पांच लोकसभा क्षेत्र को रखा गया है.
पीएम के होंगे तीन कार्यक्रमः भाजपा के तीन बड़े नेताओं के 10 कार्यक्रम बिहार में होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कार्यक्रम होंगे. पीएम मोदी बेतिया में 13 जनवरी को सभा को संबोधित करेंगे. पार्टी सूत्रों की ओर से कहा गया है कि अब तक 13 जनवरी की तारीख तय है. इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के अलग-अलग क्लस्टर में कार्यक्रम होंगे. प्रदेश स्तर पर हर क्लस्टर के लिए प्रभारी नियुक्त किए गए हैं. पार्टी के एक नेता जहां क्लस्टर प्रभारी का काम देखेंगे. वहीं एक अन्य नेता दायित्व संभालने का काम करेंगे. कार्यक्रम में विधायकों की भी भूमिका तय की गई है.
"लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी ने तीन बड़े नेताओं के 10 कार्यक्रम होने हैं. जनवरी-फरवरी माह में प्रधानमंत्री के तीन कार्यक्रम बिहार में होना है. इसकी तैयारी की जा रही है."- अनिल शर्मा, विधान पार्षद
इंजीनियर शैलेंद्र को पूर्णिया क्लस्टर प्रभारी बनायाः शाहाबाद क्लस्टर में आरा, बक्सर, काराकट और सासाराम लोकसभा सीट को रखा गया है. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शंभू को क्लस्टर प्रभारी बनाया गया है. मगध क्लस्टर में गया, जहानाबाद, औरंगाबाद और नवादा लोकसभा सीट को रखा गया है. प्रदेश मंत्री रत्नेश कुशवाहा प्रभारी बनाए गए हैं. मुंगेर क्लस्टर में मुंगेर, जमुई, खगड़िया और बेगूसराय लोकसभा सीट है. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह को क्लस्टर प्रभारी बनाया गया है. पूर्णिया क्लस्टर में पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार लोकसभा सीट है. विधायक इंजीनियर शैलेंद्र को पूर्णिया क्लस्टर प्रभारी बनाया गया है.
पिंकी कुशवाहा को भागलपुर क्लस्टर प्रभारी बनायाः सारण क्लस्टर में छपरा, सीवान, गोपालगंज और महाराजगंज लोकसभा सीट को रखा गया है. प्रदेश मंत्री संतोष रंजन राय सारण क्लस्टर के प्रभारी बनाए गए हैं. चंपारण क्लस्टर में पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, बाल्मीकि नगर और शिवहर लोकसभा सीट को रखा गया है. प्रदेश उपाध्यक्ष सरोज रंजन पटेल प्रभारी बनाए गए हैं. भागलपुर क्लस्टर में सहरसा, बांका, मधेपुरा और सुपौल लोकसभा सीट को रखा गया है. प्रदेश उपाध्यक्ष पिंकी कुशवाहा को क्लस्टर प्रभारी बनाया गया है.
पटना क्लस्टर में तीन लोकसभा क्षेत्रः मिथिला क्लस्टर में दरभंगा, झंझारपुर, समस्तीपुर, उजियारपुर और मधुबनी लोकसभा सीट को रखा गया है. पार्टी विधायक राणा रणधीर सिंह को क्लस्टर प्रभारी बनाया गया है. पटना क्लस्टर में पाटलिपुत्र, पटना साहिब और नालंदा लोकसभा सीट को रखा गया है. प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खंडेलिया क्लस्टर प्रभारी बनाए गए हैं. तिरहुत क्लस्टर में मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी और हाजीपुर को रखा गया है. प्रदेश मंत्री त्रिविक्रम नारायण सिंह तिरहुत क्लस्टर के प्रभारी बनाए गए हैं.
"भाजपा चुनाव के समय ही हरकत में आती है. जो दल या नेता काम नहीं करते हैं वह सभा ज्यादा करते हैं. वैसे भी सवाल यह उठता है कि वह बिहार आएंगे तो जनता को बताएंगे क्या उन्होंने काम तो कुछ किया नहीं है."- नीरज कुमार, जदयू के मुख्य प्रवक्ता
बिहार में अभी 2015 विधानसभा चुनाव वाली स्थितिः लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने 24 फीसदी वोट के साथ 17 लोकसभा सीटें जीती थीं. उस वक्त जनता दल यूनाइटेड भी एनडीए में था. उस चुनाव में जेडीयू को 22% वोट के साथ 16 सीटें, कांग्रेस को 8 % वोट के साथ एक सीट मिली थी. आरजेडी को एक भी नहीं मिली थी, लेकिन उसका वोट प्रतिशत 16 था. इस बार बिहार में नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा नहीं हैं. अभी के राजनीतिक हालात साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव की तरह है. उस चुनाव में आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस ने 243 में से 178 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. भाजपा 53 सीटों पर सिमट गई थी.
ये भी पढ़ें :-
Bihar Politics : बिहार भाजपा कोर कमेटी की अहम बैठक, गठबंधन और अमित शाह के दौरे को लेकर विमर्श