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Maharashtra Politics: शिंदे-बीजेपी में दरार के संकेत! CM के बेटे श्रीकांत शिंदे ने दी इस्तीफे की धमकी

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Published : Jun 10, 2023, 9:13 AM IST

महाराष्ट्र में शिवसेना (शिंदे गुट) और बीजेपी के गठबंधन की सरकार है. इन दिनों गठबंधन में रार के संकेत मिल रहे हैं. बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी का कहना है कि विकास कार्यों का श्रेय शिवसेना अकेले ले रही है. बैनर पर बीजेपी नेताओं की फोटो तक नहीं लगा रही है.

Maharashtra Politics
बीजेपी शिवसेना गठबंधन

ठाणे: महाराष्ट्र में शिवसेना (शिंदे गुट) और भाजपा के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है. मीडिया में कल्याण-डोंबिवली विधानसभा क्षेत्र में गठबंधन में विवाद खबरें चल रही हैं. इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने इस्तीफे की धमकी दी है. कहा जा रहा है कि वो कई मामलों पर नाराज बताए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि डोंबिवली में बीजेपी नेता शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में दरार डालने की कोशिश कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिव्या में विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण किया लेकिन दिव्या के विकास के लिए मिले फंड को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच तकरार जारी है. क्योंकि शिवसेना राज्य में भाजपा के साथ गठबंधन में है, इसलिए दिव्या के विकास के लिए फंड गठबंधन के माध्यम से आया है. ऐसे में भाजपा कार्यकर्ता आरोप लगा रहे हैं कि बजट लाने का श्रेय सिर्फ शिवसेना ही ले रही है. इस पर भाजपा नेताओं ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. उनका कहना है कि वे ऐसी पार्टी (शिवसेना) से गठबंधन नहीं चाहते, जो अकेले श्रेय लेती हो.

बीजेपी ने लगाया शिवसेना पर आरोप
प्रदेश में शिवसेना और बीजेपी गठबंधन में दरार के संकेत मिल रहे हैं. इस बीच सूत्रों से खबर मिली है कि अगले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री के पुत्र डॉ. श्रीकांत शिंदे के निर्वाचन क्षेत्र दिव्या में शिवसेना और भाजपा के बीच संघर्ष देखने को मिल सकता है. क्योंकि बीजेपी नेताओं का कहना है कि विकास कार्यों का श्रेय केवल शिवसेना ही ले रही है, जबकि राज्य में गठबंधन की सरकार है. दीव्या में गठबंधन को लेकर शिवसेना की तरफ से कोई तालमेल नहीं है. बीजेपी का कहना है कि दिव्या क्षेत्र में शिवसेना की तरफ से गठबंधन जैसा कोई तालमेल नहीं है.

बीजेपी नहीं चाहती गठबंधन!
दिव्या शहर अध्यक्ष भाजपा रोहिदास मुंडे ने कहा कि दिव्या में शिवसेना ने पिछले 25 साल से बीजेपी से गठबंधन नहीं किया. ऐसे में कई सवाल खड़े कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम दिव्या में गठबंधन नहीं चाहते हैं. दिव्या में बीजेपी अकेले है.

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बैनर पर नहीं है बीजेपी नेताओं की तस्वीर
दिव्या विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन किया गया. इस पर रोहिदास मुंडे ने आरोप लगाया है कि विभिन्न स्थानों पर लगे बैनरों पर केवल शिवसेना के पदाधिकारियों के नाम हैं और बीजेपी पदाधिकारियों के नाम हटा दिए गए हैं. मुंडे ने यह सवाल भी उठाया है कि राज्य में जब गठबंधन की सरकार ने तो शिवसेना ने बीजेपी नेताओं की फोटो क्यों नहीं लगाई?

इस मुद्दे पर जब स्थानीय शिवसेना नेताओं और पूर्व नगरसेवकों से जब भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में पूछा गया तो वे इस बारे में बात करने से बचते रहे. इससे पता चलता है कि शिवसेना बीजेपी को साथ लेकर चलने के लिए तैयार नहीं है.

ठाणे: महाराष्ट्र में शिवसेना (शिंदे गुट) और भाजपा के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है. मीडिया में कल्याण-डोंबिवली विधानसभा क्षेत्र में गठबंधन में विवाद खबरें चल रही हैं. इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने इस्तीफे की धमकी दी है. कहा जा रहा है कि वो कई मामलों पर नाराज बताए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि डोंबिवली में बीजेपी नेता शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में दरार डालने की कोशिश कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिव्या में विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण किया लेकिन दिव्या के विकास के लिए मिले फंड को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच तकरार जारी है. क्योंकि शिवसेना राज्य में भाजपा के साथ गठबंधन में है, इसलिए दिव्या के विकास के लिए फंड गठबंधन के माध्यम से आया है. ऐसे में भाजपा कार्यकर्ता आरोप लगा रहे हैं कि बजट लाने का श्रेय सिर्फ शिवसेना ही ले रही है. इस पर भाजपा नेताओं ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. उनका कहना है कि वे ऐसी पार्टी (शिवसेना) से गठबंधन नहीं चाहते, जो अकेले श्रेय लेती हो.

बीजेपी ने लगाया शिवसेना पर आरोप
प्रदेश में शिवसेना और बीजेपी गठबंधन में दरार के संकेत मिल रहे हैं. इस बीच सूत्रों से खबर मिली है कि अगले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री के पुत्र डॉ. श्रीकांत शिंदे के निर्वाचन क्षेत्र दिव्या में शिवसेना और भाजपा के बीच संघर्ष देखने को मिल सकता है. क्योंकि बीजेपी नेताओं का कहना है कि विकास कार्यों का श्रेय केवल शिवसेना ही ले रही है, जबकि राज्य में गठबंधन की सरकार है. दीव्या में गठबंधन को लेकर शिवसेना की तरफ से कोई तालमेल नहीं है. बीजेपी का कहना है कि दिव्या क्षेत्र में शिवसेना की तरफ से गठबंधन जैसा कोई तालमेल नहीं है.

बीजेपी नहीं चाहती गठबंधन!
दिव्या शहर अध्यक्ष भाजपा रोहिदास मुंडे ने कहा कि दिव्या में शिवसेना ने पिछले 25 साल से बीजेपी से गठबंधन नहीं किया. ऐसे में कई सवाल खड़े कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम दिव्या में गठबंधन नहीं चाहते हैं. दिव्या में बीजेपी अकेले है.

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दिव्या विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन किया गया. इस पर रोहिदास मुंडे ने आरोप लगाया है कि विभिन्न स्थानों पर लगे बैनरों पर केवल शिवसेना के पदाधिकारियों के नाम हैं और बीजेपी पदाधिकारियों के नाम हटा दिए गए हैं. मुंडे ने यह सवाल भी उठाया है कि राज्य में जब गठबंधन की सरकार ने तो शिवसेना ने बीजेपी नेताओं की फोटो क्यों नहीं लगाई?

इस मुद्दे पर जब स्थानीय शिवसेना नेताओं और पूर्व नगरसेवकों से जब भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में पूछा गया तो वे इस बारे में बात करने से बचते रहे. इससे पता चलता है कि शिवसेना बीजेपी को साथ लेकर चलने के लिए तैयार नहीं है.

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